बरेली: स्थानीय थाना क्षेत्र के तिलमास गांव में सरकारी तालाब की भूमि पर मस्जिद निर्माण को लेकर विवाद ने तूल पकड़ लिया है. एक हिंदू संगठन के सदस्य ने इस मामले को सोशल मीडिया पर उठाते हुए पोस्ट लिखी. इसके बाद प्रशासन हरकत में आया. एसडीएम तृप्ति गुप्ता, तहसीलदार विशाल कुमार शर्मा, सीओ अंजनी कुमार तिवारी, इंस्पेक्टर सिद्धार्थ सिंह तोमर, राजस्व टीम और पुलिस बल ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया.
राजस्व विभाग की प्रारंभिक जांच में मस्जिद का पिछला हिस्सा तालाब की भूमि पर पाया गया है. मस्जिद के निर्माण को लेकर गांव के किसी भी पक्ष ने विरोध नहीं जताया. ग्रामीणों ने प्रशासन से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की और शांति बनाए रखने की अपील की. मस्जिद में नमाज अदा करने वाले स्थानीय निवासी इस्तखार खां ने कहा कि मस्जिद कई साल पुरानी है. इसका निर्माण तालाब की जमीन पर नहीं हुआ है. हालांकि, उन्होंने माना कि मस्जिद का पिछला हिस्सा तीन-चार फीट तालाब की ओर बढ़ा हुआ है.
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सोशल मीडिया पर शिकायत के बाद कार्रवाई: पांच-छह साल पहले मस्जिद का विस्तार करते हुए तालाब की जमीन पर पिलर खड़े कर लिंटर डाला गया था. इस अवैध निर्माण की जानकारी सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद प्रशासन ने तुरंत इस पर कार्रवाई की.
एसडीएम तृप्ति गुप्ता ने बताया कि जांच के दौरान मस्जिद के पिछले हिस्से को तालाब की जमीन पर पाया गया है. हालांकि, तालाब में पानी होने के कारण माप में दिक्कत आ रही है. रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी. उनके निर्देशानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी. गांव के हिंदू और मुस्लिम समुदाय ने प्रशासन से मामले को सुलझाने और शांति बनाए रखने की अपील की है. दोनों समुदायों ने आपसी भाईचारे और सौहार्द के साथ रहने का भरोसा दिलाया है.
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