प्रयागराज: मोतीलाल नेहरू इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने कड़ी मेहनत कर यूनिक व्हीलचेयर बनाई है, जिसे आवाज और थॉट से कंट्रोल किया जा सकता है. साथ ही इस व्हीलचेयर की मदद से शारिरिक और मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा सकेंगे. व्हीलचेयर की सबसे खास बात यह कि मंदबुद्धि और लकवे के शिकार व्यक्ति इसे मस्तिष्क से कंट्रोल कर सकेंगे.
MNIT के छात्र सजल कुमार ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बताया कि वॉइस और थॉट व्हीलचेयर बनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि बहुत से ऐसे व्यक्ति हैं, जो एक्सीडेंट होने के बाद शारिरिक रूप से कमजोर हो जाते हैं. वह चलने-फिरने में असमर्थ हो जाते हैं. ऐसे व्यक्तियों के लिए वॉइस और थॉट कंट्रोल व्हीलचेयर फायदेमंद साबित होगी.
विकलांग और गूंगे व्यक्ति कर सकेंगे ऑपरेट
छात्र सजल कुमार ने बताया कि आवाज और मस्तिष्क से कंट्रोल होने वाला यह व्हीलचेयर हाथ-पैर से विकलांग और गूंगे व्यक्ति भी आसानी से कंट्रोल कर सकेंगे. इस व्हीलचेयर में बैठकर गूंगे व्यक्ति अपने मष्तिष्क से सोचकर आगे बढ़ सकते हैं. साथ ही विकलांग व्यक्ति अपने वॉइस के माध्यम से बोलकर व्हीलचेयर को आगे बढ़ा सकेंगे.
40 हजार रुपये में बनी व्हीलचेयर
छात्र सजल कुमार ने बताया कि हमारी टीम में एमटेक फाइनल ईयर के सभी छात्रों ने मिलकर काम किया है. किसी ने व्हीलचेयर बनाने में तो किसी ने कंट्रोलिंग सिस्टम को बनाने का काम किया है. सब ने कड़ी मेहनत करके इसे बनाया है. इस वॉइस और थॉट व्हीलचेयर को बनाने में कुल 6 से 7 महीने लगे हैं. व्हीलचेयर बनाने में कुल खर्च 40 हजार रुपये आया है.