ETV Bharat / state

शस्त्र का दुरुपयोग न होने पर भी लाइसेंस निरस्त करना मनमाना और अवैध : हाईकोर्ट - फोटो आइडेंटीफिकेशन सेंटर

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि यदि शस्त्र लाइसेंस का दुरुपयोग नहीं किया गया है तो आपराधिक केस दर्ज होने के कारण मात्र से शस्त्र लाइसेंस निरस्त करना मनमाना और विधि विरुद्ध है. पिछले 22 साल से लाइसेंस निरस्त करने के आदेश पर रोक लगी है जिसके दुरुपयोग का सबूत न होने पर भी लाइसेंस निरस्त करना उचित नहीं है.

etv bharat
इलाहाबाद हाईकोर्ट
author img

By

Published : Feb 23, 2022, 10:02 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि यदि शस्त्र लाइसेंस का दुरुपयोग नहीं किया गया है तो आपराधिक केस दर्ज होने के कारण मात्र से शस्त्र लाइसेंस निरस्त करना मनमाना और विधि विरुद्ध है. कोर्ट ने कहा कि दो परिवारों की दुश्मनी के चलते दोनों तरफ से कई लोगों की हत्या की जा चुकी है. जीवन को खतरा बरकरार है. पिछले 22 साल से लाइसेंस निरस्त करने के आदेश पर रोक लगी है जिसके दुरुपयोग का सबूत न होने पर भी लाइसेंस निरस्त करना उचित नहीं है.

इसे भी पढ़ेंः इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश- अतिक्रमण मामले में निर्णय ले यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण

कोर्ट ने जिलाधिकारी द्वारा शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने और मंडलायुक्त द्वारा अपील खारिज करने के आदेशों को रद्द कर दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति गौतम चौधरी ने सुधाकर मिश्र की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है. याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता दया शंकर मिश्र (Senior Advocate Daya Shankar Mishra) ने बहस की.

इनका कहना था कि 18 मई 89 को आपराधिक पृष्ठभूमि के कारण याची का शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर दिया गया. आयुक्त वाराणसी ने इसके खिलाफ अपील भी खारिज कर दी. याची के भाई दिवाकर मिश्र का भी शस्त्र लाइसेंस निरस्त किया गया था. हाईकोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए जिलाधिकारी का आदेश रद्द कर दिया है. कोर्ट ने कहा पारिवारिक दुश्मनी के चलते जीवन को खतरा है. कई लोगों की हत्या हो चुकी है. याची द्वारा शस्त्र लाइसेंस का दुरुपयोग नहीं किया गया है. ऐसे में लाइसेंस निरस्त करना सही नहीं है.

सात मार्च तक बिना हलफनामे के दाखिल हो सकेंगे हाईकोर्ट में केस

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 22 फरवरी को जारी कोर्ट गाइडलाइंस की खामी दूर कर ली है. अब बिना हलफनामे के आश्वासन पर याचिकाएं, अर्जियां, अपीलें 7 मार्च तक इस शर्त के साथ स्वीकार की जाएंगी कि 45 दिन के भीतर हलफनामा दाखिल करना होगा. इस आशय की अधिसूचना महानिबंधक आशीष गर्ग (Notification Registrant General Ashish Garg) ने जारी की है. हाईकोर्ट ने फोटो आइडेंटीफिकेशन सेंटर और इंट्री पास व्यवस्था 22 फरवरी से लागू करने की घोषणा की थी किंतु हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने कहा कि 7 मार्च 22 से फोटो आइडेंटीफिकेशन सेंटर के चालू होगा. इस पर हाईकोर्ट ने जारी अधिसूचना संशोधित की है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि यदि शस्त्र लाइसेंस का दुरुपयोग नहीं किया गया है तो आपराधिक केस दर्ज होने के कारण मात्र से शस्त्र लाइसेंस निरस्त करना मनमाना और विधि विरुद्ध है. कोर्ट ने कहा कि दो परिवारों की दुश्मनी के चलते दोनों तरफ से कई लोगों की हत्या की जा चुकी है. जीवन को खतरा बरकरार है. पिछले 22 साल से लाइसेंस निरस्त करने के आदेश पर रोक लगी है जिसके दुरुपयोग का सबूत न होने पर भी लाइसेंस निरस्त करना उचित नहीं है.

इसे भी पढ़ेंः इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश- अतिक्रमण मामले में निर्णय ले यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण

कोर्ट ने जिलाधिकारी द्वारा शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने और मंडलायुक्त द्वारा अपील खारिज करने के आदेशों को रद्द कर दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति गौतम चौधरी ने सुधाकर मिश्र की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है. याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता दया शंकर मिश्र (Senior Advocate Daya Shankar Mishra) ने बहस की.

इनका कहना था कि 18 मई 89 को आपराधिक पृष्ठभूमि के कारण याची का शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर दिया गया. आयुक्त वाराणसी ने इसके खिलाफ अपील भी खारिज कर दी. याची के भाई दिवाकर मिश्र का भी शस्त्र लाइसेंस निरस्त किया गया था. हाईकोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए जिलाधिकारी का आदेश रद्द कर दिया है. कोर्ट ने कहा पारिवारिक दुश्मनी के चलते जीवन को खतरा है. कई लोगों की हत्या हो चुकी है. याची द्वारा शस्त्र लाइसेंस का दुरुपयोग नहीं किया गया है. ऐसे में लाइसेंस निरस्त करना सही नहीं है.

सात मार्च तक बिना हलफनामे के दाखिल हो सकेंगे हाईकोर्ट में केस

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 22 फरवरी को जारी कोर्ट गाइडलाइंस की खामी दूर कर ली है. अब बिना हलफनामे के आश्वासन पर याचिकाएं, अर्जियां, अपीलें 7 मार्च तक इस शर्त के साथ स्वीकार की जाएंगी कि 45 दिन के भीतर हलफनामा दाखिल करना होगा. इस आशय की अधिसूचना महानिबंधक आशीष गर्ग (Notification Registrant General Ashish Garg) ने जारी की है. हाईकोर्ट ने फोटो आइडेंटीफिकेशन सेंटर और इंट्री पास व्यवस्था 22 फरवरी से लागू करने की घोषणा की थी किंतु हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने कहा कि 7 मार्च 22 से फोटो आइडेंटीफिकेशन सेंटर के चालू होगा. इस पर हाईकोर्ट ने जारी अधिसूचना संशोधित की है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.