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प्रयागराज: गांवों में पहुंचा बाढ़ का पानी, आवागमन हुआ बाधित

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में पिछले दो दिनों में गंगा-यमुना में सात सेंटीमीटर की रफ्तार से प्रति घंटा जलस्तर में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. जलस्तर बढ़ने से घाट से सटे कई गांवों में बाढ़ का पानी पहुंच गया है. जिसकी वजह से आवागमन बाधित होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

गांवों में बाढ़ के पानी से आवागमन हुआ बाधित.
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Published : Sep 13, 2019, 9:32 PM IST

प्रयागराज: गंगा-यमुना में एक बार फिर से जलस्तर बढ़ने से जनपद में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. पिछले दो दिनों से गंगा-यमुना में सात सेंटीमीटर की रफ्तार से प्रति घंटा जलस्तर में बढोतरी देखने को मिल रही है. लगातार जलस्तर बढ़ने से घाट से सटे कई गांवों में बाढ़ का पानी पहुंच गया है. जिसकी वजह से आवागमन बाधित होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

गांवों में बाढ़ का पानी पहुंचने से आवागमन हुआ बाधित.
बरियारपुर बांध से छोड़ा गया 5 लाख क्यूसेक पानी
केन नदी में बने बरियारपुर बांध से पिछले तीन दिनों में पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. वहीं, बेतवा नदी में बने माताटीला बांध से सात लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इसका सीधा असर गंगा-यमुना दोनों नदियों में देखने को मिल रहा है.

तेजी से बढ़ रहा यमुना-गंगा का जलस्तर
यमुना का जलस्तर गुरुवार की रात नैनी की ओर 81.79 मीटर तक पहुंच गया है. गंगा का जलस्तर 81.88 मीटर तक पहुंच गया है. शुक्रवार की सुबह जलस्तर यमुना नदी नैनी की ओर 82.26 मीटर पहुंच गया है. वहीं, गंगा नदी का जलस्तर 82.45 मीटर तक पहुंचा गया है.

इन गांवों में पहुंचा बाढ़ का पानी
दारागंज, सलोरी और बघाड़ा एरिया, सोनावती, बदरा, ककरा घाट, सदियापुर, लाला पुर, महेवा पूरब आदि गांवों में पानी प्रवेश कर गया है. वहीं, बदरा गांव में बाढ़ का पानी घुसने से शहर जाने वाला रास्ता पूरी तरह पानी से डूब गया है. जिसके चलते आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है.

यह भी पढ़ें: पिछली सरकार से पांच गुना बढ़ा है योगी सरकार में भ्रष्टाचार: ओमप्रकाश राजभर

बाढ़ के पानी से शहर जाने का रास्ता पूरी तरह से जाम हो जाता है. वहीं, बिजली पानी और खाने-पीने के लिए समस्याओं का सामना करना पड़ता है. सरकार की ओर से बाढ़ से बचाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.
कल्लू चौधरी, गांव निवासी

हर साल गांव में बाढ़ की स्थिति बनती है. नेता मंत्री आते हैं और वादा कर चले जाते हैं. लेकिन आज तक बाढ़ के पानी से बचने के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया है.
बलराम, गांव निवासी

प्रयागराज: गंगा-यमुना में एक बार फिर से जलस्तर बढ़ने से जनपद में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. पिछले दो दिनों से गंगा-यमुना में सात सेंटीमीटर की रफ्तार से प्रति घंटा जलस्तर में बढोतरी देखने को मिल रही है. लगातार जलस्तर बढ़ने से घाट से सटे कई गांवों में बाढ़ का पानी पहुंच गया है. जिसकी वजह से आवागमन बाधित होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

गांवों में बाढ़ का पानी पहुंचने से आवागमन हुआ बाधित.
बरियारपुर बांध से छोड़ा गया 5 लाख क्यूसेक पानी
केन नदी में बने बरियारपुर बांध से पिछले तीन दिनों में पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. वहीं, बेतवा नदी में बने माताटीला बांध से सात लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इसका सीधा असर गंगा-यमुना दोनों नदियों में देखने को मिल रहा है.

तेजी से बढ़ रहा यमुना-गंगा का जलस्तर
यमुना का जलस्तर गुरुवार की रात नैनी की ओर 81.79 मीटर तक पहुंच गया है. गंगा का जलस्तर 81.88 मीटर तक पहुंच गया है. शुक्रवार की सुबह जलस्तर यमुना नदी नैनी की ओर 82.26 मीटर पहुंच गया है. वहीं, गंगा नदी का जलस्तर 82.45 मीटर तक पहुंचा गया है.

इन गांवों में पहुंचा बाढ़ का पानी
दारागंज, सलोरी और बघाड़ा एरिया, सोनावती, बदरा, ककरा घाट, सदियापुर, लाला पुर, महेवा पूरब आदि गांवों में पानी प्रवेश कर गया है. वहीं, बदरा गांव में बाढ़ का पानी घुसने से शहर जाने वाला रास्ता पूरी तरह पानी से डूब गया है. जिसके चलते आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है.

