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प्रयागराज: हाईकोर्ट ने दी जया प्रदा को बड़ी राहत - इलाहाबाद हाईकार्ट ने रद्द किया वारंट

पूर्व सांसद और फिल्म अभिनेत्री जया प्रदा को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है. हाईकोर्ट ने रामपुर में उनके खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट को रद्द करने का आदेश दिया है. लोकसभा चुनाव के दौरान उनके खिलाफ रामपुर जिले के थाना कैमरी और थाना स्वार में आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया था. इसी मामले में रामपुर कोर्ट की ओर से जया प्रदा के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था.

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जया प्रदा के खिलाफ गैर जमानती वारंट रद्द.
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Published : Jun 30, 2020, 4:03 PM IST

Updated : Jun 30, 2020, 9:23 PM IST

प्रयागराज: हाईकोर्ट ने पूर्व सांसद और फिल्म अभिनेत्री जया प्रदा को बड़ी राहत दी है. हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ रामपुर के अपर सत्र न्यायाधीश के समक्ष विचाराधीन आपराधिक मुकदमा और उस पर जारी गैर जमानती वारंट को रद्द करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने अधीनस्थ अदालतों को नियमानुसार नये सिरे से आदेश पारित करने के लिए प्रकरण वापस कर दिया है.

हाईकोर्ट ने दी जया प्रदा को बड़ी राहत.

पुलिस ने जया प्रदा नाहटा के खिलाफ लाल बत्ती प्रकरण में असंज्ञेय अपराध मानते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 171जी के तहत चार्जशीट दाखिल की थी. इस पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. हाईकोर्ट ने मुकदमे की कार्रवाई को अवैध करार देते हुए अदालत को नए सिरे से नियमानुसार कार्रवाई की छूट दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति ओम प्रकाश सप्तम ने जया प्रदा की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है.

याची के खिलाफ रामपुर के थाना स्वार और थाना कैमारी में दर्ज मामले में पुलिस ने एनसीआर दाखिल की और धारा 171जी के तहत चार्जशीट दाखिल की थी. राज्य सरकार की तरफ से मुकदमा सत्र न्यायालय में पेश हुआ और कोर्ट ने दोनों मामलों में याची के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया. इन आदेशों सहित मुकदमे के विचारण की वैधता को याची ने इलाहाबाह हाईकोर्ट में चुनौती दी.

याची का कहना है कि आरोपी धारा के तहत दो माह की अधिकतम सजा और 200 रुपये जुर्माना या दोनों सजा का प्रावधान है. यह असंज्ञेय अपराध है, जिसे संज्ञेय अपराध मानकर विचारण करना न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है. कोर्ट ने याची के तर्कों को सही माना और दोनों मुकदमों की कार्यवाही और पारित सभी आदेश को रद्द कर दिया है.

लोकसभा चुनाव के दौरान दर्ज हुआ था मुकदमा

लोकसभा चुनाव के दौरान थाना स्वार और कैमरी में चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ था. जिस पर पुलिस ने बिना बयान दर्ज किए ही उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी थी. इस पर दोबारा विवेचना में उपरोक्त मुकदमों में आचार संहिता का उल्लंघन होना नहीं पाया गया. वहीं कोर्ट के द्वारा मामला संज्ञान में लेने के कारण जया प्रदा के खिलाफ दोनों मामलों में रामपुर स्पेशल जज (एमपी/एमएलए) न्यायालय-6 द्वारा उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया गया. जिसे हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है.

यह है पूरा मामला
रामपुर लोकसभा चुनाव के दौरान थाना कैमरी के ग्राम पिपलिया मिश्र में चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने के मामले में भाजपा लोकसभा प्रत्याशी एवं पूर्व सांसद जया प्रदा के खिलाफ 20 अप्रैल 2019 को एनसीआर दर्ज की गई थी. वहीं थाना स्वार के ग्राम नूरपुर में लोकसभा चुनाव के दौरान ही 22 अप्रैल 2019 को सड़क का उद्घाटन करने के मामले में भी चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में एनसीआर दर्ज हुई थी. जिस पर दोनों मामलों में पुनः विवेचना में चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं मिला है.

