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कोरोना का कहर: रेमेडिसिविर इंजेक्शन और पल्स ऑक्सीमीटर की कमी - remadecivir injection

यूपी के प्रयागराज में भी कोरोना वायरस के मामले तेजी से पांव पसार रहे हैं. इस महामारी के बीच जिले में रेमेडिसिविर इंजेक्शन की कमी शुरू हो गयी है. पल्स ऑक्सीमीटर भी आसानी से बाजार में नहीं मिल रहा है. वहीं, दवाओं के कुछ व्यापारी मुनाफा कमाने के लिए इन दवाओं की कालाबाजारी भी कर रहे हैं. इसे लेकर जिला प्रशासन की तरफ से चेतावनी दी गई है.

कोरोना महामारी
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Published : Apr 17, 2021, 7:41 AM IST

प्रयागराज : जिले में कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच रेमेडिसिविर इंजेक्शन की कमी शुरू हो गयी है. जैसे-जैसे कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं वैसे-वैसे उससे लड़ने वाली दवाओं की मांग और किल्लत बढ़ती जा रही है. साथ ही पल्स ऑक्सीमीटर भी आसानी से बाजार में नहीं मिल रहा है. इसके अलावा विटामिन सी की दवाओं की मांग भी तेजी से बढ़ रही है, लेकिन उसकी फिलहाल कमी नहीं है.

रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी
रेमेडिसिविर का पड़ा अकाल

प्रयागराज में रोजाना बड़ी संख्या में कोरोना संकम्रित मरीज मिल रहे हैं. इस वजह से जिले के कोविड एल 1, एल 2 और कोविड एल 3 हॉस्पिटल में मरीजों की संख्या बढ़ रही है. सरकारी और निजी हॉस्पिटल में इलाज करवाने वाले जिन मरीजों की हालात बिगड़ती है, उन्हें रेमेडिसिविर इंजेक्शन की जरूरत पड़ती है. लेकिन इन दिनों प्रयागराज में रेमेडिसिविर इंजेक्शन का अकाल पड़ गया है. फुटकर दवा की दुकानों पर तो इस इंजेक्शन के मिलने की कोई संभावना ही नहीं है. थोक दवाओं की सप्लाई करने वाले डिस्ट्रीब्यूटर्स के यहां भी रेमेडिसिविर इंजेक्शन नहीं है. लोग आसपास के जिलों से संपर्क कर इसको मंगवा रहे हैं. दवा व्यवसायी भी सरकार से गुहार लगा रहे है कि सरकार इस इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित करवाये, जिससे लोगों को आसानी से जीवन रक्षक इंजेक्शन मिल सके. वहीं, कुछ लोग मुसीबत की इस घड़ी में मुनाफा कमाने के लिए रेमेडिसिविर को मुंहमांगी कीमत पर बेच रहे हैं.

पल्स ऑक्सीमीटर की भी डिमांड बढ़ी

कोरोना मरीजों की हालत जानने के लिए पल्स ऑक्सीमीटर का इस्तेमाल किया जाता है. इसके जरिए होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों के स्वास्थ की भी निगरानी की जाती है. पल्स ऑक्सीमीटर के जरिये कोरोना संक्रमितों के ऑक्सीजन लेवल का स्तर देखा जाता है, जिससे उनके स्वास्थ्य का अंदाजा लगता है और ऑक्सीजन लेवल के कम होने पर मरीज के हालात बिगड़ने की जानकारी भी मिल जाती है. इस वजह से मरीजों के परिजन पल्स ऑक्सीमीटर खरीदकर घरों में रखते हैं, जिसके जरिये संक्रमितों की सेहत की जांच समय समय पर घर में होती रहती है. इसी वजह से कोरोना के संक्रमण के बढ़ने के साथ ही इसकी डिमांड तेजी से बढ़ गई है.

इसे भी पढ़ें- यूपी में कोरोना का कहरः 27 हजार से अधिक मरीज मिले और 103 की मौत

जिला प्रशासन की तरफ से दी गई हिदायत

मुसीबत के इस दौर में कोई भी दवा व्यापारी या हॉस्पिटल वाले रेमेडिसिविर और दूसरी दवाएं कालाबाजारी करते मिलेंगे, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. प्रशासन की तरफ से सभी दुकानदारों को चेताया गया है कि महामारी के दौर में किसी भी हालत में तय रेट से अधिक पर दवाएं न बेचें. दुकानदारों को हिदायत दी गई है कि कालाबाजीरी न करें, ऐसा करने वालों की सूचना मिलने पर छापेमारी की जाएगी. पकड़े जाने पर उनके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा.

