प्रयागराजः वाराणसी के 31 साल पुराने अवधेश राय हत्याकांड की मूल केस डायरी अदालत के रिकॉर्ड से गायब है. इसे लेकर माफिया मुख्तार अंसारी ने अवधेश राय हत्याकांड में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) का दरवाजा खटखटाया है. मुख्तार अंसारी इस हत्याकांड में खुद मुख्य अभियुक्त हैं. हाईकोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दाखिल कर उन्होंने स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए वाराणसी के 2 जुलाई 22 के आदेश को चुनौती दी है. स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए ने मुख्तार की अर्जी यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि कोर्ट के आदेश से अभियुक्त को सभी दस्तावेजों की प्रतियां पहले ही दी जा चुकी है.
इस आदेश को चुनौती देते हुए कहा गया है कि रिकॉर्ड पर मूल पत्रावली नहीं होने के कारण अभियुक्त के पक्ष पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा. केस डायरी की फोटो कॉपी से यह साबित करना मुश्किल है कि मूल केस डायरी में भी वही लिखा है जो की फोटो कॉपी में है तथा इसमें किसी प्रकार की बनावट नहीं की गई है.
दूसरी ओर अभियोजन पक्ष का कहना है कि अदालत के रिकॉर्ड से केस डायरी की मूल प्रति गायब होने का शक मुख्तार अंसारी पर ही है. मुख्तार के खिलाफ पत्रावली गायब करने का मुकदमा भी दर्ज कराया गया है. इस मामले की अभी जांच चल रही है. फिलहाल याचिका की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति समित गोपाल ने याचिका को सुनवाई के लिए 12 अक्टूबर को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.
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उल्लेखनीय है कि 3 अगस्त 1991 को वाराणसी के चेतगंज थाना इलाके में अवधेश राय की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी. इस मामले में मुख्तार अंसारी को मुख्य अभियुक्त बनाया गया है. हत्याकांड की सुनवाई स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए वाराणसी में चल रही है. मुकदमे की सुनवाई के दौरान मुख्तार पक्ष से इस बात की आपत्ति की गई कि अदालत के रिकॉर्ड पर पुलिस केस डायरी की मूल प्रति उपलब्ध नहीं है. इससे बचाव पक्ष पर विपरीत असर पड़ेगा. दूसरी और अभियोजन का कहना है कि मुख्तार ने मुकदमे की कार्रवाई को लंबा खींचने की नियत से यह अर्जी दाखिल की है. जबकि सभी दस्तावेजों की प्रतियां उनके पास पहले से ही मौजूद हैं.
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