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चहेते को रखने के लिए सफल अभ्यर्थी को फेल करने की जांच का निर्देश

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Published : Jun 1, 2022, 10:27 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नियुक्ति से इंकार करने के मामले में माध्यमिक शिक्षा निदेशक (director of secondary education) लखनऊ को 6 हफ्ते में जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चहेते की नियुक्ति करने के लिए सफल अभ्यर्थी को मिले क्वालिटी प्वाइंट अंक को टाइपिंग गलती मान जिला विद्यालय निरीक्षक जौनपुर द्वारा नियुक्ति से इंकार करने के मामले में जांच का निर्देश दिया है. कोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक (director of secondary education) लखनऊ को 6 हफ्ते में जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी.

कोर्ट में निरीक्षक की ओर से पेश अधूरी मूल पत्रावली वापस करते हुए कोर्ट ने छाया प्रति पत्रावली पर रखने को कहा है और 27 जुलाई को मूल पत्रावली के साथ डीआईओ एस राजकुमार पंडित (DIO S Rajkumar Pandit) को फिर हाजिर होने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने अजय कुमार पाण्डेय की याचिका पर दिया है. कोर्ट ने जिला विद्यालय निरीक्षक जौनपुर राजकुमार पंडित और श्रीराम जानकी संस्कृत महाविद्यालय तियरा, बदलापुर, जौनपुर के प्रबंधक त्रिलोकी नाथ मिश्र को पक्षकार बनाते हुए तलब किया था.

इसे भी पढ़ेंः विश्वविद्यालय के कुलसचिव एवं उपकुल सचिव को यूजीसी स्वीकृत वेतनमान देने पर विचार का निर्देश

पत्रावली के साथ निरीक्षक हाजिर हुए आर बताया कि याची को 100.166 अंक मिले हैं. लिपिक की गलती से 111.000 अंक दर्ज हो गया है, इसलिए याची को नियुक्ति देने से इंकार किया गया है. जब कि याची का कहना है कि रंजीत दूबे की नियुक्ति करना चाहते हैं, इसलिए मेरे साथ गड़बड़ी की गई है. कोर्ट ने निरीक्षक से पूछा चयन प्रक्रिया का पूरी पत्रावली क्यों नहीं लाये, तो कोई जवाब नहीं दिया. यही नहीं प्रबंधक भी हाजिर नहीं हुए. कोर्ट ने पाया कि पत्रावली में छेड़छाड़ की गई है. ओवर राइटिंग की गई है. इसकी निष्पक्ष जांच जरूरी है.

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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चहेते की नियुक्ति करने के लिए सफल अभ्यर्थी को मिले क्वालिटी प्वाइंट अंक को टाइपिंग गलती मान जिला विद्यालय निरीक्षक जौनपुर द्वारा नियुक्ति से इंकार करने के मामले में जांच का निर्देश दिया है. कोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक (director of secondary education) लखनऊ को 6 हफ्ते में जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी.

कोर्ट में निरीक्षक की ओर से पेश अधूरी मूल पत्रावली वापस करते हुए कोर्ट ने छाया प्रति पत्रावली पर रखने को कहा है और 27 जुलाई को मूल पत्रावली के साथ डीआईओ एस राजकुमार पंडित (DIO S Rajkumar Pandit) को फिर हाजिर होने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने अजय कुमार पाण्डेय की याचिका पर दिया है. कोर्ट ने जिला विद्यालय निरीक्षक जौनपुर राजकुमार पंडित और श्रीराम जानकी संस्कृत महाविद्यालय तियरा, बदलापुर, जौनपुर के प्रबंधक त्रिलोकी नाथ मिश्र को पक्षकार बनाते हुए तलब किया था.

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पत्रावली के साथ निरीक्षक हाजिर हुए आर बताया कि याची को 100.166 अंक मिले हैं. लिपिक की गलती से 111.000 अंक दर्ज हो गया है, इसलिए याची को नियुक्ति देने से इंकार किया गया है. जब कि याची का कहना है कि रंजीत दूबे की नियुक्ति करना चाहते हैं, इसलिए मेरे साथ गड़बड़ी की गई है. कोर्ट ने निरीक्षक से पूछा चयन प्रक्रिया का पूरी पत्रावली क्यों नहीं लाये, तो कोई जवाब नहीं दिया. यही नहीं प्रबंधक भी हाजिर नहीं हुए. कोर्ट ने पाया कि पत्रावली में छेड़छाड़ की गई है. ओवर राइटिंग की गई है. इसकी निष्पक्ष जांच जरूरी है.

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