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MNIT के छात्रों ने बनाई यूनिक साईकिल, ड्रिंक-ड्राइव और प्रदूषण पर लगेगा नियंत्रण

प्रयागराज स्थित मोतीलाल नेहरू इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने एक ऐसी साइकिल का निर्माण किया है, जो ड्रिंक ड्राइव को पूरी तरह कंट्रोल कर सकती है. साथ ही इसे चार्ज करने के लिए बिजली नहीं, पैंडल की ही आवश्यकता होती है.

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वाई-फाई से लैसे होगा यह साइकिल
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Published : Feb 8, 2020, 5:44 AM IST

प्रयागराज: मोतीलाल नेहरू इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने कड़ी मेहनत के दम पर एक ऐसी यूनिक साइकिल बनाई, जिसे ड्रिंक करके चलाया नहीं जा सकता है. साथ ही इस साइकिल की मदद से प्रदूषण और ड्रिंक-ड्राइव एक्सीडेंट को भी कंट्रोल किया जा सकेगा. साइकिल की सबसे खास बात यह कि पैडल चलाने से बैटरी चार्ज होती है.

वाई-फाई से लैसे होगी यह साइकिल.

पर्यावरण प्रदूषण को करेगा कंट्रोल
एमएनआईटी के छात्र सौरभ सिंह ने बताया कि इस साइकिल को पूरी तरह हाईटेक रूप से बनाया गया है. इसमें इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक और मैकेनिकल टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है. साइकिल पैंडल के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक बैटरी से चार्ज होकर भी चल सकती है. साइकिल पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त है. इस साइकिल का प्रयोग करने से प्रदूषण नियंत्रित किया जा सकेगा.

इसे भी पढ़ें:- प्रयागराज: ग्रेड-पे की मांग कर रहे डिप्लोमा इंजीनियर्स ने कलेक्ट्रेट पर किया धरना प्रदर्शन

ड्रिंक और ड्राइव एक्सीडेंट को करेगा कन्ट्रोल
इस साइकिल में सबसे खास बात यह है कि अगर कोई भी ड्रिंक किया व्यक्ति साइकिल पर सवार होता है तो सेंसर के माध्यम से पूरी तरह से लॉक हो जाएगा. ड्रिंक करके इस साइकिल को कोई भी नहीं चला सकता. साइकिल में एल्कोहल सेंसर लगाया गया है, जो एल्कोहल की महक से अलर्ट होकर साइकिल की पैंडल और दोनों चक्के लॉक कर देता है.

वाई-फाई से पता कर सकते हैं लोकेशन
छात्र सौरभ ने बताया कि इस साइकिल को बनाने के लिए हमारी कुल 13 स्टूडेंट्स की टीम ने कड़ी मेहनत की है. साइकिल को तैयार करने में कुल 5 महीने लगे हैं. एक और खास बात है कि अगर साइकिल चोरी हो जाती है तो वाईफाई नेटवर्क के जरिए लोकेशन पता कर सकेंगे और साइकिल को फिर से प्राप्त कर सकेंगे.

इसे भी पढ़ें:- प्रयागराज: राज्य महिला आयोग की सदस्य ने महिला उत्पीड़न के 24 से अधिक मामले सुने

प्रयागराज: मोतीलाल नेहरू इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने कड़ी मेहनत के दम पर एक ऐसी यूनिक साइकिल बनाई, जिसे ड्रिंक करके चलाया नहीं जा सकता है. साथ ही इस साइकिल की मदद से प्रदूषण और ड्रिंक-ड्राइव एक्सीडेंट को भी कंट्रोल किया जा सकेगा. साइकिल की सबसे खास बात यह कि पैडल चलाने से बैटरी चार्ज होती है.

वाई-फाई से लैसे होगी यह साइकिल.

पर्यावरण प्रदूषण को करेगा कंट्रोल
एमएनआईटी के छात्र सौरभ सिंह ने बताया कि इस साइकिल को पूरी तरह हाईटेक रूप से बनाया गया है. इसमें इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक और मैकेनिकल टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है. साइकिल पैंडल के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक बैटरी से चार्ज होकर भी चल सकती है. साइकिल पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त है. इस साइकिल का प्रयोग करने से प्रदूषण नियंत्रित किया जा सकेगा.

