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गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ दायर परिवाद पर सुल्तानपुर MP-MLA कोर्ट में हुई गवाही; डॉ. आंबेडकर पर टिप्पणी से जुड़ा है मामला - AMIT SHAH CASE

अब 7 फरवरी को सुल्तानपुर के MPMLA कोर्ट में होगी दूसरी गवाही, पेन ड्राइव-पेपर कटिंग और कास्ट सार्टिफिकेट हो चुका है दाखिल.

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गृह मंत्री अमित शाह. (Photo Credit; ETV Bharat Archive)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 23, 2025, 3:42 PM IST

सुल्तानपुर: डॉ. भीमराव आंबेडकर को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की ओर से लोकसभा भवन में की गई टिप्पणी के प्रकरण में गुरुवार को सुल्तानपुर MPMLA कोर्ट में गवाह के बयान दर्ज हुए. अब कोर्ट इस मामले में 7 फरवरी को सुनवाई करेगी. जिसमें दूसरे गवाह के बयान दर्ज किए जाएंगे. इससे पहले 15 जनवरी को परिवादी ने अपने बयान कोर्ट में दर्ज कराए थे. 7 जनवरी को कोर्ट के विशेष मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा के समक्ष परिवाद दाखिल हुआ था.

याचिकाकर्ता धम्मौर थाना अंतर्गत बनकेपुर सरैया निवासी रामखेलावन ने अधिवक्ता जयप्रकाश के माध्यम से परिवाद दायर किया था. रामखेलावन ने बताया था कि 17 दिसंबर 2024 को सदन में भारत के संविधान निर्माता डॉ. भीम राव आंबेडकर के खिलाफ गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था, 'आंबेडकर-आंबेडकर (6 बार यह शब्द दोहराया) एक फैशन हो गया है. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग हो जाता.'

रामखेलावन का कहना था कि जिनकी बदौलत अमित शाह आज गृहमंत्री हैं, उन्हीं के खिलाफ उन्होंने ऐसी टिप्पणी की, जिनको करोड़ों गरीब मजदूर अपना भगवान मानते हैं. उनकी इस टिप्पणी से करोड़ों लोगों की भावानाएं आहत हुई हैं. इससे मेरी भी भावना आहत हुई है. इसी को लेकर मैंने अमित शाह के खिलाफ परिवाद दायर किया है.

बीते 24 दिसंबर 2024 को याचिकाकर्ता ने पुलिस अधीक्षक को रजिस्टर्ड डाक से कार्रवाई के लिए तहरीर भेजी थी. लेकिन, पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं की गई. जिसको लेकर उसने कोर्ट का सहारा लिया. इस बाबत परिवादी के अधिवक्ता जयप्रकाश ने बताया कि हमने कोर्ट में पेपर कटिंग, पेन ड्राइव में अमित शाह के बयान का वीडियो, वादी का कास्ट सार्टिफिकेट दाखिल किया है.

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याचिकाकर्ता धम्मौर थाना अंतर्गत बनकेपुर सरैया निवासी रामखेलावन ने अधिवक्ता जयप्रकाश के माध्यम से परिवाद दायर किया था. रामखेलावन ने बताया था कि 17 दिसंबर 2024 को सदन में भारत के संविधान निर्माता डॉ. भीम राव आंबेडकर के खिलाफ गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था, 'आंबेडकर-आंबेडकर (6 बार यह शब्द दोहराया) एक फैशन हो गया है. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग हो जाता.'

रामखेलावन का कहना था कि जिनकी बदौलत अमित शाह आज गृहमंत्री हैं, उन्हीं के खिलाफ उन्होंने ऐसी टिप्पणी की, जिनको करोड़ों गरीब मजदूर अपना भगवान मानते हैं. उनकी इस टिप्पणी से करोड़ों लोगों की भावानाएं आहत हुई हैं. इससे मेरी भी भावना आहत हुई है. इसी को लेकर मैंने अमित शाह के खिलाफ परिवाद दायर किया है.

बीते 24 दिसंबर 2024 को याचिकाकर्ता ने पुलिस अधीक्षक को रजिस्टर्ड डाक से कार्रवाई के लिए तहरीर भेजी थी. लेकिन, पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं की गई. जिसको लेकर उसने कोर्ट का सहारा लिया. इस बाबत परिवादी के अधिवक्ता जयप्रकाश ने बताया कि हमने कोर्ट में पेपर कटिंग, पेन ड्राइव में अमित शाह के बयान का वीडियो, वादी का कास्ट सार्टिफिकेट दाखिल किया है.

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