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प्रयागराज में पुलिस का ऑपरेशन खुशी अभियान, अपनों से मिलेंगे बिछड़े बच्चे

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में पुलिस विभाग ने ऑपरेशन खुशी अभियान के माध्यम से बिछड़े बच्चों को अपनों से मिलाने की जिम्मेदारी उठाई है. इसके लिए पुलिस विभिन्न माध्यमों का उपयोग कर रही है.

अभियान की जानकारी देते सीओ तृतीय
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Published : Sep 17, 2019, 12:34 PM IST

प्रयागराज: ऑपरेशन खुशी के तहत प्रयागराज पुलिस ने बिछड़े हुए बच्चों को अपनों से मिलाने का जिम्मा उठाया है. इस अभियान को सफल बनाने के लिए एक सब इंस्पेक्टर, दो कांस्टेबल समेत दो महिला कांस्टेबल की तैनाती की गई है. ऑपरेशन खुशी का उद्देश्य है कि जो बच्चे किसी भी तरह से अपनों तक नहीं पहुंच पाते हैं, उनको किसी न किसी तरह से उनके अपनों से मिलाया जाए.

ऑपरेशन खुशी अभियान की जानकारी देते सीओ तृतीय.

बिछड़े बच्चों को अपनों से मिलाएगी प्रयागराज पुलिस

  • जिले में ऑपरेशन खुशी अभियान 21 अगस्त से चलाया गया था.
  • अभी तक इस अभियान के तहत पुलिस 11 खोए हुए बच्चों को उनके परिवार तक पहुंचाया जा चुका है.
  • अभियान की बागडोर सीओ तृतीय अमित आनंद ने संभाल रखी है.

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इस अभियान का उद्देश्य बिछड़े बच्चों को उनके मां-बाप के पास पहुंचाना है, जो किसी भी कारणवश अनाथालय में चले जाते हैं और अपनी जिंदगी गुजारने को मजबूर हो जाते हैं. अब तक इस ऑपरेशन के तहत 11 बच्चों को उनके माता-पिता के पास पहुंचाया जा चुका है.
- अमित आनंद, सीओ तृतीय

प्रयागराज: ऑपरेशन खुशी के तहत प्रयागराज पुलिस ने बिछड़े हुए बच्चों को अपनों से मिलाने का जिम्मा उठाया है. इस अभियान को सफल बनाने के लिए एक सब इंस्पेक्टर, दो कांस्टेबल समेत दो महिला कांस्टेबल की तैनाती की गई है. ऑपरेशन खुशी का उद्देश्य है कि जो बच्चे किसी भी तरह से अपनों तक नहीं पहुंच पाते हैं, उनको किसी न किसी तरह से उनके अपनों से मिलाया जाए.

ऑपरेशन खुशी अभियान की जानकारी देते सीओ तृतीय.

बिछड़े बच्चों को अपनों से मिलाएगी प्रयागराज पुलिस

  • जिले में ऑपरेशन खुशी अभियान 21 अगस्त से चलाया गया था.
  • अभी तक इस अभियान के तहत पुलिस 11 खोए हुए बच्चों को उनके परिवार तक पहुंचाया जा चुका है.
  • अभियान की बागडोर सीओ तृतीय अमित आनंद ने संभाल रखी है.

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इस अभियान का उद्देश्य बिछड़े बच्चों को उनके मां-बाप के पास पहुंचाना है, जो किसी भी कारणवश अनाथालय में चले जाते हैं और अपनी जिंदगी गुजारने को मजबूर हो जाते हैं. अब तक इस ऑपरेशन के तहत 11 बच्चों को उनके माता-पिता के पास पहुंचाया जा चुका है.
- अमित आनंद, सीओ तृतीय

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ऑपरेशन खुशी के तहत बिछड़ोको मिलाता है पुलिस विभाग

ऑपरेशन खुशी के तहत प्रयाग राज पुलिस अपनों से बिछड़े हुए लोगों को मिलाने का जिम्मा उठा रही है इस अभियान के तहत ऑपरेशन खुशी में एक्सर्मस्टर दो कांस्टेबल और 2 महिला कांस्टेबल शामिल रहते हैं ऑपरेशन खुशी का उद्देश कि जो बच्चे किसी भी तरह से अपनों तक नहीं पहुंच पाते उनको किसी भी माध्यम से पहचान ढूंढ कर उनको अपने तक पहुंचाते हैं


Body:प्रयागराज पुलिस द्वारा चलाया गया ऑपरेशन खुशी अभियान पूरी तरह सफल नजर आ रहा है क्योंकि 21 अगस्त से इस अभियान की शुरुआत हुई थी और आज तक 11 बच्चे अपने परिवार के पास पहुंच चुके हैं अभियान की बागडोर संभाल रहे क्षेत्राधिकारी तृतीय का कहना है कि हमारा उद्देश्य उन बच्चों को उन मां-बाप के पास पहुंचाना है जो चाह कर भी किसी भी कारणवश अनाथालय में चले जाते हैं या महिला शरणालय में अपनी जिंदगी गुजारने को मजबूर रहते हैं उनको किसी भी माध्यम से उनके घर तक पहुंचाना इनका खास मकसद है अब तक इस ऑपरेशन में 11 बच्चों को उनके माता-पिता के पास पहुंचाया जा चुका है इस अभियान में यह लोग स्टेशनों बस स्टेशन और बाजारों में सादे में घूमते हैं और जब इन्हें कोई ऐसा बच्चा या लड़की दिखती है तो वह उससे पूछताछ करके अपने साथ ले आते हैं

बाइट ---- अमित आनंद (सी ओ तृतीय)


Conclusion:भले ही इस अभियान में थोड़ा समय लगता है लेकिन ऑपरेशन खुशी के चलाए जाने से बच्चों को अनाथालय ना जाकर अपने माता-पिता के पास वापस पहुंच जाते हैं अब आगे यह देखना होगा कि इस ऑपरेशन को चलाने में पुलिस विभाग कितना सफल हो पाता है यह तो आने वाला समय बताएगा
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