प्रयागराजः जिले के एसआरएन हॉस्पिटल में युवती के ऑपरेशन के दौरान उसके साथ गैंगरेप नहीं हुआ था. पुलिस ने इस मामले की जांच पूरी करके फाइनल रिपोर्ट लगा दी है. जांच में युवती के मुंह बोले भाई द्वारा वीडियो वॉयरल करके जो भी आरोप लगाए गए थे, पुलिस की जांच में झूठे साबित हुए. यह जानकारी डीएम एसएसपी के साथ ही सीएमओ और मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने साझा प्रेस कांफ्रेंस करके दी.
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प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल में 31 मई की रात को मिर्जापुर से गंभीर हालत में लायी गयी युवती का ऑपरेशन किया गया था.ऑपरेशन करने वाली टीम में 8 डॉक्टर शामिल थे, जिसमें 5 महिला डॉक्टर भी थी. ऑपरेशन के दो दिन बाद युवती के मुंहबोले भाई ने सोशल मीडिया में एक वीडियो वॉयरल किया. जिसमें दिख रहा था कि बेड पर लेटी हुई युवती पेपर पर लिख रही थी कि उसके साथ गलत काम हुआ है. वीडियो वायरल होने के बाद जिले में हड़कंप मच गया था.आनन-फानन में सीएमओ और मेडिकल कॉलेज की दो टीमें बनाकर मामले की जांच शुरू करवायी गयी. दोनों ही टीमों के जांच रिपोर्ट में मरीज के साथ रेप से साफ इंकार किया गया. जिसके बाद समाजवादी पार्टी के नेताओं ने युवती को इन्साफ दिलाने के लिए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया.8 जून को इलाज के दौरान युवती की मौत हो गई थी. युवती की मौत की खबर फैलते ही पुलिस ने अज्ञात मेडिकल कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी.
8 दिन में पुलिस ने जांच पूरी कर केस बंद किया
8 जून को युवती के मौत के बाद मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने आरोपों की जांच शुरू कर दी. हफ्ते भर से ज्यादा समय तक चली जांच में पुलिस ने पाया कि युवती के साथ रेप जैसी कोई घटना नहीं हुई थी. मेडिकल टीम की जांच रिपोर्ट और अपनी जांच में भी रेप जैसी कोई बात न मिलने पर पुलिस की तरफ से मामले की जांच पूरी करके केस में फाइनल रिपोर्ट लगाते हुए सभी आरोपों को गलत साबित कर दिया. मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और सीएमओ ने भी बताया कि उन्होंने भी मामले की जांच डॉक्टरों की टीम से करवायी थी, लेकिन दोनों की जांच में मुंहबोले भाई की तरफ से लगाये गए आरोप गलत साबित पाए गए.
केस बंद करने की ये बतायी गयी वजह
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एस पी सिंह और सीएमओ प्रभाकर राय ने बताया कि लड़की की आंत में इंफेक्शन की वजह से पेट मे पस भर गया था. जिस वजह से उसकी गम्भीर हालत के कारण रात में ही डॉक्टरों की टीम ने ऑपरेशन किया.ऑपरेशन से पहले यूरिन पास होने के लिए कैथेटर लगाया जाता है और ऑपरेशन के पहले व बाद में ऑपरेट करने वाले हिस्से के आस पास सफाई की जाती है. इसके अलावा वेजाइनल स्वाब को जांच के फोरेंसिक लैब भेज दिया गया था. फोरेंसिक जांच में भी रेप की पुष्टि नहीं हुई है.सीएमओ और मेडिकल कॉलेज की डॉक्टरों की टीम रिपोर्ट पुलिस की जांच रिपोर्ट के साथ ही फोरेंसिक जांच में भी रेप की पुष्टि न होने पर केस बंद कर दिया.