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Narendra Giri Suicide Case: मौत के पीछे जहर भी तो नहीं, जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा गया विसरा - फॉरेंसिक लैब प्रयागराज

Narendra Giri Suicide Case: महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत मामले में फांसी से मौत की हुई पुष्टि के बाद भी, शुक्रवार को विसरा जांच के लिए लैब भेजा गया है. आशंका ऐसी है कि अगर महंत को जहरीला पदार्थ या धोखे से नशीला पदार्थ खिलाकर भी मारा गया होगा, तो फोरेंसिक जांच में इसका खुलासा हो सकता है.

Narendra Giri Suicide Case
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Published : Sep 25, 2021, 1:39 AM IST

प्रयागराज : Narendra Giri Suicide Case: महंत नरेंद्र गिरी के मौत की वजह का पूरी तरह से पुख्ता करने के लिए, पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद सुरक्षित किये गए विसरा को भी जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेज दिया है. जिस कमरे में महंत नरेंद्र गिरी के सुसाइड करने की बात कही जा रही है, उसी कमरे से पुलिस को सल्फास का पैकेट भी मिला था. इसी कारण पुलिस मौत की वजह को पूरी तरह से स्पष्ट करने के लिए विसरा की जांच करवाने के लिए भेजी है. विसरा रिपोर्ट आने के बाद यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि महंत नरेंद्र गिरी की मौत के पीछे किसी तरह का जहर तो नहीं है. क्योंकि विसरा की जांच रिपोर्ट से यह भी पता चल जाएगा कि मौत से पहले किसी तरह का स्लो पॉइज़न (Slow Poison) तो उन्हें नहीं दिया गया था. किसी तरह की दवा भी उनकी मौत की वजह होगी तो उसका भी खुलासा विसरा रिपोर्ट आने के बाद हो जाएगा.

सुसाइड पर लगातार उठ रहे हैं सवाल

20 सितम्बर को प्रयागराज पुलिस को सूचना मिली थी कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी (Narendra giri) ने फांसी लगाकर जान दे दी है. जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस को फंदे से उतारकर जमीन पर रखा हुआ उनका शव मिला था. शुरुआती जांच के बाद पुलिस ने फांसी लगाकर जान देने की बात कही थी. लेकिन कोई भी इस बात पर यकीन नहीं कर रहा है. दूसरी तरफ कमरे में मिले सामानों में रस्सी के अलावा सल्फास की गोलियों का पैकेट भी मिला था. जिसके बाद इस तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं कि कहीं किसी तरह का जहर देकर तो उन्हें नहीं मारा गया. यही वजह थी कि पोस्टमार्टम के दौरान उनका विसरा प्रिजर्व कर लिया गया था. अब शुक्रवार को इसे जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा गया है. 20 सितम्बर को महंत की मौत के बाद 22 सितम्बर को उनका पोस्टमार्टम करवाया गया था. पोस्टमार्टम में मौत की वजह दम घुटना ही बताया गया है. लेकिन इसके बावजूद हाइप्रोफाइल केस होने की वजह से एहतियात के तौर पर विसरा सुरक्षित रख लिया गया था. अब लैब से जांच रिपोर्ट आने के बाद और भी पुख्ता तरीके से मौत की वजह का पता चल जाएगा.

इसे भी पढ़ें- महंत नरेंद्र गिरि ने तीन बार बदली थी वसीयत, आखिरी बार में बलवीर गिरि पर जताया था भरोसा

विसरा रिपोर्ट से होगी जहरीले व नशीले पदार्थ की पुष्टि

महंत नरेंद्र गिरी जिस कमरे में फांसी के फंदे पर लटके हुए मिले थे, उस कमरे में रखी हुई मेज पर पुलिस को रस्सी और सेनेटाइजर के साथ ही पानी की बोतलें मिली थीं. इसी कमरे से पुलिस को सल्फास की गोलियों वाला पैकेट भी बरामद हुआ था. बताया जा रहा है कि पुलिस को सल्फास का जो पैकेट मिला वो सील है, ऐसे में सल्फास खाने की संभावना नहीं थी. लेकिन इसके बावजूद विसरा को जांच के लिए भेज दिया गया है. इसकी जांच रिपोर्ट आने के बाद यह पूरी तरह से स्पष्ट हो जाएगा कि मौत की वजह दम घुटना ही थी या कोई और वजह है. विसरा की जांच से पता चल जाएगा की महंत नरेंद्र गिरी को किसी तरह का जहर तो नहीं दिया गया था. क्योंकि विसरा की जांच से ही यह पता चलता है कि मरने वाले के शरीर में किसी तरह के जहर के अंश तो नहीं है. खतरनाक जहर के साथ ही स्लो पॉइज़न (Slow Poison) दिए जाने की जानकारी भी विसरा रिपोर्ट में पता चल जाती है.