वहीं अधिवक्ता मुस्तफा हुसैन ने बताया कि रामपुर लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी रहीं जय प्रदा के खिलाफ चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के मामले में थाना स्वार और थाना कैमरी में एनसीआर दर्ज की थी. जिस पर रामपुर न्यायालय द्वारा उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट रद्द कर दिया है. उन्होंने बताया कि मामले को स्टेट केस के रूप में न चलाते हुए परिवाद के रूप में चलाया जाएगा.

प्रयागराज: हाईकोर्ट ने पूर्व सांसद और फिल्म अभिनेत्री जया प्रदा को बड़ी राहत दी है. हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ रामपुर के अपर सत्र न्यायाधीश के समक्ष विचाराधीन आपराधिक मुकदमा और उस पर जारी गैर जमानती वारंट को रद्द करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने अधीनस्थ अदालतों को नियमानुसार नये सिरे से आदेश पारित करने के लिए प्रकरण वापस कर दिया है.

हाईकोर्ट ने दी जया प्रदा को बड़ी राहत.

पुलिस ने जया प्रदा नाहटा के खिलाफ लाल बत्ती प्रकरण में असंज्ञेय अपराध मानते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 171जी के तहत चार्जशीट दाखिल की थी. इस पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. हाईकोर्ट ने मुकदमे की कार्रवाई को अवैध करार देते हुए अदालत को नए सिरे से नियमानुसार कार्रवाई की छूट दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति ओम प्रकाश सप्तम ने जया प्रदा की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है.

याची के खिलाफ रामपुर के थाना स्वार और थाना कैमारी में दर्ज मामले में पुलिस ने एनसीआर दाखिल की और धारा 171जी के तहत चार्जशीट दाखिल की थी. राज्य सरकार की तरफ से मुकदमा सत्र न्यायालय में पेश हुआ और कोर्ट ने दोनों मामलों में याची के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया. इन आदेशों सहित मुकदमे के विचारण की वैधता को याची ने इलाहाबाह हाईकोर्ट में चुनौती दी.

याची का कहना है कि आरोपी धारा के तहत दो माह की अधिकतम सजा और 200 रुपये जुर्माना या दोनों सजा का प्रावधान है. यह असंज्ञेय अपराध है, जिसे संज्ञेय अपराध मानकर विचारण करना न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है. कोर्ट ने याची के तर्कों को सही माना और दोनों मुकदमों की कार्यवाही और पारित सभी आदेश को रद्द कर दिया है.

लोकसभा चुनाव के दौरान दर्ज हुआ था मुकदमा

लोकसभा चुनाव के दौरान थाना स्वार और कैमरी में चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ था. जिस पर पुलिस ने बिना बयान दर्ज किए ही उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी थी. इस पर दोबारा विवेचना में उपरोक्त मुकदमों में आचार संहिता का उल्लंघन होना नहीं पाया गया. वहीं कोर्ट के द्वारा मामला संज्ञान में लेने के कारण जया प्रदा के खिलाफ दोनों मामलों में रामपुर स्पेशल जज (एमपी/एमएलए) न्यायालय-6 द्वारा उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया गया. जिसे हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है.

यह है पूरा मामला
रामपुर लोकसभा चुनाव के दौरान थाना कैमरी के ग्राम पिपलिया मिश्र में चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने के मामले में भाजपा लोकसभा प्रत्याशी एवं पूर्व सांसद जया प्रदा के खिलाफ 20 अप्रैल 2019 को एनसीआर दर्ज की गई थी. वहीं थाना स्वार के ग्राम नूरपुर में लोकसभा चुनाव के दौरान ही 22 अप्रैल 2019 को सड़क का उद्घाटन करने के मामले में भी चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में एनसीआर दर्ज हुई थी. जिस पर दोनों मामलों में पुनः विवेचना में चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं मिला है.

वहीं अधिवक्ता मुस्तफा हुसैन ने बताया कि रामपुर लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी रहीं जय प्रदा के खिलाफ चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के मामले में थाना स्वार और थाना कैमरी में एनसीआर दर्ज की थी. जिस पर रामपुर न्यायालय द्वारा उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट रद्द कर दिया है. उन्होंने बताया कि मामले को स्टेट केस के रूप में न चलाते हुए परिवाद के रूप में चलाया जाएगा.

Last Updated : Jun 30, 2020, 9:23 PM IST
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