प्रयागराजः मकर संक्रांति पर्व 15 को पड़ रहा है. इस दिन सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं. इसलिए इसे मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2022) के नाम से जाना जाता है. इस बार 15 जनवरी के दिन बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाई जाएगी. हिंदू धर्म मान्यता के अनुसार, मकर संक्रांति पर खिचड़ी बनाने और खाने की है विशेष परंपरा है. वहीं इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दान का विशेष महत्व है.
मकर संक्रांति का पर्व पूरे हर्षोल्लास के साथ 15 जनवरी को मनाया जाएगा. मकर संक्रांति के इस पर्व का अपना एक अलग ही रंग है. देश के हर कोने में यह त्योहार अलग-अलग परंपराओं के साथ मनाया जाता है. सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर हम मकर संक्रांति का यह पर्व मनाते हैं. सूर्य देवता के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ ही एक माह से चला आ रहा खरमास भी समाप्त हो जाता है और सभी मांगलिक कार्यों का शुभ आरंभ हो जाता है. वहीं मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान पुण्य करने का विशेष महत्व बताया गया है.
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ज्योतिषाचार्य पंडित शिप्रा सचदेव ने बताया कि सूर्य देव 14 की रात 8:50 पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे. वहीं हिंदू शास्त्र के अनुसार उदया तिथि के अनुसार ही त्योहार मनाया जाता है. इसलिए 15 जनवरी को सुबह जब सूर्योदय मकर राशि में होगा तब मकर सक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी. मकर संक्रांति के पावन पर्व कई राज्यों में पतंग उड़ाकर भी ये पर्व मनाया जाता है. मकर संक्रांति के दिन बाजार रंग बिरंगे पतंगो सो सजे हुए नजर आते हैं.
शुभ कार्यों की शुरुआत
मकर सक्रांति के पावन पर्व से ही शुभ कार्यों की शुरू हो जाती है. शादी विवाह, भूमि पूजन, गृह प्रवेश सारे ही मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं. मकर सक्रांति का त्योहार पिता-पुत्र के मिलन का त्योहार है. इस दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि के घर में प्रवेश करते हैं. शनि महाराज की 2 राशियां हैं एक मकर और दूसरी कुंभ. मकर सक्रांति के दिन सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं, इसलिए यह दिन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है.
मकर सक्रांति दान का महत्व
मकर सक्रांति के दिन दान पुण्य करने की विशेष परंपरा हिंदू धर्म में मौजूद है. मकर संक्रांति पर खिचड़ी बनाने और खाने की है विशेष परंपरा है. मकर संक्रांति पर दान पुण्य के साथ-साथ पवित्र नदियों में स्नान करने से सुख समृद्धि की भी प्राप्ति होती है. मकर संक्रांति दान में तीन चीजों का विशेष महत्व है. पहली है खिचड़ी, दूसरा तिल का लड्डू और तीसरा है कंबल या ऊनी कपड़ा. सबसे खास बात इस वर्ष 14 तारीख को बुध वक्री हो रहे हैं. शुक्र भी वक्री चल रहे हैं अतः इस वर्ष दान में पालक या मूली पत्तों के साथ दान करना विशेष हितकर रहेगा.
इन राशि वाले करें, ये दान
मेष राशि के जातकों को गुड़ का दान अवश्य करना है.
मिथुन राशि के जातकों के लिए पालक या मूली पत्तों के साथ दान करना हितकर रहेगा.
वृषभ राशि के जातकों के लिए आज चीनी का दान या खीर या कच्चा दूध चावल और चीनी का दान भी कर सकते हैं
कन्या राशि के जातकों के लिए पालक का दान करना हितकर रहेगा.
तुला राशि के जातकों के लिए खीर का दान करना और दान के पहले विष्णु जी का ध्यान करना विशेषकर रहेगा.
कर्क राशि के जातकों के लिए चीनी का दान करना हितकर रहेगा.
सिंह राशि के जातकों के लिए देसी घी का दान करना हितकर रहेगा.
मकर राशि के जातकों के लिए तिल का लड्डू के साथ ढाई सौ ग्राम तिल का दान करना महत्वपूर्ण रहेगा.
धनु राशि के जातकों के लिए गुड़ और आलू का दान करना हितकर रहेगा.
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए गुड़ की गजक दान करना हितकर रहेगा.
कुंभ राशि के जातकों के लिए सरसों का तेल का दान करना हितकर रहेगा.
मीन राशि के जातकों के लिए इस वर्ष गुड़ और गजक का दान करना या गुड़ की गजक का दान करना हितकर रहेगा.
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