प्रयागराजः इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मथुरा शाही ईदहगाह मस्जिद को कृष्ण जन्मभूमि की मान्यता देने की मांग में दाखिल याचिका पुनर्स्थापित कर ली है. कोर्ट ने कहा कि समय रहते अर्जी दाखिल कर दी गई थी. कोर्ट ने 19 जवरी 21 को अदम पैरवी में याचिका खारिज कर दी थी. याचिका की सुनवाई की तिथि 25 जुलाई 22 नियत की गई है.
ये आदेश मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की खंडपीठ ने अधिवक्ता महक माहेश्वरी की याचिका पर दिया है. याची का कहना है कि मंदिर तोड़कर बनी शाही ईदगाह मस्जिद को हटाकर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर निर्माण कराया जाये. सारी जमीन हिंदुओं को सौंप दी जाये. कृष्ण जन्मभूमि जन्म स्थान ट्रस्ट बनाया जाये. जब तक इस मामले में फैसला नहीं आ जाता हफ्ते के कुछ दिन और जन्माष्टमी को हिंदुओं को ईदगाह में जन्मस्थान पर पूजा अर्चना करने की इजाजत दी जाए.
याची का ये भी कहना है कि मथुरा के राजा कंस ने भगवान कृष्ण के माता-पिता को कारागार में डाल दिया था. जहां पर श्री कृष्ण का जन्म हुआ. मुगल काल में मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई है. एएसआई से सर्वे कराकर जन्मस्थान मंदिर का पता लगाया जाए.
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याची का ये भी कहना है कि मस्जिद इस्लाम का आवश्यक अंग नहीं है. कहीं भी इबादत की जा सकती है. इसलिए विवादित जमीन हिंदुओं को सौंपी जाए, ताकि हिंदू संविदान प्रदत्त अनुच्छेद 25 के मूल अधिकारों का स्वतंत्रता पूर्वक इस्तेमाल कर सके.
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