प्रयागराज : Narendra Giri Suicide Case: महंत नरेंद्र गिरी के मौत की वजह का पूरी तरह से पुख्ता करने के लिए, पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद सुरक्षित किये गए विसरा को भी जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेज दिया है. जिस कमरे में महंत नरेंद्र गिरी के सुसाइड करने की बात कही जा रही है, उसी कमरे से पुलिस को सल्फास का पैकेट भी मिला था. इसी कारण पुलिस मौत की वजह को पूरी तरह से स्पष्ट करने के लिए विसरा की जांच करवाने के लिए भेजी है. विसरा रिपोर्ट आने के बाद यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि महंत नरेंद्र गिरी की मौत के पीछे किसी तरह का जहर तो नहीं है. क्योंकि विसरा की जांच रिपोर्ट से यह भी पता चल जाएगा कि मौत से पहले किसी तरह का स्लो पॉइज़न (Slow Poison) तो उन्हें नहीं दिया गया था. किसी तरह की दवा भी उनकी मौत की वजह होगी तो उसका भी खुलासा विसरा रिपोर्ट आने के बाद हो जाएगा.

सुसाइड पर लगातार उठ रहे हैं सवाल

20 सितम्बर को प्रयागराज पुलिस को सूचना मिली थी कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी (Narendra giri) ने फांसी लगाकर जान दे दी है. जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस को फंदे से उतारकर जमीन पर रखा हुआ उनका शव मिला था. शुरुआती जांच के बाद पुलिस ने फांसी लगाकर जान देने की बात कही थी. लेकिन कोई भी इस बात पर यकीन नहीं कर रहा है. दूसरी तरफ कमरे में मिले सामानों में रस्सी के अलावा सल्फास की गोलियों का पैकेट भी मिला था. जिसके बाद इस तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं कि कहीं किसी तरह का जहर देकर तो उन्हें नहीं मारा गया. यही वजह थी कि पोस्टमार्टम के दौरान उनका विसरा प्रिजर्व कर लिया गया था. अब शुक्रवार को इसे जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा गया है. 20 सितम्बर को महंत की मौत के बाद 22 सितम्बर को उनका पोस्टमार्टम करवाया गया था. पोस्टमार्टम में मौत की वजह दम घुटना ही बताया गया है. लेकिन इसके बावजूद हाइप्रोफाइल केस होने की वजह से एहतियात के तौर पर विसरा सुरक्षित रख लिया गया था. अब लैब से जांच रिपोर्ट आने के बाद और भी पुख्ता तरीके से मौत की वजह का पता चल जाएगा.

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विसरा रिपोर्ट से होगी जहरीले व नशीले पदार्थ की पुष्टि

महंत नरेंद्र गिरी जिस कमरे में फांसी के फंदे पर लटके हुए मिले थे, उस कमरे में रखी हुई मेज पर पुलिस को रस्सी और सेनेटाइजर के साथ ही पानी की बोतलें मिली थीं. इसी कमरे से पुलिस को सल्फास की गोलियों वाला पैकेट भी बरामद हुआ था. बताया जा रहा है कि पुलिस को सल्फास का जो पैकेट मिला वो सील है, ऐसे में सल्फास खाने की संभावना नहीं थी. लेकिन इसके बावजूद विसरा को जांच के लिए भेज दिया गया है. इसकी जांच रिपोर्ट आने के बाद यह पूरी तरह से स्पष्ट हो जाएगा कि मौत की वजह दम घुटना ही थी या कोई और वजह है. विसरा की जांच से पता चल जाएगा की महंत नरेंद्र गिरी को किसी तरह का जहर तो नहीं दिया गया था. क्योंकि विसरा की जांच से ही यह पता चलता है कि मरने वाले के शरीर में किसी तरह के जहर के अंश तो नहीं है. खतरनाक जहर के साथ ही स्लो पॉइज़न (Slow Poison) दिए जाने की जानकारी भी विसरा रिपोर्ट में पता चल जाती है.

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