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ड्रिंक और ड्राइव एक्सीडेंट को करेगा कन्ट्रोल
इस साइकिल में सबसे खास बात यह है कि अगर कोई भी ड्रिंक किया व्यक्ति साइकिल पर सवार होता है तो सेंसर के माध्यम से पूरी तरह से लॉक हो जाएगा. ड्रिंक करके इस साइकिल को कोई भी नहीं चला सकता. साइकिल में एल्कोहल सेंसर लगाया गया है, जो एल्कोहल की महक से अलर्ट होकर साइकिल की पैंडल और दोनों चक्के लॉक कर देता है.

वाई-फाई से पता कर सकते हैं लोकेशन
छात्र सौरभ ने बताया कि इस साइकिल को बनाने के लिए हमारी कुल 13 स्टूडेंट्स की टीम ने कड़ी मेहनत की है. साइकिल को तैयार करने में कुल 5 महीने लगे हैं. एक और खास बात है कि अगर साइकिल चोरी हो जाती है तो वाईफाई नेटवर्क के जरिए लोकेशन पता कर सकेंगे और साइकिल को फिर से प्राप्त कर सकेंगे.

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Intro:प्रयागराज: MNIT के छात्रों ने बनाई यूनिक साईकिल, करेगी ड्रिंक- ड्राइव एक्सीडेंट और प्रदूषण को कंट्रोल

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प्रयागराज: मोतीलाल नेहरू इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने कड़ी मेहनत के दम पर एक ऐसी यूनिक साइकिल बनाया जिसे ड्रिंक करके चलाया नहीं जा सकता है. इसके साथ ही इस साइकिल की मदद से प्रदूषण और ड्रिंक-ड्राइव एक्सीडेंट को भी कंट्रोल करेगा. साइकिल की सबसे खास बात यह कि पैंडल से चलाने से बैटरी चार्ज होती है और बैटरी की चार्ज खत्म होने से पैंडल चलाकर चार्ज कर सकेंगे. अगर साईकिल चोरी होती है तो वाईफाई नेटवर्क के जरिए लोकेशन पता कर सकेंगे.


Body:पर्यावरण प्रदूषण को करेगा कंट्रोल

मोतीलाल नेहरू इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र सौरभ सिंह ने खास बातचीत में बताया कि इस साइकिल को पूरी तरह हाईटेक रूप से बनाया गया है. इसमें इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक और मैकनिकल टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके बनाया गया है. यह साइकिल पैंडल के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक बैटरी से चार्ज होकर भी चल सकती है. साइकिल पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त है और बैटरी को चार्ज करने के लिए बिजली की जरूरत नहीं है बल्कि साइकिल को पैंडल से चलाकर बैटरी को चार्ज किया जा सकता है. इस साइकिल का प्रयोग किया जाएगा तो पर्यावरण में बढ़ रहे प्रदूषण को भी कंट्रोल करने में मददगार साबित होगा.

ड्रिंक और ड्राइव एक्सीडेंट को करेगा कन्ट्रोल

छात्र सौरभ ने बताया कि इस साइकिल में सबसे खास बात यह है कि अगर कोई भी व्यक्ति ड्रिंक किया है तो यह साइकिल सेंसर के माध्यम से पूरी तरह से लॉक हो जाएगी. ड्रिंक करके इस साइकिल को भी व्यक्ति चला नहीं सकेगा. साइकिल में एल्कोहल सेंसर लगाया है जो उसकी महक से अलर्ट जारी करेगा और साइकिल की पैंडल और दोनों चक्के लॉक हो जाएगा.


Conclusion:कार और बाइक से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए आया आइडिया

मेकेनिकल प्रोडक्शन इंजीनियरिंग के छात्र सौरभ ने बताया कि कॉलेज कैंपस में हमेशा देखा था कि कॉलेज के प्रोफेसर से लेकर स्टूडेंट्स सभी कार और बाइक का प्रोयोग करते है, इसी वजह से पर्यावरण में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. तभी मेरे दिमाग मे ऐसा आइडिया कि ऐसी साइकिल हो जिसे बाइक की तरह ड्राइव कर सकें और पैंडल भी चला सकें. इसलिए मैं मेरे टीम ने मिलकर इस यूनिक साइकिल को बनाया, जो पैंडल और बिना पैंडल को भी ड्राइव कर सकेंगे.

मेकेनिकल प्रोडक्शन डिपार्टमेंट 13 स्टूडेंट्स ने मिलकर किया काम

मेकेनिकल प्रोडक्शन के छात्र सौरभ ने बताया कि इस साइकिल को बनाने के लिए हमारे टीम कुल 13 स्टूडेंट्स ने मिलकर काम किया है. इस साइकिल को बनाने में कुल पांच महीने लगे.

बातचीत- सौरभ सिंह, छात्र, मेकेनिकल प्रोडक्शन डिपार्टमेंट
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