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नैनी सेंट्रल जेल का फांसी घर तैयार, यहीं बंद है शबनम का सलीम

प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल का फांसी घर सजा देने के लिए तैयार हो गया है. जेल प्रशासन ने पिछले दिनों जेल के फांसी घर की पूरी तरह से मरम्मत करा ली है. नैनी सेंट्रल जेल में अमरोहा की शबनम का प्रेमी सलीम बंद है. सलीम को फांसी दिए जाने पर सुप्रीम कोर्ट से मुहर लग चुकी है.

Shabnam and Salim case
नैनी सेंट्रल जेल
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Published : Feb 25, 2021, 4:02 PM IST

प्रयागराज: जिले की नैनी सेंट्रल जेल का फांसी घर सजा देने के लिए तैयार कर लिया गया है. नैनी सेंट्रल जेल में अमरोहा की शबनम का प्रेमी सलीम बंद है. सलीम की फांसी की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लग दी है. हालांकि, सलीम की दया याचिका अभी राष्ट्रपति के यहां विचाराधीन है. जब तक राष्ट्रपति के यहां से उसकी दया याचिका पर फैसला नहीं होता, तब तक सलीम के फांसी नहीं दी जाएगी. फिलहाल सलीम को जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है.

जानकारी देते जेल अधीक्षक.
80 साल पहले अंग्रेजों ने बनवाया था यह फांसी घरनैनी सेंट्रल जेल के फांसी घर में एक साथ तीन लोगों को फांसी दी जा सकती है.अंग्रेजों ने 1940 में नैनी सेंट्रल जेल में फांसी घर बनवाया था. उस समय एक साथ 3 बंदियों को फंदे पर लटकाने की व्यवस्था थी. नैनी सेंट्रल जेल प्रशासन को फिलहाल किसी भी कैदी को फांसी देने का कोई भी आदेश नहीं मिला है. इसके बावजूद जेल प्रशासन ने 32 साल में जर्जर हो चुके फांसी घर की मरम्मत करवा ली और रंग रोगन भी करा दिया है. इसके अलावा फांसी घर परिसर को साफ-सुथरा दिखाने के लिए वहां सुगंधित पुष्पों के पौधे लगा दिए गए हैं. जेल में किसी को भी फांसी के फंदे पर लटकाने से पहले पूरी प्रक्रिया का अभ्यास किया जाता है. इसके तहत फांसी पर लटकाए जाने वाले कैदी के वजन के बराबर बोरे को फंदे पर लटकाया जाता है, जिससे कि फांसी के वक्त किसी भी तरह से परेशानी न आए.
Shabnam and Salim case
नैनी सेंट्रल जेल
1989 में दी गई थी पिछली बार फांसी की सजानैनी सेंट्रल जेल में नवंबर 1989 में 3 लोगों को फांसी के फंदे पर लटकाया गया था. 11 नवंबर को बाराबंकी निवासी दो सगे भाई बाबूलाल और अशर्फी लाल को फांसी दी गई थी. इसके हफ्ते भर बाद 18 नवंबर को रायबरेली निवासी कृष्ण कुमार को फांसी दी गई थी. उसके बाद से अभी तक नैनी सेंट्रल जेल में किसी भी कैदी को फांसी की सजा नहीं दी गई है. लगभग 32 साल से जेल का फांसी घर बंद ही है.बावनखेड़ी हत्याकांड का आरोपी है सलीमयूपी के अमरोहा जिले में 2008 में शबनम और उसके प्रेमी सलीम ने मिलकर शबनम के परिवार के सात लोगों को मार डाला. जनपद न्यायालय से फांसी की सजा के खिलाफ शबनम और उसके प्रेमी सलीम ने हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक अपील की, लेकिन दोनों को कहीं से राहत नहीं मिली. शबनम ने राष्ट्रपति के यहां दया याचिका दायर की थी. उसे राष्ट्रपति ने नामंजूर कर दिया है. उसके बाद से शबनम को फांसी देने के लिए मथुरा की जेल में तैयारी शुरू कर दी गई है. सलीम की फांसी की सजा पर राष्ट्रपति के यहां दया याचिका विचाराधीन है.

प्रयागराज: जिले की नैनी सेंट्रल जेल का फांसी घर सजा देने के लिए तैयार कर लिया गया है. नैनी सेंट्रल जेल में अमरोहा की शबनम का प्रेमी सलीम बंद है. सलीम की फांसी की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लग दी है. हालांकि, सलीम की दया याचिका अभी राष्ट्रपति के यहां विचाराधीन है. जब तक राष्ट्रपति के यहां से उसकी दया याचिका पर फैसला नहीं होता, तब तक सलीम के फांसी नहीं दी जाएगी. फिलहाल सलीम को जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है.

जानकारी देते जेल अधीक्षक.
80 साल पहले अंग्रेजों ने बनवाया था यह फांसी घरनैनी सेंट्रल जेल के फांसी घर में एक साथ तीन लोगों को फांसी दी जा सकती है.अंग्रेजों ने 1940 में नैनी सेंट्रल जेल में फांसी घर बनवाया था. उस समय एक साथ 3 बंदियों को फंदे पर लटकाने की व्यवस्था थी. नैनी सेंट्रल जेल प्रशासन को फिलहाल किसी भी कैदी को फांसी देने का कोई भी आदेश नहीं मिला है. इसके बावजूद जेल प्रशासन ने 32 साल में जर्जर हो चुके फांसी घर की मरम्मत करवा ली और रंग रोगन भी करा दिया है. इसके अलावा फांसी घर परिसर को साफ-सुथरा दिखाने के लिए वहां सुगंधित पुष्पों के पौधे लगा दिए गए हैं. जेल में किसी को भी फांसी के फंदे पर लटकाने से पहले पूरी प्रक्रिया का अभ्यास किया जाता है. इसके तहत फांसी पर लटकाए जाने वाले कैदी के वजन के बराबर बोरे को फंदे पर लटकाया जाता है, जिससे कि फांसी के वक्त किसी भी तरह से परेशानी न आए.
Shabnam and Salim case
नैनी सेंट्रल जेल
1989 में दी गई थी पिछली बार फांसी की सजानैनी सेंट्रल जेल में नवंबर 1989 में 3 लोगों को फांसी के फंदे पर लटकाया गया था. 11 नवंबर को बाराबंकी निवासी दो सगे भाई बाबूलाल और अशर्फी लाल को फांसी दी गई थी. इसके हफ्ते भर बाद 18 नवंबर को रायबरेली निवासी कृष्ण कुमार को फांसी दी गई थी. उसके बाद से अभी तक नैनी सेंट्रल जेल में किसी भी कैदी को फांसी की सजा नहीं दी गई है. लगभग 32 साल से जेल का फांसी घर बंद ही है.बावनखेड़ी हत्याकांड का आरोपी है सलीमयूपी के अमरोहा जिले में 2008 में शबनम और उसके प्रेमी सलीम ने मिलकर शबनम के परिवार के सात लोगों को मार डाला. जनपद न्यायालय से फांसी की सजा के खिलाफ शबनम और उसके प्रेमी सलीम ने हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक अपील की, लेकिन दोनों को कहीं से राहत नहीं मिली. शबनम ने राष्ट्रपति के यहां दया याचिका दायर की थी. उसे राष्ट्रपति ने नामंजूर कर दिया है. उसके बाद से शबनम को फांसी देने के लिए मथुरा की जेल में तैयारी शुरू कर दी गई है. सलीम की फांसी की सजा पर राष्ट्रपति के यहां दया याचिका विचाराधीन है.
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