प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल करके मुख्तार अंसारी के दो करीबियों को कोर्ट में पेश करने की मांग की गई है. एडवोकेट उपेंद्र उपाध्याय के अनुसर याचिका में आरोप है कि मुख्तार के करीबी जुनैद और मतीन को पुलिस 26 फरवरी से अवैध रूप से अभिरक्षा में रखे हुए है. उन्हें अब तक कोर्ट में पेश नहीं किया गया है और उनकी गिरफ्तारी भी नहीं दिखाई गई है. यह भी कहा गया है कि उनके परिजनों को यह भी नहीं बताया गया कि किस मामले में उन्हें हिरासत में लिया गया है.
याचिका में दोनों को पुलिस की अवैध हिरासत से रिहा करने की मांग की गई है. याचिका के अनुसार बांदा पुलिस ने गत 26 फरवरी को रात आठ बजे दोनों को अवैध रूप से हिरासत में लिया है. बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में प्रमुख सचिव गृह, डीजी एसटीएफ, एसपी चित्रकूट, एसपी बांदा और कोतवाली बांदा एसएचओ को पक्षकार बनाया गया है.
गौरतलब है कि, जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी का एक ऐसा सूदखोर गुर्गा है, जिसे ढूंढने में पुलिस के पसीने छूट रहे हैं. लखनऊ, गाजीपुर, मऊ, दिल्ली और पंजाब में कई बार डेरा भी डाल चुकी है. जबकि पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के पुत्र अभियुक्त अब्बास अंसारी भी मऊ से विधायक हैं. मनी लांड्रिंग मामले में चित्रकूट जेल में बंद रहने के दौरान अब्बास ने अपनी पत्नी निखत बानो के साथ मिलकर जेल से भागने और कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की हत्या की योजना भी बनाई थी. इसका खुलासा खुद निखत ने पुलिस के सामने किया था.
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