प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कफील खान की रासुका में निरुद्धि के खिलाफ दाखिल याचिका पर याची अधिवक्ता को सरकारी हलफनामे का जवाब दाखिल करने का समय दिया है. 24 अगस्त को याचिका निस्तारित करने की तिथि नियत की है. कोर्ट ने कहा है कि यदि याची की हलफनामा छुट्टी के दिन दाखिल हो तो भी स्वीकार किया जाए. यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति समित गोपाल की खंडपीठ ने डॉ. कफील अहमद खान की मां नुजहत परवीन की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दिया है.
सीएए को लेकर भड़काऊ बयानबाजी करने के लिए जिलाधिकारी अलीगढ़ ने 13 फरवरी 2020 को कफील खान को रासुका में निरुद्ध करने का आदेश दिया है. यह अवधि दो बार बढ़ाई जा चुकी है. याचिका में निरुद्ध की वैधता को चुनौती दी गई है. हालांकि कफील खान को गोरखपुर के गुलहरिया थाने में दर्ज एक मुकदमे में 29 जनवरी 2020 को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका था. जेल में रहते हुए रासुका तामील कराया गया है.
याची ने डॉ. कफील खान की रासुका की सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. कोर्ट ने हाईकोर्ट को मूल पत्रावली भेजते हुए समय तय करने का आदेश दिया है. हालांकि डाक सेवा की उपलब्धता न होने के कारण मूल पत्रावली अभी भी नहीं मिल सकी है. 8 मई 2020 को निबंधक सिविल को ई-मेल प्राप्त हुआ था. जिसपर याचिका कोर्ट में पेश की गई. कोर्ट ने अन्य पक्षकार बनाने की अनुमति देते हुए याचिका 10 जून को रखी. इस दिन याची अधिवक्ता ने समय मांगा और अगली सुनवाई की तिथि 16 जून नियत हुई. सीनियर वकील द्वारा बहस करने, याचिका में संशोधन अर्जी के लिए याची ने समय मांगा. 27 जुलाई को संशोधित याचिका दाखिल करने के लिए याची ने फिर एक सप्ताह का समय मांगा और 5 अगस्त को दाखिल संशोधित याचिका पर सरकार से कोर्ट ने जवाब मांगा.
इसी बीच याची याचिका शीघ्र तय करने का निर्देश जारी करने की मांग में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई. किन्तु यह कहते हुए 14 अगस्त को अर्जी वापस ले ली कि हाईकोर्ट में दाखिल करेंगे. आज सुनवाई के समय याची अधिवक्ता ने प्रत्युत्तर हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा. जिसपर कोर्ट ने याचिका निस्तारित करने की 24 अगस्त की तिथि नियत की है.