प्रयागराजः हिंदू धर्म में धनतेरस और दीपावली का अलग ही महत्व है. धनतेरस पर खरीदारी करना शुभ माना जाता है. माना जाता है कि इस दिन खरीदारी व पूजा करने से सुख-समृद्धि और आरोग्य प्राप्त होता है. इस बार धनतेरस पर खरीदारी और पूजा-अर्चना के लिए कई शुभ और विशेष फल देने वाले मुहूर्त बन रहे हैं.
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि, मंगलवार 2 नवंबर को धनतेरस मनाया जाएगा. धनतेरस के दिन धन के देवता कुबेर, माता लक्ष्मी के साथ आयुर्वेद के देवता धन्वंतरि की पूजा विधि-विधान से की जाएगी.
हिंदू धर्म में धनतेरस के दिन वाहन, घर, संपत्ति, सोना, चांदी, बर्तन, कपड़े, धनिया, झाड़ू आदि खरीदने का महत्व है. इस दिन सभी लोग शुभ महूर्त देखकर ये वस्तुएं खरीदते हैं. धनतेरस के शुभ मुहूर्त और पूजा-विधि के बारे में ज्योतिषाचार्य शिप्रा सचदेव ने विशेष जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि धनतेरस की शाम उत्तर दिशा में कुबेर, धन्वंतरि भगवान और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. पूजा के समय घी का दीपक जलाएं. कुबेर को सफेद मिठाई और भगवान धन्वंतरि को पीली मिठाई चढ़ाएं.
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कृष्ण त्रयोदशी तिथि मंगलवार को सूर्योदय त्रिपुष्कर व सिद्ध योग में होगा जो सुबह 8.35 मिनट तक रहेगा. ज्योतिषाचार्य के अनुसार उक्त योग में सूर्योदय होने से इसका प्रभाव पूरे दिन बना रहेगा. ऐसे में खरीदारी शुभ होगी. इसी योग में धनतेरस का पर्व भी मनाया जाएगा.
चर लग्न - सुबह 8:40 से 10.10 बजे तक अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 11.11 बजे से 12:20 बजे तक अमृत मुहूर्त - दोपहर 11.33 बजे से 12.50 बजे तक शुभ योग, वृष लग्न - शाम 5:26 बजे से रात 8.20 बजे तक राहुकाल 3:00 बजे से 4:30 तक रहेगा, जिसमे आप पूजा पाठ के साथ-साथ कोई खरीदारी मत करें.
धनतेरस के मौके पर पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम को बन रहा है. विशेष फल प्राप्ति के लिए प्रदोष काल व वृष लग्न में शाम 6.00 बजे रात्रि 7.57 बजे तक पूजा करना श्रेयस्कर है. पूजा में मन और साधन की शुद्धता का विशेष ध्यान रखें.