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प्रयागराज: NDRF की टीम ने दौरा कर बाढ़ सम्भावित इलाकों को किया चिन्हित

यूपी के प्रयागराज में लगातार गंगा-यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है. ऐसे में एनडीआरएफ की टीम बाढ़ संभावित इलाकों को चिन्हित कर रही है. इसके साथ वहां के लोगों की बाढ़ सुरक्षा इंतजामों का जायजा ले रही है.

एनडीआरएफ की टीम ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का किया दौरा.
एनडीआरएफ की टीम ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का किया दौरा.
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Published : Aug 16, 2020, 12:39 PM IST

प्रयागराज: लगातार गंगा-यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है. ऐसे में एनडीआरएफ की टीम बाढ़ संभावित इलाकों को चिन्हित कर रही है. इसके साथ वहां के लोगों की बाढ़ सुरक्षा इंतजामों का जायजा ले रही है. इसी कड़ी में एनडीआरएफ की टीम ने हंडिया तहसील के बाढ़ संभावित क्षेत्रों में पहुंचकर वहां के लोगों को जागरूक किया.

पिछले बाढ़ के अनुभवों को देखते हुए हंडिया तहसील के ग्नेसीपुरा, झल्याकापुरा, हरिहरपुर, बड़ौली आदि क्षेत्र गंगाजी के बाढ़ के पानी से अत्यधिक प्रभावित रहते हैं. यह क्षेत्र पानी के घेराव के कारण टापू बन जाते हैं. यातायात संपर्क व्यवस्था बाधित हो जाती है. इन इलाकों का दौरा करने पहुंची एनडीआरएफ की टीम ने बाढ़ के दौरान बचाव के लिए प्राथमिक उपचार के तरीकों के बारे में बताया. साथ ही बताया कि कैसे मास्क लगाकर सामाजिक दूरी का पालन करते हुए संक्रमण से बचा जा सकता है.

एनडीआरएफ की टीम ने गांव के लोगों को जानकारी देते हुए बताया कि बाढ़ जैसी स्थिति में तत्कालीन बचाव के लिए एक किट तैयार कर लें. इसमें आपात स्थिति में ली जाने वाली दवाएं मौजूद हों, टार्च, पानी की बोतल, रस्सी, पानी पल्ला, माचिस, चाकू, साबुन, सूखा राशन, बच्चों के लिए पाउडर दूध, बुजुर्गों की दवाएं, प्लास्टिक की थैली में घर के जरूरी दस्तावेज इत्यादि सामान सुरक्षित रखें जो आपात स्थिति में काम आ सकें.

प्रयागराज: लगातार गंगा-यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है. ऐसे में एनडीआरएफ की टीम बाढ़ संभावित इलाकों को चिन्हित कर रही है. इसके साथ वहां के लोगों की बाढ़ सुरक्षा इंतजामों का जायजा ले रही है. इसी कड़ी में एनडीआरएफ की टीम ने हंडिया तहसील के बाढ़ संभावित क्षेत्रों में पहुंचकर वहां के लोगों को जागरूक किया.

पिछले बाढ़ के अनुभवों को देखते हुए हंडिया तहसील के ग्नेसीपुरा, झल्याकापुरा, हरिहरपुर, बड़ौली आदि क्षेत्र गंगाजी के बाढ़ के पानी से अत्यधिक प्रभावित रहते हैं. यह क्षेत्र पानी के घेराव के कारण टापू बन जाते हैं. यातायात संपर्क व्यवस्था बाधित हो जाती है. इन इलाकों का दौरा करने पहुंची एनडीआरएफ की टीम ने बाढ़ के दौरान बचाव के लिए प्राथमिक उपचार के तरीकों के बारे में बताया. साथ ही बताया कि कैसे मास्क लगाकर सामाजिक दूरी का पालन करते हुए संक्रमण से बचा जा सकता है.

एनडीआरएफ की टीम ने गांव के लोगों को जानकारी देते हुए बताया कि बाढ़ जैसी स्थिति में तत्कालीन बचाव के लिए एक किट तैयार कर लें. इसमें आपात स्थिति में ली जाने वाली दवाएं मौजूद हों, टार्च, पानी की बोतल, रस्सी, पानी पल्ला, माचिस, चाकू, साबुन, सूखा राशन, बच्चों के लिए पाउडर दूध, बुजुर्गों की दवाएं, प्लास्टिक की थैली में घर के जरूरी दस्तावेज इत्यादि सामान सुरक्षित रखें जो आपात स्थिति में काम आ सकें.

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