यह भी पढ़ें: पिछली सरकार से पांच गुना बढ़ा है योगी सरकार में भ्रष्टाचार: ओमप्रकाश राजभर

बाढ़ के पानी से शहर जाने का रास्ता पूरी तरह से जाम हो जाता है. वहीं, बिजली पानी और खाने-पीने के लिए समस्याओं का सामना करना पड़ता है. सरकार की ओर से बाढ़ से बचाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.
कल्लू चौधरी, गांव निवासी

हर साल गांव में बाढ़ की स्थिति बनती है. नेता मंत्री आते हैं और वादा कर चले जाते हैं. लेकिन आज तक बाढ़ के पानी से बचने के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया है.
बलराम, गांव निवासी

Intro:प्रयागराज: बदरा गांव में पहुंचा बाढ़ का पानी, आवागमन हुया ठप 7000668169 प्रयागराज बाढ़ ग्राउंड रिपोर्ट प्रयागराज: गंगा- यमुना में एक बार फिर से जलस्तर बढ़ने के जलते जनपद में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. पिछले दो दिनों से गंगा यमुना में सात सेंटीमीटर की रफ्तार से प्रति घंटा जलस्तर में बढोत्तरी देखने को मिल रहा है. पानी बढ़ने की वजह से घाट से सटे अगल-बगल गांवों में बाढ़ का पहुंच गया है. जिसकी वजह से लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. गंगा-यमुना जलस्तर बढ़ने से बदरा गांव में पानी पहुंचने से गांव वालों का आवागमन ठप हो गया है. यहीं नहीं लगभग कई गांव बाढ़ के चपेट में आ गए हैं. दोनों नदियों का पानी तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है. दूसरे प्रदेशों में हो रहे बारिश के कारण बढ़ रहा जलस्तर मध्यप्रदेश और उत्तरखंड में बारिश के कारण प्रयागराज में गंगा-यमुना का जलस्तर तेजी के साथ बढ़ रहा है. केन नदी में बने बरियारपुर बांध से पिछले तीन दिनों में पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है और बेतवा नदी में बने माताटीला बांध से सात लाख क्यूसेक पानी छोड़ने से इसका सीधा असर दोनों नदियों में देखने को मिल रहा है.


Body:इन गांवों में पहुंचा बाढ़ का पानी दो दिनों से लगातार बारिश के चलते पानी का भराव अधिक हो रहा है. दोनों नदियों में बाढ़ के पानी के साथ ही बारिश का पानी होने जनपद में बाढ़ की स्थिति बन रही है. दो दिनों से पानी बढ़ने से दारागंज, सलोरी और बघाड़ा एरिया में गुरुवार की शाम ही पानी पहुंच गया था. इसके साथ ही झूसी से सटे गांव सोनावती, बदरा, ककरा घाट, सदियापुर और यमुना पार में लाला पुर, महेवा पूरब आदि गांवों में पानी प्रवेश कर गया है. बदरा गांव में बाढ़ का पानी घुसने से शहर जाने वाला रास्ता पूरी तरह पानी से डूब गया है. जिसके चलते आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है.


Conclusion:गंगा-यमुना का जलस्तर गुरुवार की रात जलस्तर यमुना नदी में नैनी की ओर 81.79 मीटर तक पहुंच गया है. वहीं गंगा का जलस्तर 81.88 मीटर तक पहुंच गया है. दूसरी ओर यमुना का जलस्तर छतनाग की तरफ 81.79 मीटर तक पहुंचा. शुक्रवार की सुबह जलस्तर में बढोत्तरी शुक्रवार की सुबह गंगा यमुना के जलस्तर दोपहर तक यमुना नदी नैनी की ओर 82.26 मीटर पहुंच गया है. वहीं गंगा नदी का जलस्तर 82.45 मीटर तक पहुंचा और यमुना नदी छतनाग की तरफ 81.70 मीटर तह पहुंच गया है जलस्तर. गांव वालों की बढ़ी मुश्किलें बदरा गांव के निवासी कल्लू चौधरी ने बताया कि जब बाढ़ का पानी गांव में प्रवेश कर लेता है तो शहर जाने का रास्ता पूरी तरह से जाम हो जाता है. जिसके चलते बिजली पानी और खाने-पीने के लिए समस्याओं का सामना करना पड़ता है. सरकार कई बानी लेकिन गांव को बाढ़ से बचाने के लिए कोई मुख्य कदम नहीं उठाया गया. गांव के निवासी बलराम ने कहा कि गांव में पहली बार नहीं बाढ़ का पानी आया है, बल्कि हर साल यही स्थिति बनती है. नेता मंत्री आते हैं और वादा कर के जाते है कि गांव में आने जाने के लिए एक पुल का निर्माण कराया जाएगा. लेकिन आज तक बाढ़ के पानी से बचने के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया है. पानी बढ़ने से गांव शहर जाने का रास्ता ठप हो गया है. पानी बढ़ने से गांव के लोग काफी मुश्किलों का सामना करते हैं. बाईट-1. कल्लू चौधरी, गांव निवासी बाईट- 2. बलराम, गांव निवासी

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