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देश के सबसे बड़े धार्मिक मेले में 'तम्बुओं का शहर' बसने को तैयार

संगम नगरी प्रयागराज में आगामी 14 जनवरी से माघ मेला प्रारंभ हो रहा है. 'तम्बुओं का शहर' बसाने से लेकर श्रद्धालुओं की सुरक्षा की दृष्टि से किए जा रहे कार्य जोरों पर हैं.

माघ मेले की तैयारियां शुरू.
माघ मेले की तैयारियां शुरू.
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Published : Dec 5, 2020, 7:14 PM IST

प्रयागराज: देश के सबसे बड़े सालाना धार्मिक मेले की शुरुआत 14 जनवरी मकर संक्रांति के स्नान पर्व के साथ हो रही है. कोविड काल के होते हुए भी इस साल मेला संगम क्षेत्र में ही लगेगा. पिछले साल के मुताबिक, इस बार क्षेत्रफल थोड़ा कम रहेगा. मेले के लिए संगम की रेती पर अलग से 'तम्बुओं का शहर' बसाने का सिलसिला शुरू हो गया है.

माघ मेले की तैयारियां शुरू.

संगम तट पर बसेगी तंबुओं की नगरी
संगम नगरी में माघ मेले की तैयारी जोरों पर है. इस बार बाढ़ और कोविड के चलते तैयारी भी देर से शुरू हुई. अधिकारियों के मुताबिक, समय से पहले सभी कार्य को पूरे कर लिए जाएंगे. आस्था की नगरी में 'तम्बुओं का शहर' को इस बार 4 सेक्टरों में आबाद किया जाएगा. वहीं, स्नानार्थियों की सुविधा के लिए 3 पैंटून पुल भी होंगे.

कोरोना काल के चलते प्रयागराज के संगम तट पर इस बार फिर श्रद्धालुओं का सैलाब पिछले साल के मुताबिक कम देखने को मिलेगा. इस बार माघ मेले में आस्था की एक डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालु मास्क और सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते नजर आएंगे. मेले में भीड़ को नियंत्रित रखने के लिए 3 पैंटून पुल भी बनाए जा रहे हैं.

निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद ही कर सकेंगे कल्पवास
दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले में इस बार कोविड टेस्ट भी होगा, ताकि संक्रमण न फैले. बाढ़ की वजह से संगम किनारे जमीन को बराबर किया जा रहा है, जबकि रेत में बिछने वाली चकर्ड प्लेट को लगाने का काम शुरू हो गया है. बिजली व्यवस्था के लिए बिजली के खंभे भी लगाए जा रहे हैं. जो श्रद्धालु संगम की रेती पर एक महीना का कल्पवास करेंगे, उनका 2 बार कोविड टेस्ट होगा. टेस्ट रिपोर्ट निगेविट आने के बाद ही मेला प्रशासन की ओर से कल्पवास करने की अनुमति दी जाएगी.

मेला क्षेत्र में जमीन समतल का कार्य लगभग पूरा हो चुका है, जबकि शेष कार्य 25 दिसम्बर तक पूरे करने के निर्देश भी दिए गए हैं. मेले में इस बार सुरक्षा के बेहद कड़े इंतजाम किए गए हैं. ज्यादातर व्यवस्थाएं अर्ध सैनिक बलों के जिम्मे रहेंगी. अधिकारियों के मुताबिक, समय से सभी कार्य पूरे कर लिए जाएंगे.

माघ मेला साइट इंचार्ज पुनीत श्रीवास्तव ने बताया कि मेला क्षेत्र में जमीनों के समतलीकरण कार्य में ट्रैक्टर और लेबर लगे हुए हैं, कार्य लगभग पूरा हो चुका है. कच्चे घाटों का भी निर्माण हो रहा है. अब उस पर बोरिया डालकर प्लेटफार्म बनाने की तैयारियां की जा रही है. संगम नोज से किला घाट तक पूरे घाट तैयार किए जा रहे हैं. सड़क निर्माण के बाद ही पैंटून पुल का निर्माण किया जाएगा, संगम क्षेत्र में पूरे जोरों से कार्य प्रगति पर है.

प्रयागराज: देश के सबसे बड़े सालाना धार्मिक मेले की शुरुआत 14 जनवरी मकर संक्रांति के स्नान पर्व के साथ हो रही है. कोविड काल के होते हुए भी इस साल मेला संगम क्षेत्र में ही लगेगा. पिछले साल के मुताबिक, इस बार क्षेत्रफल थोड़ा कम रहेगा. मेले के लिए संगम की रेती पर अलग से 'तम्बुओं का शहर' बसाने का सिलसिला शुरू हो गया है.

माघ मेले की तैयारियां शुरू.

संगम तट पर बसेगी तंबुओं की नगरी
संगम नगरी में माघ मेले की तैयारी जोरों पर है. इस बार बाढ़ और कोविड के चलते तैयारी भी देर से शुरू हुई. अधिकारियों के मुताबिक, समय से पहले सभी कार्य को पूरे कर लिए जाएंगे. आस्था की नगरी में 'तम्बुओं का शहर' को इस बार 4 सेक्टरों में आबाद किया जाएगा. वहीं, स्नानार्थियों की सुविधा के लिए 3 पैंटून पुल भी होंगे.

कोरोना काल के चलते प्रयागराज के संगम तट पर इस बार फिर श्रद्धालुओं का सैलाब पिछले साल के मुताबिक कम देखने को मिलेगा. इस बार माघ मेले में आस्था की एक डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालु मास्क और सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते नजर आएंगे. मेले में भीड़ को नियंत्रित रखने के लिए 3 पैंटून पुल भी बनाए जा रहे हैं.

निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद ही कर सकेंगे कल्पवास
दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले में इस बार कोविड टेस्ट भी होगा, ताकि संक्रमण न फैले. बाढ़ की वजह से संगम किनारे जमीन को बराबर किया जा रहा है, जबकि रेत में बिछने वाली चकर्ड प्लेट को लगाने का काम शुरू हो गया है. बिजली व्यवस्था के लिए बिजली के खंभे भी लगाए जा रहे हैं. जो श्रद्धालु संगम की रेती पर एक महीना का कल्पवास करेंगे, उनका 2 बार कोविड टेस्ट होगा. टेस्ट रिपोर्ट निगेविट आने के बाद ही मेला प्रशासन की ओर से कल्पवास करने की अनुमति दी जाएगी.

मेला क्षेत्र में जमीन समतल का कार्य लगभग पूरा हो चुका है, जबकि शेष कार्य 25 दिसम्बर तक पूरे करने के निर्देश भी दिए गए हैं. मेले में इस बार सुरक्षा के बेहद कड़े इंतजाम किए गए हैं. ज्यादातर व्यवस्थाएं अर्ध सैनिक बलों के जिम्मे रहेंगी. अधिकारियों के मुताबिक, समय से सभी कार्य पूरे कर लिए जाएंगे.

माघ मेला साइट इंचार्ज पुनीत श्रीवास्तव ने बताया कि मेला क्षेत्र में जमीनों के समतलीकरण कार्य में ट्रैक्टर और लेबर लगे हुए हैं, कार्य लगभग पूरा हो चुका है. कच्चे घाटों का भी निर्माण हो रहा है. अब उस पर बोरिया डालकर प्लेटफार्म बनाने की तैयारियां की जा रही है. संगम नोज से किला घाट तक पूरे घाट तैयार किए जा रहे हैं. सड़क निर्माण के बाद ही पैंटून पुल का निर्माण किया जाएगा, संगम क्षेत्र में पूरे जोरों से कार्य प्रगति पर है.

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