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प्रयागराज: शहादत स्थल पर दर्ज शहीद ननका का भी नाम हुआ दर्ज - शहीद ननका सहादत की गौरव गाथा दर्ज

उत्तर प्रदेश में कोतवाली स्थित सहादत स्थल पर अमर शहीद ननका जी की शहादत की गौरव गाथा दर्ज कराने वाले शिलापट का आईजी केपी सिंह द्वरा लोकार्पण किया गया. आईजी ने कहा कि लोकार्पण से आज कोतवाली का मान बढ़ गया है.

शहादत स्थल पर दर्ज हुये सहीद ननका की शिलापट.
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Published : Aug 2, 2019, 1:06 PM IST

प्रयागराज: ननका जी के शहादत स्थल पर उनकी गौरव गाथा का शिलापट सभी का सम्मान बढ़ाएगा. करीब 1 करोड़ की लागत से आजाद गैलरी तैयार हो रही है. जो ऐसे महा पुरुषों की याद दिलाएगी जो हमारे देश के लिए शहादत दिया है. ननका जी 12 अगस्त 1942 को शहीद हुए थे. वह कोतवाली में सफाई का कार्य करते थे.

शहादत स्थल पर दर्ज हुये सहीद ननका की शिलापट.

अमर शहीद ननका जी की शहादत की गौरव गाथा दर्ज-

  • वीर जवान पानी के थैले में तिरंगा छुपा कर बलूच रेजिमेंट के बीच से कोतवाली में प्रवेश करते हुए छत के ऊपर पहुंचे गये थे.
  • उनका यूनियन का जैक उतारकर तिरंगा फहराया था.
  • जब भारत माता की जय का नारा लगाने लगे तभी शोर सुनकर बलूच के सिपाही वहां इकढ्ढा हो गये थे.
  • नीचे से बलूच के सिपाहियों ने गोलियों चलना शुरू कर दिया था.
  • ननका जी को कई गोलियां सीने में जा लगी थी.
  • वह जमीन पर गिर गए थे.
  • ननका जी की शहादत को बहुत कम लोग ही जान पाए थे.
  • इस वीर शहीद को अब आने वाली पीढ़ी इस शिलापट्ट के लग जाने से हमेशा याद रखेगी.

प्रयागराज: ननका जी के शहादत स्थल पर उनकी गौरव गाथा का शिलापट सभी का सम्मान बढ़ाएगा. करीब 1 करोड़ की लागत से आजाद गैलरी तैयार हो रही है. जो ऐसे महा पुरुषों की याद दिलाएगी जो हमारे देश के लिए शहादत दिया है. ननका जी 12 अगस्त 1942 को शहीद हुए थे. वह कोतवाली में सफाई का कार्य करते थे.

शहादत स्थल पर दर्ज हुये सहीद ननका की शिलापट.

अमर शहीद ननका जी की शहादत की गौरव गाथा दर्ज-

  • वीर जवान पानी के थैले में तिरंगा छुपा कर बलूच रेजिमेंट के बीच से कोतवाली में प्रवेश करते हुए छत के ऊपर पहुंचे गये थे.
  • उनका यूनियन का जैक उतारकर तिरंगा फहराया था.
  • जब भारत माता की जय का नारा लगाने लगे तभी शोर सुनकर बलूच के सिपाही वहां इकढ्ढा हो गये थे.
  • नीचे से बलूच के सिपाहियों ने गोलियों चलना शुरू कर दिया था.
  • ननका जी को कई गोलियां सीने में जा लगी थी.
  • वह जमीन पर गिर गए थे.
  • ननका जी की शहादत को बहुत कम लोग ही जान पाए थे.
  • इस वीर शहीद को अब आने वाली पीढ़ी इस शिलापट्ट के लग जाने से हमेशा याद रखेगी.
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शहादत स्थल पर दर्ज हुये सहीद ननका।

प्रयागराज के कोतवाली स्थित सहादत स्थल पर अमर शहीद ननका जी की सहादत की गौरव गाथा दर्ज कराने वाले शिलापट का आई जी के पी सिंह द्वरा लोकार्पण किया गया।आई जी ने कहा कि लोकार्पण से आज कोतवाली का मान बढ़ गया है।ननका जी के सहादत स्थल पर उनकी गौरव गाथा का शिलापट सभी का सम्मान बढ़ायेगा।


Body:ननका जी 12 अगस्त 1942 को यही पर सहीद हुए थे।वह कोतवालों में सफाई का कार्य करते थे।घटना उस दिन की है जब ये वीर जवान अपने पानी के थैले में तिरंगा छुपा कर वह बलूच रेजिमेंट के बीच से कोतवाली में प्रवेश करते हुए छत के ऊपर पहुच गये।और उनका यूनियन का जैक उतारकर तिरंगा फहराने लगे ।और जब भारत माता की जय का नारा लगाने लगे तभी सोर सुनकर बलूच के सिपाही वहा इकढ्ढा हो गये फिर क्या था नीचे से बलूच के सिपाहियों ने गोलियों चलना सुरु किया और फिर ननका जी को कई गोलिया सीने में जा लगी और वह जमीन पर गिर गए।लेकिन ननका जी की सहादत को बहुत कम लोग ही जान पाए थे।लेकिन इस वीर सहीद को अब आने वाली पीढ़ी इस शिलापट्ट के लग जाने से हमेशा याद रखेगी
बाइट --- के पी सिंह ( आई जी प्रयागराज)
बाइट --- बृजेश श्रीवास्तव (एस पी सिटी)
बाइट --- ओमप्रकाश हेला (ननका जी के पोते)


Conclusion:करीब 1 करोड़ की लागत से आजद गैलरी तैयार हो रही है जो ऐसे महा पुरुषों की याद दिलाएगी जो हमारे देश के लिए सहादत दी है
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