प्रयागराज: हाईकोर्ट बार एसोसिएशन को आयकर के दायरे में मानते हुए आयकर वसूल किए जाने के मामले में बार एसाेसिएशन को बड़ी राहत मिली है. आयकर अपीलेट ट्रिब्यूनल ने आयकर आयुक्त (छूट) के आदेश को रद़द करते हुए उनको नए सिरे से बार एसोसिएशन का पक्ष सुनकर छह माह में आदेश पारित करने का निर्देश दिया है. आयुक्त(छूट) ने बार एसोसिएशन द्वारा आयकर में छूट दिए जाने की अर्जी खारिज कर दी थी. इस आदेश को अपीलेट ट्रिब्यूनल में चुनौती दी गई थी.
बार एसोसिएशन का पक्ष रख रहे वरिष्ठ कर एवं वित्त सलाहकार डा. पवन जायसवाल ने बताया कि बार एसोसिएशन ने आयकर की धारा 12 के तहत छूट देने के लिए आवेदन किया था, जिसे आयुक्त ने खारिज कर दिया और किसी भी प्रकार की छूट देने से इंकार कर दिया था. अपीलेट ट्रिब्यूनल के समक्ष दलील दी गई कि हाईकोर्ट बार एसोसिएशन 1958 से पंजीकृत संस्था जो सिर्फ अधिवक्ताओं के आपसी लाभ के लिए काम करती है. संस्था नो प्रॉफिट नो लॉस के सिद्दांत पर काम करती है. कोविड महामारी के कारण एसोसिएशन को लगभग साढ़े तीन करोड़ रुपये का अनुदान अधिवक्ताओं में बांटना पड़ा है. एसोसिएशन के पास आमदनी का जरिया सिर्फ सदस्यता शुल्क और फोटो एफिडेविट से होने वाली आमदनी है. इसके अलावा सवाधि जमा की रकम से मिलने वाले ब्याज को मिला कर अधिवक्ता कल्याण की योजनाएं एसोसिएशन द्वारा संचालित की जाती हैं.
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राधाकांत ओझा का कहना है कि पूर्व में आयकर विभाग द्वारा वसूले गए लगभग 40 लाख रुपये को रिफंड कराने के लिए हाईकोर्ट में अपील भी दाखिल की जाएगी. एसोसिएशन की ओर से बार के महासचिव एसडी सिंह जादौन ने भी पक्ष रखा.