प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बार-बार समय दिये जाने के बावजूद अर्जी पर जवाब दाखिल न करने पर विवेचना अधिकारी को 10 नवम्बर को रिकॉर्ड के साथ तलब किया है. कोर्ट ने कहा है कि आदेश की प्रति एसपी शाहजहांपुर को भेजी जाय. यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने जलालाबाद के अनमोल सिंह की जमानत अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया है.
10 अगस्त को हुई थी विवाहिता की मौत
याची अधिवक्ता आर एन यादव का कहना है कि ग्राम सरैया के श्रीराम ने अपनी बेटी मुनीशा देवी की शादी एक मोटरसाइकिल और दो लाख नकद देकर अनमोल से की थी. शादी के दो माह बीतते ही ससुरालवालों ने सताना शुरू किया और बोलेरो की मांग की. असमर्थता व्यक्त करने पर लड़की से मारपीट करने लगे. 10 अगस्त को फोन कर सूचित किया कि मुनीशा की मौत हो गयी है. लड़की के पिता और भाई मौके पर पहुंचे और दहेज हत्या के आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी.
दहेज मांगने का कोई साक्ष्य न होने के बावजूद भेजा गया जेल
मामले में दहेज मांगने का कोई साक्ष्य न होने के बावजूद याची को जेल भेज दिया गया है. सत्र न्यायालय ने जमानत अर्जी खारिज कर दी है. इसके बाद यह अर्जी दाखिल की गयी है. कोर्ट ने तीन बार सरकारी वकील को जवाब दाखिल करने का समय दिया था, किन्तु कोई कार्रवाई नहीं हुई तो यह आदेश दिया गया है.