प्रयागराज: जनपद में कुंवार महीने में पड़ने वाली अष्टमी के दिन रविवार को यमुना नदी के किनारे विधि विधान से जितिया पूजन किया गया. इस दौरान पूजन के लिए भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आई. वहीं जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए.
क्या है प्राचीन मान्यता
कुंवार महीने में पढ़ने वाली अष्टमी के दिन यमुना नदी के किनारे जितिया पूजन का बड़ा ही महत्व है. वर्षों से लोग इस पुरानी परंपरा का निर्वहन करते हुए आ रहे हैं. इस पूजा में पुरुष और महिला दोनों ही बड़े उत्साह के साथ भाग लेते हैं. इस पूजन से पुत्रों की आयु में बढ़ोतरी होती है. ढोल नगाड़ों के बीच जितिया पूजन करने से परिवार में सुख और शांति बनी रहती है. पूजन में गन्ना, नारियल, मिष्ठान, फल-फूल और अन्य सामग्रियां उपयोग में लाई जाती हैं. इसका वर्णन महाभारत में भी मिलता है.
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सुरक्षा के किए गए पुख्ता इंतजाम
पौराणिक और पारंपरिक रूप से महत्व रखने वाली इस पूजा के चलते यमुना घाट के किनारे सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. सुरक्षा-व्यवस्था के साथ-साथ साफ-सफाई का भी खास ध्यान रखा गया है, जिससे श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी न हो.
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ये जितिया माता की पूजा है, जो लड़कों के लिए की जाती है. हम जब से देख रहे हैं तब से ये पूजा करते चले आ रहे हैं.
-महिला श्रद्धालुये मन्नत की पूजा होती है, जिनकी मन्नत पूरी होती है वो पूजा करने आते हैं. पुलिस की ओर से जो सहायता होनी चाहिए मिल रही है.
-महिला श्रद्धालु