प्रयागराजः इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वर्ष 2018 की कांस्टेबल भर्ती में गैर राज्यों के अभ्यर्थियों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति दिए जाने के मामले में पुलिस भर्ती बोर्ड और राज्य सरकार से जानकारी मांगी है. इस मामले को लेकर गाजीपुर के शिवाकांत सिंह व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है.
हाईकोर्ट के समक्ष याचियों के अधिवक्ता प्रशांत मिश्रा ने दलील दी कि पुलिस भर्ती बोर्ड ने 14 जनवरी 2018 को नागरिक पुलिस में 41520 और पीएसी में 18000 नियुक्तियों के लिए आवेदन मांगे थे. याचियों ने इसके लिए आवेदन किया लेकिन उनका चयन इस आधार पर नहीं किया गया कि उन्होंने दो अलग-अलग नियुक्तियों में अपने दो अलग-अलग निवास स्थान भरे थे.
जबकि इसी भर्ती में कई ऐसे अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे दी गई जो मूलत राजस्थान के अथवा अन्य राज्यों के रहने वाले हैं. उन्होंने अपना निवास स्थान उत्तर प्रदेश के जिलों में दिखाया है. जबकि इन्हीं अभ्यर्थियों ने 2013 की कांस्टेबल भर्ती में अपना मूल निवास स्थान राजस्थान या दूसरे राज्यों को दिखाया था. याची गण का कहना है कि उन्होंने इस बाबत पुलिस भर्ती बोर्ड को प्रत्यावेदन देकर के सारे तथ्य प्रस्तुत किए थे. इसके बावजूद भर्ती बोर्ड ने कोई कार्रवाई नहीं की. कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार और पुलिस भर्ती बोर्ड को जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.
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