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प्रयागराज: हर परिस्थिति में तैयार रहती है NDRF, दी जाती है कठोर ट्रेनिंग

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आई बाढ़ में फसे लोगों को निकालने के लिए एनडीआरफ टीम लगाई गई. NDRF कमांडेंट शिवराज ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में NDRF के बारे में कई अहम बातें बताई.

NDRF कमांडेंट शिवराज की ईटीवी भारत से खास बातचीत.
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Published : Sep 25, 2019, 9:12 AM IST

प्रयागराज: शहर में आई बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए NDRF टीम लगाई गई. सभी बाढ़ प्रभावित इलाकों पर जवानों को तैनात किया है. एनडीआरफ कमांडेंट शिवराज ने बताया कि एनडीआरफ टीम में पैरामिलिट्री फोर्स को शामिल किया जाता है. इन जवानों को हर परिस्थिति से लड़ने और रेस्क्यू करने के लिए ट्रेनिंग दी जाती है.

NDRF कमांडेंट शिवराज की ईटीवी भारत से खास बातचीत.

NDRF कमांडेंट की ईटीवी भारत से खास बातचीत
एनडीआरफ कमांडेंट शिवराज ने बताया कि किसी भी आपदा से निपटने के लिए NDRF के जवानों को ट्रेनिंग तो जाती है. इस टीम में मल्टी स्किल टीम भी शामिल होती है. पूरे देश में 12 बटालियन NDRF की हैं. हर बटालियन में 18 जवानों की संख्या होती है. इस टीम में CRPF, SSB, BSF, ITBP और RPF आदि पैरामिलिट्री फोर्स के जवान शामिल किए जाते हैं.

रणनीति बनाकर काम करती है एनडीआरफ
कमांडेंट शिवराज ने बताया कि NDRF टीम किसी भी परिस्थिति में लोगों को बचाने से पहले रणनीति बनाकर काम करती है. बाढ़ में फंसे लोगों में सबसे पहले बुजुर्गों को, फिर बच्चों को और फिर अन्य लोगों को रेस्क्यू करके बाहर निकाला जाता है.

ऑरेंज ड्रेस देखकर खुश होते हैं लोग
जब किसी आपदा में लोग फंसे होते हैं, चाहे वह बिल्डिंग में आग लगी हो या फिर बाढ़ में फंसे लोग हों. अगर ऑरेंज ड्रेस में जवानों देखते वह शांत हो जाते हैं. अब लोगों को भरोसा हो गया है कि NDRF को देखते ही उनको जान जाने का डर नहीं लगता है.

प्रयागराज: शहर में आई बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए NDRF टीम लगाई गई. सभी बाढ़ प्रभावित इलाकों पर जवानों को तैनात किया है. एनडीआरफ कमांडेंट शिवराज ने बताया कि एनडीआरफ टीम में पैरामिलिट्री फोर्स को शामिल किया जाता है. इन जवानों को हर परिस्थिति से लड़ने और रेस्क्यू करने के लिए ट्रेनिंग दी जाती है.

NDRF कमांडेंट शिवराज की ईटीवी भारत से खास बातचीत.

NDRF कमांडेंट की ईटीवी भारत से खास बातचीत
एनडीआरफ कमांडेंट शिवराज ने बताया कि किसी भी आपदा से निपटने के लिए NDRF के जवानों को ट्रेनिंग तो जाती है. इस टीम में मल्टी स्किल टीम भी शामिल होती है. पूरे देश में 12 बटालियन NDRF की हैं. हर बटालियन में 18 जवानों की संख्या होती है. इस टीम में CRPF, SSB, BSF, ITBP और RPF आदि पैरामिलिट्री फोर्स के जवान शामिल किए जाते हैं.

रणनीति बनाकर काम करती है एनडीआरफ
कमांडेंट शिवराज ने बताया कि NDRF टीम किसी भी परिस्थिति में लोगों को बचाने से पहले रणनीति बनाकर काम करती है. बाढ़ में फंसे लोगों में सबसे पहले बुजुर्गों को, फिर बच्चों को और फिर अन्य लोगों को रेस्क्यू करके बाहर निकाला जाता है.

