प्रयागराज: लॉकडाउन होने की वजह से इलाहाबाद हाईकोर्ट और जिला न्यायालय में ऑनलाइन ईमेल के जरिए मुकदमों की सुनवाई का काम शुरू कर दिया है. कोर्ट परिसर में अधिवक्ता बताए गए तिथि पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बेल एप्लिकेशन पर जज से बहस कर सकेंगे. ऐसे में कोर्ट परिसर खोले जाने और न्यायालय की व्यवस्थाओं से वकील नाखुश नजर आए.
अधिवक्ता संघ के पूर्व मंत्री मनोज कुमार सिंह लोकेश ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि लंबे समय के बाद कार्य परिसर खोलने के बावजूद न्यायिक कार्य नहीं हो पा रहा है. आधी अधूरी तैयारियों के बीच कोर्ट खोला गया है.
सैनिटाइजेशन और सफाई की व्यवस्था पर नहीं दिया जा रहा ध्यान
अधिवक्ता संघ के पूर्व मंत्री ने कहा कि ईमेल और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से काम तो शुरू किया गया है, लेकिन अधिवक्ता इस कार्य से पूरी तरह से असहमत हैं. न्यायालय परिसर को न, तो सैनिटाइज किया गया है और न ही बैठने की व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही सफाई भी नहीं कराई गई है. उन्होंने कहा कि परिसर में चारों तरफ गंदगी का अंबार लगा है. इसके साथ ही अधिवक्ताओं के बैठने वाले जगहों और कुर्सियों पर धूल पड़ी है.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पूरी तरह से है फ्लॉप
अधिवक्ता संघ के पूर्व मंत्री ने कहा कि न्यायालय खोलने के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और ईमेल के जरिए किए जा रहे मुकदमे की सुनवाई पूरी तरह से फ्लॉप है. प्रैक्टिस करने वाले बहुत से अधिवक्ताओं को डिजिटल जानकारी नहीं है. इसके साथ ही मुकदमों की सुनवाई और उसके बारे में जानकारी बहुत देर में मिल रही है. लिहाजा न्यायालय पहले की तरह ही काम शुरू करे, जिससे मुकदमों की सुनवाई सही तरीके से हो सके.
न्यायालय में संक्रमण फैलने का है डर
अधिवक्ता प्रमोद सिंह नीरज ने कहा कि न्यायालय बंद होने यहां अधिवक्ताओं को समस्या झेलनी पड़ रही है. इसके बावजूद कोर्ट परिसर खोलने के बाद भी सैनिटाइज और साफ-सफाई की व्यवस्था नहीं कराई गई है. ऐसे में न्यायालय परिसर में कोरोना संक्रमण बढ़ने का खतरा लगातार बना हुआ है. न्यायालय के चीफ जस्टिस से यह आग्रह है कि कोर्ट परिसर की पूरी तरह सफाई और सैनिटाइज कराने की व्यवस्था की जाए.
इंटरनेट सिस्टम की नहीं है जानकारी
अधिवक्ता अरविंद यादव ने कहा कि न्यायालय कार्य आधी अधूरी तैयारियों के बीच ही शुरू कर दिया गया है. बहुत से ऐसे अधिवक्ता हैं, जिन्हें इंटरनेट की जानकारी नहीं है. ऐसे में उनको मुकदमों की सुनवाई के लिए एप्लिकेशन करने में मुश्किल हो रही है. न्यायालय को इंटरनेट कार्य को रोककर फिर से कोर्ट खोले और बेल एप्लिकेशन पड़ने के बाद, जिस दिन बहस की तारीख मिले उसमें जाकर अधिवक्ता बहस करके अपने मुकदमों की जानकारी ले सकें. न्यायालय में बेल एप्लिकेशन की कोई जानकारी नहीं मिल रही है.