प्रयागराज: डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Deputy CM Keshav Prasad Maurya) के शहर प्रयागराज में एक ऐसा अस्पताल है, जहां उसे बने 15 साल होने पर भी एक डॉक्टर तक नसीब नहीं हुआ. इसका निर्माण 2007 में हुआ था. लेकिन, अभी तक न तो मेडिकल स्टॉफ और न ही डॉक्टर मिला है. लोगों का कहना है कि अब तो अस्पताल की बिल्डिंग भी जर्जर (plight of Prayagraj hospital no doctors) हो गई है. लोगों ने ईटीवी भारत से बातचीत में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) से अस्पताल को दुरुस्त कराने और डॉक्टर की मांग की है.
प्रयागराज में शहर से दूर लालापुर के अमिलिया इलाके में एक बीघा जमीन में महिलाओं के लिए इस अस्पताल को बनाया गया था. इस महिला हॉस्पिटल के लिए इलाके के श्रीनाथ त्रिपाठी और उनके भाई ने अपनी एक बीघा जमीन को अस्पताल के निर्माण के लिए दान दे दिया था. इसके बाद अस्पताल का निर्माण शुरू हुआ और ग्रामीणों को खुशी हुई कि महिलाओं को इलाज के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा. उन्हें अब गांव में ही बेहतर इलाज मिलेगा. लेकिन, अस्पताल का निर्माण पूरा होने के 15 साल बाद भी डॉक्टर तक नहीं आए.
2007 में पूरा हुआ महिला अस्पताल का निर्माण
15 साल पहले 2007 में प्रदेश में बसपा की सरकार के दौरान इस अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा हो गया था. लेकिन, अस्पताल में महिलाओं का इलाज करने के लिए डॉक्टर और मेडिकल स्टॉफ की तैनाती (plight of Prayagraj hospital no doctors) नहीं की गई. 2012 में सपा की सरकार बनी और अस्पताल को बनवाने में अहम किरदार निभाया. लेकिन, 2012 से 2017 के बीच अखिलेश यादव की सपा सरकार के दौरान भी इस अस्पताल को डॉक्टर नसीब नहीं हो सका. 2017 से 2022 के दौरान भाजपा राज में भी इस अस्पताल को एक डॉक्टर और मेडिकल स्टॉफ नहीं मिल सका है. वहीं, योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भी अस्पताल में बदहाली है. अभी तक महिलाओं को भर्ती कर उन्हें इलाज की सुविधा नहीं मिल पाई है.
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राजकीय महिला चिकित्सालय (Government Women Hospital Prayagraj) के लिए सरकार को जमीन नहीं मिली तो अमिलिया गांव के ही रहने वाले श्रीनाथ त्रिपाठी और श्री नारायण त्रिपाठी ने अपनी एक बीघा जमीन अस्पताल निर्माण के लिए दान कर दी थी. क्योंकि इस पूरे इलाके के लोगों और महिलाओं को अच्छे इलाज के लिए 50 किलोमीटर का सफर तय कर शहर तक आना पड़ता है. सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं को होती है. लेकिन, ग्रामीणों की समस्या जस की तस बनी हुई है.
प्रयागराज सीएमओ डॉक्टर नानक सरन (Prayagraj CMO Dr Nanak Saran) ने बताया कि इस मामले की जानकारी मिलते ही उन्होंने सरकार को पत्र भेजा और अस्पताल के लिए नियमित डॉक्टर और मेडिकल स्टॉफ उपलब्ध करवाने की मांग की है. इसके साथ ही अस्पताल के लिए अन्य मेडिकल सुविधाएं और अस्पताल की बिल्डिंग की मरम्मत के लिए फंड की भी मांग की है.
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