ऑरेंज ड्रेस देखकर खुश होते हैं लोग
जब किसी आपदा में लोग फंसे होते हैं, चाहे वह बिल्डिंग में आग लगी हो या फिर बाढ़ में फंसे लोग हों. अगर ऑरेंज ड्रेस में जवानों देखते वह शांत हो जाते हैं. अब लोगों को भरोसा हो गया है कि NDRF को देखते ही उनको जान जाने का डर नहीं लगता है.

Intro:प्रयागराज: हर परिस्थिति में तैयार रहती है एनडीआरफ की टीम, आपदा से लड़ने की लिए दी जाती है कठोर ट्रेनिंग

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प्रयागराज: प्राकृतिक आपदा से लड़ने के लिए एनडीआरफ टीम हर परिस्थिति में तैयार रहती है. देश के अगल-अलग कोने में आने वाले प्राकृतिक आपदाओं से लोगों के लिए यह टीम जान जोखिम में डालकर लोगों की जान बचाती है. चाहे बाढ़ की स्थिति हो यह पर आग लगने से यह किसी तरह की रेस्क्यू ऑपरेशन करना हो तो एनडीआरफ पूरी तरह से रेडी रहती है. इसी तरह से प्रयागराज में आये बाढ़ में फसे लोगों को निकालने के लिए एनडीआरफ टीम लगाई गई. सभी बाढ़ प्रभावित इलाकों पर जवानों को तैनात किया है. यह कहना है एनडीआरफ कमांडेड शिव राज का.ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि एनडीआरफ टीम पैरामिलिट्री फोर्स शामिल किया जाता है. इन जवानों को हर परिस्थिति से लड़ने और रेस्क्यू करने के लिए ट्रेनिंग दी जाती है.


Body:आपदाओं में फसे लोगों करते है पहले मोटिवेट

एनडीआरफ अधिकारी शिव राज ने बताया कि बाढ़ फसे लोगों निकालने से उनको मोटिवेट किया जाता है. उनके अंदर के डर को निकालकर फिर सुरक्षित बाहर निकाला जाता है. बोट नहीं होने पर भी जवान पानी मे तैरकर लोगों जान बचाने के लिए पूरी तरह सक्षम होते हैं. जवानों को परिस्थितियों से लड़ने के लिए स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है.

मल्टीस्किल होती है एनडीआरफ की टीम

एसओ शिव राज ने बताया कि किसी भी आपदा से निपटने के लिए एनडीआरफ के जवानों को ट्रेनिंग तो जाती है लेकिन इस टीम मल्टीस्किल टीम भी शामिल होती है. पूरे देश में 12 बटालियन एनडीआरफ की है. हर बटालियन में 18 जवानों की संख्या होती है. इस टीम में सीआरपीएफ, एसएसबी, बीएसफ, आईटीबीपी, आरपीएफ आदि पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों को शामिल किया जाता है.



Conclusion:रणनीति बनाकर काम करती है एनडीआरफ

एनडीआरफ अधिकारी शिव राज ने बताया कि एनडीआरफ टीम किसी भी परिस्थिति में लोगों को बचाने पहले रणनीति बनाकर काम करती है. अगर बाढ़ में फसे लोगों में सबसे पहले बुजुर्गों का रेस्क्यू होता है फिर बच्चों का फिर यंग लोगों रेस्क्यू करके बाहर निकाला जाता है.

ऑरेंज ड्रेस देखकर होते लोग खुश

जब किसी आपदा में लोग फसे होते है चाहे वह बिल्डिंग में आग लगी हो यह फिर बाढ़ में फसे लोग हों अगर ऑरेंज ड्रेस में जवानों देखते वह शांत हो जाते है. अब लोगों को भरोसा हो गया है कि एनडीआरफ को देखते ही उनको जान जाने का डर नहीं लगता है.

बातचीत- शिव राज, एनडीआरफ कामन्डेड
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