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प्रयागराज: यमुना के किनारे किया गया जितिया पूजन, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में यमुना नदी के किनारे रविवार को जितिया पूजन किया गया. इस दौरान पूजन के लिए भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आई.

जितिया पूजन में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़.
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Published : Sep 23, 2019, 7:47 AM IST

प्रयागराज: जनपद में कुंवार महीने में पड़ने वाली अष्टमी के दिन रविवार को यमुना नदी के किनारे विधि विधान से जितिया पूजन किया गया. इस दौरान पूजन के लिए भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आई. वहीं जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए.

जितिया पूजन में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़.

क्या है प्राचीन मान्यता
कुंवार महीने में पढ़ने वाली अष्टमी के दिन यमुना नदी के किनारे जितिया पूजन का बड़ा ही महत्व है. वर्षों से लोग इस पुरानी परंपरा का निर्वहन करते हुए आ रहे हैं. इस पूजा में पुरुष और महिला दोनों ही बड़े उत्साह के साथ भाग लेते हैं. इस पूजन से पुत्रों की आयु में बढ़ोतरी होती है. ढोल नगाड़ों के बीच जितिया पूजन करने से परिवार में सुख और शांति बनी रहती है. पूजन में गन्ना, नारियल, मिष्ठान, फल-फूल और अन्य सामग्रियां उपयोग में लाई जाती हैं. इसका वर्णन महाभारत में भी मिलता है.

यह भी पढ़ें: ओवर लोडिंग का खेल जारी, सत्ता के संरक्षण में फल-फूल रहा अवैध खनन व्यापार

सुरक्षा के किए गए पुख्ता इंतजाम

पौराणिक और पारंपरिक रूप से महत्व रखने वाली इस पूजा के चलते यमुना घाट के किनारे सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. सुरक्षा-व्यवस्था के साथ-साथ साफ-सफाई का भी खास ध्यान रखा गया है, जिससे श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी न हो.

यह भी पढ़ें:- 'वंदे मातरम स्वीकार नहीं तो देश में रहने का हक नहीं'

ये जितिया माता की पूजा है, जो लड़कों के लिए की जाती है. हम जब से देख रहे हैं तब से ये पूजा करते चले आ रहे हैं.
-महिला श्रद्धालु

ये मन्नत की पूजा होती है, जिनकी मन्नत पूरी होती है वो पूजा करने आते हैं. पुलिस की ओर से जो सहायता होनी चाहिए मिल रही है.
-महिला श्रद्धालु

प्रयागराज: जनपद में कुंवार महीने में पड़ने वाली अष्टमी के दिन रविवार को यमुना नदी के किनारे विधि विधान से जितिया पूजन किया गया. इस दौरान पूजन के लिए भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आई. वहीं जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए.

जितिया पूजन में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़.

क्या है प्राचीन मान्यता
कुंवार महीने में पढ़ने वाली अष्टमी के दिन यमुना नदी के किनारे जितिया पूजन का बड़ा ही महत्व है. वर्षों से लोग इस पुरानी परंपरा का निर्वहन करते हुए आ रहे हैं. इस पूजा में पुरुष और महिला दोनों ही बड़े उत्साह के साथ भाग लेते हैं. इस पूजन से पुत्रों की आयु में बढ़ोतरी होती है. ढोल नगाड़ों के बीच जितिया पूजन करने से परिवार में सुख और शांति बनी रहती है. पूजन में गन्ना, नारियल, मिष्ठान, फल-फूल और अन्य सामग्रियां उपयोग में लाई जाती हैं. इसका वर्णन महाभारत में भी मिलता है.

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सुरक्षा के किए गए पुख्ता इंतजाम

पौराणिक और पारंपरिक रूप से महत्व रखने वाली इस पूजा के चलते यमुना घाट के किनारे सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. सुरक्षा-व्यवस्था के साथ-साथ साफ-सफाई का भी खास ध्यान रखा गया है, जिससे श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी न हो.

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ये जितिया माता की पूजा है, जो लड़कों के लिए की जाती है. हम जब से देख रहे हैं तब से ये पूजा करते चले आ रहे हैं.
-महिला श्रद्धालु

ये मन्नत की पूजा होती है, जिनकी मन्नत पूरी होती है वो पूजा करने आते हैं. पुलिस की ओर से जो सहायता होनी चाहिए मिल रही है.
-महिला श्रद्धालु

Intro:कुंवार महीने में पढ़ने वाली अष्टमी को प्रयागराज स्थित यमुना नदी के किनारे जितियां पूजन का बड़ा ही महत्व है वर्षों पुरानी परंपरा का निर्वहन यहां आज भी नजर आता है अष्टमी की शाम को होने वाली इस पूजा को लेकर पुरुष और महिला दोनों ही बड़े उत्साह के साथ भाग लेते हैं ऐसा ही नजारा आज प्रयागराज के यमुना बैंक रोड पर देखने को मिला।


Body:प्राचीन मान्यता है कि यमुना नदी के किनारे ढोल नगाड़ों के बीच जितिया पूजन से परिवार में सुख और शांति बनी रहती है मान्यता है कि इसके पूजन से पुत्रों की आयु में बढ़ोतरी होती है प्रयागराज में इसकी पूजा प्राचीन काल से चली आ रही है पूजन में गन्ना नारियल मिष्ठान फल फूल तथा अन्य सामग्रियां उपयोग में ली जाती है। अष्टमी के दिन होने वाली इस पूजा के चलते आज हजारों की संख्या में पुरुष और महिलाओं ने यमुना नदी के किनारे पहुंचकर विधि विधान से पूजन अर्चन किया और अपने परिवार वह पुत्र की लंबी आयु की कामना की। पौराणिक और पारंपरिक रूप से महत्व रखने वाली इस पूजा के चलते यमुना घाट के किनारे सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे वहां पर सुरक्षा व्यवस्था साफ-सफाई के लिए जिला प्रशासन के द्वारा टीमें लगाई गई थी जिससे श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी ना हो


Conclusion:मान्यता यह भी है कि किस के पूजन से भाई-बहन के प्रेम और अटूट होते हैं पौराणिक मान्यता के अनुसार जितिया व्रत का हिंदू धर्म में बड़ा ही महत्व है जो महिलाएं इस व्रत निर्जला रखकर
नदी के किनारे इसका पूजन करती है तो उन्हें श्रेष्ठ पुत्र की प्राप्ति होती है साथ ही साथ उसको सुरक्षा भी प्राप्त होती है। इसका व्रत का वर्णन महाभारत में मिलता है ।

बाईट: महिला श्रद्धालु
बाईट: महिला श्रद्धलुओं की

प्रवीण मिश्र
प्रयागराज।
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