प्रयागराज: कोरोना महामारी के कारण कई लोगों की नौकरियां चली गईं. नौकरी गंवाने वालों को रोजगार की चिंता खाए जा रही थी. ऐसे में कुछ ऐसी कहानियां भी सामने आईं, जिन्होंने आपदा को अवसर में बदल दिया और एक नई कहानी लिख दी. ऐसी ही एक कहानी है प्रयागराज के कमलेश की.
यहां से हुई शुरुआत
कई महीनों तक परेशान रहे कमलेश ने चाय की एक दुकान खोली. इसके बाद वो 'एमबीए चाय वाला' के नाम से शहर के पॉश इलाके सिविल लाइन्स में मशहूर हो गए. एमबीए तंदूरी चाय के नाम से खुली उनकी ये दुकान आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. साथ ही वो आत्मनिर्भरता का संदेश भी दे रहे हैं. रोज बड़ी संख्या में लोग उनकी दुकान पर पहुंचकर चाय का लुत्फ उठाते हैं. बनारस से आये इस युवक का कहना है कि डिग्री से क्या मतलब है, मैंने आत्मनिर्भर होने के लिए खुद का कारोबार शुरू कर लिया है.
संगम नगरी में खुली एमबीए तंदूरी चाय स्टॉल के मालिक कमलेश राय का कहना है कि एमबीए की पढ़ाई में जो सब्जेक्ट पढ़ाए जाते हैं, वह अधिकतर बिजनेस के ही होते हैं. ऐसे में लोग बाहर जाकर जॉब ढूंढते हैं, जबकि पढ़ाई हम बिजनेस की करते हैं. कमलेश का मानना है कि अगर हमने बिजनेस की पढ़ाई की है तो खुद अपना ही बिजनेस क्यों न करें. बिजनेस छोटा हो या बड़ा, लेकिन आगे बढ़ने के लिए छोटे से बिजनेस से शुरुआत की जा सकती है.
लोगों के माइंड में फीड होता है कि अगर हमने डिग्री ली है तो हम नौकरी करेंगे. मेरा मानना है कि आत्मनिर्भर बनें. खुद ही अपने बिजनेस को आगे बढ़ाएं. हमने चाय की स्टॉल से बिजनेस शुरू किया. इसी बिजनेस से हमने कई लोगों को रोजगार दिया है. अब लोग कहने लगे हैं कि आप पढ़े लिखे हो और चाय दुकान खोल रखी है. हमारा मानना है कि हमने बिजनेस की पढ़ाई की है तो हम बिजनेस ही करेंगे.
मोमोज का भी खोला स्टॉल
कमलेश ने 23 सितंबर 2020 को बिग बाजार के सामने मोमोज का स्टाल लगा दिया. स्टॉल चल निकला तो अगले एक महीने के अंदर एक के बाद एक तीन और स्टॉल लगा दिए. उसके बाद 20 दिसंबर को पांचवा स्टाल बर्गर का खोला और 29 दिसंबर को तंदूरी चाय की दुकान खोल दी. बिजनेस बढ़ने पर कमलेश ने अपने बीए पास छोटे भाई को भी साथ में लगा लिया. कमलेश ने कहा कि एमबीए की डिग्री होने के कारण उन्होंने अपनी दुकान का नाम ‘एमबीए तंदूरी चाय स्टाल’ रखा.
रोजगार करना अच्छी पहल
एमबीए तंदूरी चाय पीने स्थानीय लोग भी आते हैं. प्रयागराज के रहने वाले पवन कुमार गुप्ता अपनी पत्नी के साथ एमबीए तंदूरी चाय पीने आये तो चाय की जमकर तारीफ की. उन्होंने कमलेश का व्यवहार अच्छा बताया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना तहत खुद स्टैंड होकर रोजगार कर रहे हैं. ये एक अच्छी कोशिश है आगे बढ़ने के लिए.
लखनऊ से स्पेशली तंदूरी चाय का स्वाद लेने आए
लखनऊ से आए अमित कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मैं एमबीए तंदूरी चाय पीने स्पेशली लखनऊ से संगम नगरी आया हूं. मेरे रिश्तेदार प्रयागराज में रहते हैं. उन्होंने बताया था इनकी तंदूरी चाय के बारे में. इनकी चाय की सोशल मीडिया पर भी चर्चा थी. तंदूरी चाय को मैं लगातार एक सप्ताह से पी रहा हूं. चाय बहुत स्वादिष्ट है. मैं लोगों से कहूंगा कि एक बार तंदूरी चाय का स्वाद लेने जरूर आएं. उन्होंने कहा एमबीए करके अपना खुद का छोटा सा बिजनेस को आगे बढ़ाना अच्छी पहल है और काम कोई छोटा बड़ा नहीं होता. उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए बोला कि हमारे देश के प्रधानमंत्री जी पहले चाय बेचते थे, लेकिन आज पूरे देश को चला रहे हैं.
छोटे बिजनेस से बढ़ता है ज्ञान
कमलेश ने कहा कि इस छोटे से बिजनेस से सीखने को बहुत कुछ मिलता है. जब तक आप खुद आत्मनिर्भर नहीं होंगे तब तक आप बड़े आदमी नहीं बन सकते. मेरी एमबीए की डिग्री यूज में नहीं थी और मैंने बिजनेस की पढ़ाई की थी तो मैंने सोचा क्यों ना बिजनेस ही किया जाए. इससे आत्मनिर्भर होकर आगे बढ़ेंगे. मेरे साथी युवाओं को मेरा संदेश है कि सभी अपने ऊपर आत्मनिर्भर होकर आगे बढ़ेगे तो देश आगे बढे़गा. यही हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी का संदेश है. जिसको हम आगे फॉलो कर रहे हैं और करेंगे.