प्रयागराज : पीएम मोदी के किसानों की आय दोगुनी करने के सपने को साकार करने की दिशा में फूलपुर की इफको(IFFCO) यूनिट ने लिक्विड नैनो यूरिया तैयार किया है. इसका निर्माण करने में नैनो तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. यह लिक्विड नैनो यूरिया किसानों के लिए बरदान साबित हो रहा है. इफको यूनिट में तैयार नैनो यूरिया की 500 ग्राम की एक बोतल 45 किलो यूरिया की बोरी के बराबर है. कई सालों के गहन अध्यन के बाद इसे तैयार किया गया है.
नैनो लिक्विड यूरिया की 500 ग्राम बोतल 45 किलो यूरिया की बोरी से काफी कम है. वहीं बजन की बात करें तो यूरिया की एक बोरी और लिक्विड यूरिया की बोतल में बड़ा अंतर है. नैनो यूरिया की बेहतर उपयोगिता जानने के बाद कई देशों से इसकी डिमांड की जा चुकी है. विदेशी मांग पर इफको ने अभी तक सिर्फ श्री लंका को ही नैनो यूरिया की सप्लाई भेजी है. नैनो यूरिया को इफको ने न सिर्फ देश बल्कि विदेशों में भी पेटेंट करा लिया है.
एक एकड़ के लिए उपयोगी है 500 ग्राम की लिक्विड यूरिया
इफको के अधिकारियों का दावा है कि 500 ग्राम की नैनो लिक्विड यूरिया एक एकड़ खेत में यूरिया की जरूरत को आसानी से पूरा कर सकती है. इसकी कीमत मात्र 240 रुपये है, इतनी कम कीमत में एक एकड़ की फसल में यूरिया की कमी पूरी होगी. कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि जिस तरह से यूरिया की एक बोरी का छिड़काव किया जाता है. उसी तरह से नैनो यूरिया का छिड़काव आसानी से खेतों में किया जा सकता है. नैनो यूरिया को खेत में छिड़कने के लिए पानी में मिलाकर स्प्रे के जरिए खेतों में छिड़का जा सकता है.
इसके अलावा ड्रोन का इस्तेमाल करके भी नैनो यूरिया को और भी आसान तरीके से प्रयोग किया जा सकता है. किसान आधा लीटर की एक बोतल नैनो यूरिया को 100 लीटर पानी में मिलाकर खेत में स्प्रे के जरिये छिड़काव कर सकते हैं. जबकि ड्रोन के जरिये इसी एक बोतल नैनो यूरिया को मात्र 10 लीटर पानी में मिलाकर खेतों में छिड़काव कर सकते हैं. इफको अधिकारियों का कहना है कि नैनो यूरिया का छिड़काव करने के लिए वह किसानों को ड्रोन खरीदने व उड़ाने की परमीशन दिलाने में मदद करेंगे.
इफको में किसानों को दी जा रही है ट्रेनिंग
नैनो यूरिया के छिड़काव करने के लिए किसानों को ट्रेनिंग दी जा रही है. इफको कॉरडेट के प्रिंसिपल राजेन्द्र यादव ने बताया कि लिक्विड नैनो यूरिया के इस्तेमाल से लेकर उसके महत्व और उपयोगिता के बारे में किसानों को विस्तार से बताया जा रहा है. किसानों को नैनो यूरिया के छिड़काव के बारे में प्रशिक्षित भी किया जा रहा है. इसके अलावा जल्द ही गांवों में जाकर इफको की टीम ड्रोन से नैनो यूरिया का छिड़काव करने का तरीका बताएगी.
नैनो लिक्विड यूरिया का जिस तरह से खेतों में छिड़काव किया जाता है उससे 80 से 90 फीसदी तक पोषक तत्व सीधे पौधे के अंदर तक पहुंचते हैं. नैनो लिक्विड यूरिया पानी मे मिलाकर जब खेतों में छिड़की जाती है, तो पत्तियों के जरिए उसके सभी पोषक तत्व फसल के पौधे के अंदर तक पहुंचते हैं. जिससे फसल की उपज बेहतर होती है और किसानों की आय भी बढ़ती है. इसी वजह से नैनो लिक्विड यूरिया को किसानों की आय बढ़ाने वाला भी कहा जा रहा है.
नैनो यूरिया को बाजार में लांच करने से पहले देश भर में 94 फसलों में 11 हजार से अधिक खेतों में इसका ट्रायल किया गया है. देश भर के 20 से अधिक कृषि अनुसंधान संस्थान और कृषि विश्विद्यालय के कृषि परीक्षण केंद्र में इसका परीक्षण किया जा चुका है. अलग-अलग हिस्सों में सफल टेस्टिंग होने के बाद इफको ने इसे बाजार में उतारा है.
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