प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (allahabad high court) ने गाजीपुर उसरी चट्टी कांड मामले (ghazipur usri chatti case) में बुधवार को माफिया ब्रजेश सिंह (mafia brijesh singh) उर्फ अरुण कुमार सिंह की जमानत मंजूर कर ली है. यह आदेश न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्र ने दिया.
ब्रजेश सिंह पिछले 12 वर्ष से जेल में बंद हैं. ब्रजेश सिंह व अन्य लोगों के खिलाफ गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में जानलेवा हमला व हत्या सहित आईपीसी की कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था. ब्रजेश पर अपने साथियों के साथ मिलकर मुख्तार अंसारी (mukhtar ansari) के काफिले पर जानलेवा हमला करने का आरोप है. हमले में मुख्तार के गनर की मौत हो गई थी और कई अन्य लोग घायल हो गए थे.
जमानत के समर्थन में याची की ओर से कहा गया कि वह इस मामले में 2009 से जेल में बंद है. इससे पूर्व उसकी पहली जमानत अर्जी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी. साथ ही कोर्ट ने विचारण न्यायाधीश को निर्देश दिया था कि मुकदमे के विचारण में एक वर्ष के अंदर सभी गवाहों की गवाही पूरी कर ली जाए और ट्रायल पूरा किया जाए.
इसकी अवधि बीतने के बाद भी सिर्फ एक ही गवाह का बयान दर्ज कराया जा सका है. यह भी कहा गया कि याची के खिलाफ 41 आपराधिक मामलों का इतिहास है. इनमें से 15 में वह बरी या डिस्चार्ज हो चुका है. सिर्फ तीन मुकदमों में विचारण चल रहा है. इनमें से दो मुकदमों में वह जमानत पर है. सिर्फ इस एक मामले में उसे जमानत नहीं मिली है. मुकदमे का ट्रायल जल्द पूरा होने की उम्मीद नहीं है.
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राज्य सरकार और मुख्तार अंसारी की ओर से अधिवक्ता उपेन्द्र उपाध्याय ने जमानत अर्जी का विरोध किया. कहा गया कि याची के खिलाफ 41 आपराधिक मुकदमे हैं. उसे जेल से रिहा करना उचित नहीं है. सुनवाई के बाद कोर्ट ने सौदान सिंह केस के निर्देश, तथ्यों और परिस्थितियों के मद्देनजर ब्रजेश सिंह को सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया.
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