प्रयागराज: गंगा-यमुना में एक बार फिर से जलस्तर बढ़ने से जनपद में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. पिछले दो दिनों से गंगा-यमुना में सात सेंटीमीटर की रफ्तार से प्रति घंटा जलस्तर में बढोतरी देखने को मिल रही है. लगातार जलस्तर बढ़ने से घाट से सटे कई गांवों में बाढ़ का पानी पहुंच गया है. जिसकी वजह से आवागमन बाधित होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
गांवों में बाढ़ का पानी पहुंचने से आवागमन हुआ बाधित. बरियारपुर बांध से छोड़ा गया 5 लाख क्यूसेक पानीकेन नदी में बने बरियारपुर बांध से पिछले तीन दिनों में पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. वहीं, बेतवा नदी में बने माताटीला बांध से सात लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इसका सीधा असर गंगा-यमुना दोनों नदियों में देखने को मिल रहा है.
तेजी से बढ़ रहा यमुना-गंगा का जलस्तर
यमुना का जलस्तर गुरुवार की रात नैनी की ओर 81.79 मीटर तक पहुंच गया है. गंगा का जलस्तर 81.88 मीटर तक पहुंच गया है. शुक्रवार की सुबह जलस्तर यमुना नदी नैनी की ओर 82.26 मीटर पहुंच गया है. वहीं, गंगा नदी का जलस्तर 82.45 मीटर तक पहुंचा गया है.
इन गांवों में पहुंचा बाढ़ का पानी
दारागंज, सलोरी और बघाड़ा एरिया, सोनावती, बदरा, ककरा घाट, सदियापुर, लाला पुर, महेवा पूरब आदि गांवों में पानी प्रवेश कर गया है. वहीं, बदरा गांव में बाढ़ का पानी घुसने से शहर जाने वाला रास्ता पूरी तरह पानी से डूब गया है. जिसके चलते आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है.
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बाढ़ के पानी से शहर जाने का रास्ता पूरी तरह से जाम हो जाता है. वहीं, बिजली पानी और खाने-पीने के लिए समस्याओं का सामना करना पड़ता है. सरकार की ओर से बाढ़ से बचाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.
कल्लू चौधरी, गांव निवासी
हर साल गांव में बाढ़ की स्थिति बनती है. नेता मंत्री आते हैं और वादा कर चले जाते हैं. लेकिन आज तक बाढ़ के पानी से बचने के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया है.
बलराम, गांव निवासी