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ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष की बहस पूरी, पांच दिसंबर को हिंदू पक्ष पेश करेगा दलील

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Published : Nov 30, 2022, 8:04 PM IST

ज्ञानवापी परिसर में मां श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा किए जाने के अधिकार को लेकर दाखिल याचिका पर बुधवार को मुस्लिम पक्ष की बहस पूरी हो गई. कोर्ट ने हिंदू पक्ष को सुनने के लिए 5 दिसंबर की तारीख नियत की है.

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ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष की बहस पूरी, पांच दिसंबर को हिंदू पक्ष पेश करेगा दलील

प्रयागराज: ज्ञानवापी (Gyanvapi case) परिसर में मां श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा किए जाने के अधिकार को लेकर दाखिल याचिका पर बुधवार को मुस्लिम पक्ष की बहस पूरी हो गई. कोर्ट ने हिंदू पक्ष को सुनने के लिए 5 दिसंबर की तारीख नियत की है. याचिका पर न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने सुनवाई की. मुस्लिम पक्ष की ओर से कहा गया कि प्लेसिस ऑफ वरशिप एक्ट के तहत यह याचिका पोषणीय नहीं है क्योंकि वहां का पूजा का अधिकार दिए जाने से धर्मस्थल का स्वरूप परिवर्तित होगा जोकि प्लेसिस आफ वरशिप एक्ट के तहत अनुमन्य नहीं है.

वहीं, हिंदू पक्ष से अधिवक्ता विष्णु जैन ने कहा कि इस मामले में प्लेसिस ऑफ वरशिप एक्ट लागू नहीं होता है क्योंकि वहां सिर्फ पूजा का अधिकार मांगा जा रहा है. कोर्ट ने इस मामले में आगे की बहस के लिए 5 दिसंबर की तिथि नियत की है.

वहीं, दूसरी ओर ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराए जाने के मामले को लेकर दाखिल याचिका पर आर्कोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की ओर से और समय दिए जाने की मांग की गई. इससे पहले कोर्ट ने एएसआई से पूछा था कि क्या कोई ऐसा तरीका है जिससे कि शिवलिंग को नुकसान पहुंचाए बिना कार्बन डेटिंग की जा सके. बुधवार को केंद्र सरकार के अपर सॉलीसीटर जनरल शशि प्रकाश सिंह ने कहा का जवाब दाखिल करने के लिए और समय दिए जाने की आवश्यकता है. उन्होंने 3 माह का समय मांगा था मगर कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 18 जनवरी की तारीख नियत कर दी है.

ये भी पढ़ेंः कानपुर में फरार सपा विधायक इरफान की बहन समेत तीन और पर मुकदमा दर्ज

प्रयागराज: ज्ञानवापी (Gyanvapi case) परिसर में मां श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा किए जाने के अधिकार को लेकर दाखिल याचिका पर बुधवार को मुस्लिम पक्ष की बहस पूरी हो गई. कोर्ट ने हिंदू पक्ष को सुनने के लिए 5 दिसंबर की तारीख नियत की है. याचिका पर न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने सुनवाई की. मुस्लिम पक्ष की ओर से कहा गया कि प्लेसिस ऑफ वरशिप एक्ट के तहत यह याचिका पोषणीय नहीं है क्योंकि वहां का पूजा का अधिकार दिए जाने से धर्मस्थल का स्वरूप परिवर्तित होगा जोकि प्लेसिस आफ वरशिप एक्ट के तहत अनुमन्य नहीं है.

वहीं, हिंदू पक्ष से अधिवक्ता विष्णु जैन ने कहा कि इस मामले में प्लेसिस ऑफ वरशिप एक्ट लागू नहीं होता है क्योंकि वहां सिर्फ पूजा का अधिकार मांगा जा रहा है. कोर्ट ने इस मामले में आगे की बहस के लिए 5 दिसंबर की तिथि नियत की है.

वहीं, दूसरी ओर ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराए जाने के मामले को लेकर दाखिल याचिका पर आर्कोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की ओर से और समय दिए जाने की मांग की गई. इससे पहले कोर्ट ने एएसआई से पूछा था कि क्या कोई ऐसा तरीका है जिससे कि शिवलिंग को नुकसान पहुंचाए बिना कार्बन डेटिंग की जा सके. बुधवार को केंद्र सरकार के अपर सॉलीसीटर जनरल शशि प्रकाश सिंह ने कहा का जवाब दाखिल करने के लिए और समय दिए जाने की आवश्यकता है. उन्होंने 3 माह का समय मांगा था मगर कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 18 जनवरी की तारीख नियत कर दी है.

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