प्रयागराज में दवा के थोक व्यापारियों का कहना है कि जीवन रक्षक इंजेक्शन रेमेडिसिविर की कमी है, साथ ही पल्स ऑक्सीमीटर डिमांड के अनुसार बाजार में उपलब्ध नहीं है. इसलिए सरकार को चाहिए कि इसकी बाजार में उपलब्धता सुनिश्चित करवाएं, जिससे मरीजों को समय पर उचित मूल्य पर दवाएं उपलब्ध करवाई जा सके.

प्रयागराज : जिले में कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच रेमेडिसिविर इंजेक्शन की कमी शुरू हो गयी है. जैसे-जैसे कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं वैसे-वैसे उससे लड़ने वाली दवाओं की मांग और किल्लत बढ़ती जा रही है. साथ ही पल्स ऑक्सीमीटर भी आसानी से बाजार में नहीं मिल रहा है. इसके अलावा विटामिन सी की दवाओं की मांग भी तेजी से बढ़ रही है, लेकिन उसकी फिलहाल कमी नहीं है.

रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी
रेमेडिसिविर का पड़ा अकाल

प्रयागराज में रोजाना बड़ी संख्या में कोरोना संकम्रित मरीज मिल रहे हैं. इस वजह से जिले के कोविड एल 1, एल 2 और कोविड एल 3 हॉस्पिटल में मरीजों की संख्या बढ़ रही है. सरकारी और निजी हॉस्पिटल में इलाज करवाने वाले जिन मरीजों की हालात बिगड़ती है, उन्हें रेमेडिसिविर इंजेक्शन की जरूरत पड़ती है. लेकिन इन दिनों प्रयागराज में रेमेडिसिविर इंजेक्शन का अकाल पड़ गया है. फुटकर दवा की दुकानों पर तो इस इंजेक्शन के मिलने की कोई संभावना ही नहीं है. थोक दवाओं की सप्लाई करने वाले डिस्ट्रीब्यूटर्स के यहां भी रेमेडिसिविर इंजेक्शन नहीं है. लोग आसपास के जिलों से संपर्क कर इसको मंगवा रहे हैं. दवा व्यवसायी भी सरकार से गुहार लगा रहे है कि सरकार इस इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित करवाये, जिससे लोगों को आसानी से जीवन रक्षक इंजेक्शन मिल सके. वहीं, कुछ लोग मुसीबत की इस घड़ी में मुनाफा कमाने के लिए रेमेडिसिविर को मुंहमांगी कीमत पर बेच रहे हैं.

पल्स ऑक्सीमीटर की भी डिमांड बढ़ी

कोरोना मरीजों की हालत जानने के लिए पल्स ऑक्सीमीटर का इस्तेमाल किया जाता है. इसके जरिए होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों के स्वास्थ की भी निगरानी की जाती है. पल्स ऑक्सीमीटर के जरिये कोरोना संक्रमितों के ऑक्सीजन लेवल का स्तर देखा जाता है, जिससे उनके स्वास्थ्य का अंदाजा लगता है और ऑक्सीजन लेवल के कम होने पर मरीज के हालात बिगड़ने की जानकारी भी मिल जाती है. इस वजह से मरीजों के परिजन पल्स ऑक्सीमीटर खरीदकर घरों में रखते हैं, जिसके जरिये संक्रमितों की सेहत की जांच समय समय पर घर में होती रहती है. इसी वजह से कोरोना के संक्रमण के बढ़ने के साथ ही इसकी डिमांड तेजी से बढ़ गई है.

इसे भी पढ़ें- यूपी में कोरोना का कहरः 27 हजार से अधिक मरीज मिले और 103 की मौत

जिला प्रशासन की तरफ से दी गई हिदायत

मुसीबत के इस दौर में कोई भी दवा व्यापारी या हॉस्पिटल वाले रेमेडिसिविर और दूसरी दवाएं कालाबाजारी करते मिलेंगे, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. प्रशासन की तरफ से सभी दुकानदारों को चेताया गया है कि महामारी के दौर में किसी भी हालत में तय रेट से अधिक पर दवाएं न बेचें. दुकानदारों को हिदायत दी गई है कि कालाबाजीरी न करें, ऐसा करने वालों की सूचना मिलने पर छापेमारी की जाएगी. पकड़े जाने पर उनके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा.

प्रयागराज में दवा के थोक व्यापारियों का कहना है कि जीवन रक्षक इंजेक्शन रेमेडिसिविर की कमी है, साथ ही पल्स ऑक्सीमीटर डिमांड के अनुसार बाजार में उपलब्ध नहीं है. इसलिए सरकार को चाहिए कि इसकी बाजार में उपलब्धता सुनिश्चित करवाएं, जिससे मरीजों को समय पर उचित मूल्य पर दवाएं उपलब्ध करवाई जा सके.

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