प्रयागराज: हिन्दू सनातन धर्म में ऐसी मान्यता है कि मलमास या खरमास का महीना शुभ नहीं माना जाता है. ऐसी कई मान्यताएं हैं कि खरमास में विवाह, भवन-निर्माण, नया व्यापार या व्यवसाय आदि शुभ कार्य वर्जित हैं. पंचांग के अनुसार यह समय सौर मास का होता है, जिसे खरमास कहा जाता है. कहा जाता है कि इस मास में सूर्य देवता के रथ को घोड़े नहीं खींचते हैं. इसी लिए इस समय में शुभ कार्य न करें.
मलमास में ये कार्य करें
इस मास की एकादशियों को उपवास कर भगवान विष्णु की पूजा कर उन्हें तुलसी के पत्तों के साथ खीर का भोग लगाएं और प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करके भगवान विष्णु का केसर युक्त दूध से अभिषेक करें. तुलसी की माला से 11 बार भगवान विष्णु के मंत्र - नमो भगवते वासुदेवाय नम: का जप करें, इस मास में पीपल की पूजा करना भी शुभ रहता है. क्योंकि पीपल के वृक्ष में भगवान विष्णु का वास माना जाता है.
सबसे जरूरी और महत्वपूर्ण कार्य इस मास में यह किया जा सकता है कि दुर्व्यसनों, दुर्विचारों, पापाचार को त्याग कर श्रीहरि की भक्ति में मन लगाएं और सत्कर्म करें. भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ-साथ धार्मिक स्थलों पर स्नान-दान आदि करने का भी विशेष महत्व माना जाता है. साथ ही कार्यक्षेत्र में उन्नति के लिए खरमास की नवमी तिथि को कन्याओं को भोजन करवाना पुण्य और फलदायी माना जाता है.
मलमास में ये कार्य न करें
खरमास को लेकर पंडित राजेन्द्र प्रसाद शुक्ला ने उन कार्यों के बारे में बताया जिनको इस माह नही करने चाहिए. उन्होंने बताया कि इस पूरे मास विवाह, सगाई, ग्रह-प्रवेश आदि धार्मिक शुभकार्य या मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए. साथ ही नई वस्तुओं, घर, कार आदि की खरीददारी भी नहीं करनी चाहिए. घर का निर्माण कार्य या फिर निर्माण संबंधी सामग्री भी इस समय नहीं खरीदनी चाहिए.