प्रयागराज: कोरोना के बाद अब म्युकर माइकोसिस (ब्लैक फंगस) दहशत का दूसरा नाम बन गया है. कोरोना के साथ ब्लैक फंगस की दस्तक ने लोगों को भयभीत कर दिया है, लेकिन इसी बीच प्रयाग वासियों के लिए एक सुकून भरी खबर भी है. यहां के एसआरएन हॉस्पिटल के डॉक्टरों की टीम ने ब्लैक फंगस के पहले केस का सफल ऑपरेशन करने में कामयाबी हासिल कर ली है. जिले में अभी तक ब्लैक फंगस के 4 केस सामने आ चुके हैं. जिसमें से एक का सफल ऑपरेशन एसआरएन कोविड एल-3 हॉस्पिटल में किया गया.
प्रयागराज में ब्लैक फंगस के अब तक चार केस मिल चुके हैं. जिसमें से तीन मामले ऐसे हैं, जिनका इलाज स्वरूप रानी नेहरू कोविड एल-3 हॉस्पिटल में चल रहा है. श्रावस्ती जिले से आये इस मरीज का एसआरएन हॉस्पिटल के डॉक्टरों की टीम ने सफल ऑपरेशन किया है. ढ़ाई घंटे से ज्यादा समय तक चले ऑपरेशन में डॉक्टरों ने ब्लैक फंगस से संक्रमित टिश्यू (कोशिकाएं ) निकाल दी हैं. प्रयागराज में ब्लैक फंगस का ये पहला ऑपरेशन है, जिसे जिले के एसआरएन हॉस्पिटल के डॉक्टरों की टीम ने किया है.
मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ एसपी सिंह ने ब्लैक फंगस का सफल ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों की टीम को बधाई दी है. इसके साथ ही जिले के लोगों को इस बीमारी से न घबराने की अपील की है. उन्होंने लोगों से कहा है कि इस बीमारी के लक्षण दिखते ही मरीज डॉक्टरों से संपर्क करने में देर न करें. इस बीमारी का समय से पता चल जाने पर इलाज हो सकता है, लेकिन जब बीमारी फैलकर विकराल रूप ले लेती है तब इसका इलाज मुश्किल हो जाता है. उन्होंने लोगों से अपील है कि कोरोना संक्रमित और कोरोना से स्वस्थ होने वाले लोग भी ठीक होने के बाद आंख और नाक में तकलीफ होने पर डॉक्टरी सलाह लेकर जांच करवाएं जिससे कि बीमारी का समय रहते पता चल जाये. इसका शुरुआत में इलाज मुश्किल नहीं होता है, लेकिन ब्लैक फंगस के फैल जाने पर ऑपरेशन के जरिये इलाज होता है. जिसमें डॉक्टरों को इन्फेक्टेड टिश्यू को ऑपरेशन के जरिये निकालना पड़ता है.