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अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार अवमानना मामले में तलब

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए प्रशासनिक अधिकारियों पर तल्ख टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि कोर्ट का आदेश न मानने के अधिकारी आदती हो गए हैं. साथ ही कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार को अवमानना नोटिस जारी की है. कोर्ट ने कहा कि क्यों न रेणुका कुमार पर दंडित करने का आरोप निर्मित किया जाए.

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Published : Dec 16, 2020, 10:18 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार को अवमानना नोटिस जारी की है. साथ ही स्पष्टीकरण के साथ हाजिर होने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा कि क्यों न आदेश की अवहेलना करने पर उन्हें दंडित करने का आरोप निर्मित किया जाए.

आदेश का पालन न करने की अधिकारियों की प्रवृत्ति पर तल्ख टिप्पणी करते हुए न्यायाधीश वी.के बिडला ने कहा कि अक्सर देखा जा रहा है कि अधिकारी पहली बार में आदेश का पालन नहीं करते हैं और याची को अवमानना याचिका दाखिल करने को विवश करते हैं.

कोर्ट ने कहा कि अवमानना याचिका पर भी आदेश पालन करने का अवसर दिये जाने के बाद भी पालन नहीं करते हैं. आदेश न मानने के अधिकारी आदती हो गए हैं. कोर्ट ने इसे दुखद मानते हुए उम्मीद जताई है कि कोर्ट आदेश का पहली बार ही पालन करने के लिए अधिकारी हर संभव प्रयास करेंगे. साथ ही सरकार कोर्ट के आदेश का कड़ाई से पालन करने का सर्कुलर जारी करेगी, अन्यथा कोर्ट सख्त रुख अपनाने को विवश होगी.

जनता माध्यमिक विद्यालय नगला सुमेर परसोन एटा की याचिका पर कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा को तीन माह में वित्तीय अनुदान देने पर निर्णय लेने का निर्देश दिया था. याची अधिवक्ता डीसी द्विवेदी का कहना है कि आदेश की प्रति देने के बावजूद पालन नहीं किया गया तो अवमानना याचिका दायर की गई.

कोर्ट ने अवमानना याचिका पर आदेश पालन का एक माह का समय देते हुए निस्तारित कर दिया. फिर भी आदेश की अवहेलना जारी रही तो यह अवमानना याचिका दोबारा दाखिल की गई है. कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया अवमानना का केस बनता है. कोर्ट ने आरोप निर्मित करने के लिए अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा को तलब किया है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार को अवमानना नोटिस जारी की है. साथ ही स्पष्टीकरण के साथ हाजिर होने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा कि क्यों न आदेश की अवहेलना करने पर उन्हें दंडित करने का आरोप निर्मित किया जाए.

आदेश का पालन न करने की अधिकारियों की प्रवृत्ति पर तल्ख टिप्पणी करते हुए न्यायाधीश वी.के बिडला ने कहा कि अक्सर देखा जा रहा है कि अधिकारी पहली बार में आदेश का पालन नहीं करते हैं और याची को अवमानना याचिका दाखिल करने को विवश करते हैं.

कोर्ट ने कहा कि अवमानना याचिका पर भी आदेश पालन करने का अवसर दिये जाने के बाद भी पालन नहीं करते हैं. आदेश न मानने के अधिकारी आदती हो गए हैं. कोर्ट ने इसे दुखद मानते हुए उम्मीद जताई है कि कोर्ट आदेश का पहली बार ही पालन करने के लिए अधिकारी हर संभव प्रयास करेंगे. साथ ही सरकार कोर्ट के आदेश का कड़ाई से पालन करने का सर्कुलर जारी करेगी, अन्यथा कोर्ट सख्त रुख अपनाने को विवश होगी.

जनता माध्यमिक विद्यालय नगला सुमेर परसोन एटा की याचिका पर कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा को तीन माह में वित्तीय अनुदान देने पर निर्णय लेने का निर्देश दिया था. याची अधिवक्ता डीसी द्विवेदी का कहना है कि आदेश की प्रति देने के बावजूद पालन नहीं किया गया तो अवमानना याचिका दायर की गई.

कोर्ट ने अवमानना याचिका पर आदेश पालन का एक माह का समय देते हुए निस्तारित कर दिया. फिर भी आदेश की अवहेलना जारी रही तो यह अवमानना याचिका दोबारा दाखिल की गई है. कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया अवमानना का केस बनता है. कोर्ट ने आरोप निर्मित करने के लिए अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा को तलब किया है.

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