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बागी संतों के समर्थन से आनंद गिरि बढ़ा रहे ताकत- महंत नरेन्द्र गिरि - महंत नरेन्द्र गिरि ने आनंद गिरि पर की टिप्पणी

यूपी के प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि पर उनके ही शिष्य आनंद गिरि ने अखाड़े की जमीन बेचने समेत कई गंभीर आरोप लगाये हैं. जिसके बाद महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि स्वामी आनंद गिरि के साथ प्रमुख संत नहीं हैं. आनंद गिरि अब अखाड़ा परिषद से निष्कासित संतो के जरिए ताकत बढ़ाने में लगे हैं.

गुरु और शिष्य के बीच तकरार.
गुरु और शिष्य के बीच तकरार.
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Published : May 23, 2021, 5:39 AM IST

प्रयागराज: गुरु और शिष्य के बीच तकरार कम होने का नाम नही ले रही है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि अखाड़ो से निष्कासित लोग ही आनंद गिरी के साथ हैं. वहीं उनके समर्थन में 13 अखाड़ों के अलावा अन्य प्रमुख धर्मगुरु खड़े हैं. उन्होंने कहा कि निरंजनी अखाड़ा, बाघम्बरी गद्दी और बड़े हनुमान मंदिर प्रयागराज से निष्कासित किए गए योग गुरु स्वामी आनंद गिरि अब अखाड़ा परिषद से निष्कासित संतो के जरिए ताकत बढ़ाने में लगे हैं.

'आनंद गिरि के साथ प्रमुख संत नहीं'

उनके गुरु अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि स्वामी आनंद गिरि के साथ प्रमुख संत नहीं हैं, इसलिए वह 13 अखाड़ों से निष्कासित और परिषद की तरफ से फर्जी घोषित धर्मगुरु और महात्माओं से संपर्क साध रहे हैं. ऐसे महात्माओं ने आनंद गिरि के समर्थन में बयान जारी किया है.

निरंजनी अखाड़ा से बीती 14 मई को स्वामी आनंद गिरि को किया गया था निष्कासित

बता दें कि परिवार से संपर्क रखने और गुरु के खिलाफ साजिश करने के आरोप में स्वामी आनंद गिरि को निरंजनी अखाड़ा ने बीती 14 मई को निष्कासित किया था. उनके गुरु महंत नरेंद्र गिरि ने उन्हें मठ और मंदिर से निष्कासित कर दिया है. वहीं स्वामी आनंद गिरि अपने गुरु पर मठ की जमीन बेचने और कुछ विद्यार्थियों के लिए करोड़ों रुपये के कीमती मकान बनवाने का आरोप लगाया है. इतना ही नहीं जांच के लिए उन्होंंने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों, राज्यपाल के साथ-साथ प्रधानमंत्री तक को पत्र लिखा है.

इसे भी पढ़ें- अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पर शिष्य ने लगाए संगीन आरोप, सीएम और पीएम को भेजा पत्र

निष्पक्ष जांच कराने की मांग

नरेंद्र गिरि का इन आरोप पर कहना है कि जब आनंद गिरि ने जांच की मांग की है, तो जांच होनी चाहिए. अखाड़ा परिषद, दंडी संन्यासी सहित अधिकतर धर्मगुरु उनके समर्थन में हैं. संत समाज सहित अधिकतर करीबियों ने आनंद गिरि से दूरी बना ली हैय इसलिए अब उन्होंने अखाड़ों से निकाले गए महात्माओं को अपने पक्ष में लामबंद करना शुरू कर दिया है. आचार्य प्रमोदकृष्णम, स्वामी चक्रपाणि, महंत श्याम भारती, महंत मोहन गिरि, मिर्ची बाबा उनके समर्थन में आगे आए हैं. इन संतो ने निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है.

प्रयागराज: गुरु और शिष्य के बीच तकरार कम होने का नाम नही ले रही है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि अखाड़ो से निष्कासित लोग ही आनंद गिरी के साथ हैं. वहीं उनके समर्थन में 13 अखाड़ों के अलावा अन्य प्रमुख धर्मगुरु खड़े हैं. उन्होंने कहा कि निरंजनी अखाड़ा, बाघम्बरी गद्दी और बड़े हनुमान मंदिर प्रयागराज से निष्कासित किए गए योग गुरु स्वामी आनंद गिरि अब अखाड़ा परिषद से निष्कासित संतो के जरिए ताकत बढ़ाने में लगे हैं.

'आनंद गिरि के साथ प्रमुख संत नहीं'

उनके गुरु अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि स्वामी आनंद गिरि के साथ प्रमुख संत नहीं हैं, इसलिए वह 13 अखाड़ों से निष्कासित और परिषद की तरफ से फर्जी घोषित धर्मगुरु और महात्माओं से संपर्क साध रहे हैं. ऐसे महात्माओं ने आनंद गिरि के समर्थन में बयान जारी किया है.

निरंजनी अखाड़ा से बीती 14 मई को स्वामी आनंद गिरि को किया गया था निष्कासित

बता दें कि परिवार से संपर्क रखने और गुरु के खिलाफ साजिश करने के आरोप में स्वामी आनंद गिरि को निरंजनी अखाड़ा ने बीती 14 मई को निष्कासित किया था. उनके गुरु महंत नरेंद्र गिरि ने उन्हें मठ और मंदिर से निष्कासित कर दिया है. वहीं स्वामी आनंद गिरि अपने गुरु पर मठ की जमीन बेचने और कुछ विद्यार्थियों के लिए करोड़ों रुपये के कीमती मकान बनवाने का आरोप लगाया है. इतना ही नहीं जांच के लिए उन्होंंने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों, राज्यपाल के साथ-साथ प्रधानमंत्री तक को पत्र लिखा है.

इसे भी पढ़ें- अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पर शिष्य ने लगाए संगीन आरोप, सीएम और पीएम को भेजा पत्र

निष्पक्ष जांच कराने की मांग

नरेंद्र गिरि का इन आरोप पर कहना है कि जब आनंद गिरि ने जांच की मांग की है, तो जांच होनी चाहिए. अखाड़ा परिषद, दंडी संन्यासी सहित अधिकतर धर्मगुरु उनके समर्थन में हैं. संत समाज सहित अधिकतर करीबियों ने आनंद गिरि से दूरी बना ली हैय इसलिए अब उन्होंने अखाड़ों से निकाले गए महात्माओं को अपने पक्ष में लामबंद करना शुरू कर दिया है. आचार्य प्रमोदकृष्णम, स्वामी चक्रपाणि, महंत श्याम भारती, महंत मोहन गिरि, मिर्ची बाबा उनके समर्थन में आगे आए हैं. इन संतो ने निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है.

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