प्रयागराज: आजमगढ़ में गत वर्ष जहरीली शराब पीने से 9 लोगों की मौत के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बाहुबली माफिया विधायक रमाकांत यादव की जमानत अर्जी नामंजूर कर दी है. रमाकांत की जमानत याचिका खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने इस बात पर गंभीर चिंता जताई कि बाहुबली और माफिया विधायक चुनाव जीतकर बार-बार लोकसभा और विधानसभा में पहुंचते हैं. जो दर्शाता है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के चुनाव सिस्टम में गंभीर खामी है.
कोर्ट ने कहा कि मौजूदा लोकसभा में 43 फ़ीसदी सदस्य ऐसे हैं जो अपराधिक पृष्ठभूमि के हैं तथा इन पर गंभीर किस्म के अपराधों में मुकदमे दर्ज है. कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त रमाकांत पूर्वांचल का बाहुबली और माफिया डॉन है. पूर्वांचल में माफियाओं का दबदबा है. जिन्होंने आश्चर्यजनक रूप से करोड़ों की प्रॉपर्टी बना ली है. ऐसे लोग गरीब और कानून को मारने वाले लोगों को डरा धमका कर उनके प्रॉपर्टी पर कब्जा कर लेते हैं.
रमाकांत यादव पर 48 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें से 8 हत्या के है. इसके अलावा अपहरण, फिरौती, दुष्कर्म जैसे गंभीर अपराधों में भी उस पर मुकदमा दर्ज है. कोर्ट ने कहा कि इतना खतरनाक माफिया बाहुबली बार-बार चुनाव जीतकर लोकसभा, विधानसभा पहुंच रहा है. यह दर्शाता है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के चुनाव सिस्टम में कुछ गंभीर खामी है. रमाकांत की जमानत अर्जी पर न्यायमूर्ति डीके सिंह ने सुनवाई की.
रमाकांत के खिलाफ जहरीली शराब के मामले में आजमगढ़ के फूलपुर और अहरौला थानों में मुकदमे दर्ज है. दोनों मुकदमों में उन्होंने जमानत के लिए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. मामले के अनुसार मृतकों ने अभियुक्त रंगेश यादव की देसी शराब के ठेके से शराब खरीद करके पी थी. जिसके बाद उनकी मौत हो गई. कहा जाता है कि लाइसेंस रंगेश के नाम है मगर शराब के ठेके का वास्तविक नियंत्रण रमाकांत यादव का है. विवेचना के दौरान रमाकांत का नाम प्रकाश में आया. वह आजमगढ़ से दो बार सांसद रह चुका है तथा पांच बार आजमगढ़ की फूलपुर पवई सीट से विधायक रहा है. वर्तमान में भी वह विधायक है. कोर्ट ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी है.
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