प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मिड डे मील की राशि छात्रों/अभिभावकों के बैंक खाते में जमा करने में घपले को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर राज्य सरकार से जानकारी मांगी है. याचिका पर अगली सुनवाई 24 अगस्त को होगी.
कोर्ट के आदेश पर समेकित महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव को भी पक्षकार बनाया गया है. यह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एम.एन भंडारी और न्यायाधीश एस.सी शर्मा की खंडपीठ ने विधि छात्र-छात्राओं प्राची त्रिपाठी व 9 अन्य की याचिका पर दिया है.
याचिका में कहा गया है कि कोविड 19 लॉकडाउन के चलते स्कूल बंद होने के कारण मिड डे मील योजना की राशि छात्रों या अभिभावकों के बैंक खाते में जमा करने का सरकार ने फैसला लिया. याचियों की टीम बीएसए कार्यालय मम्फोर्डगंज गई. वहां पर राजीव त्रिपाठी मिले. उन्होंने बताया कि फंड स्कूल को दे दिया गया है, जहां से छात्रों के खाते में जमा किया जा रहा है. यह भी कहा कि ब्यौरा स्कूल में मिलेगा.
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इसको लेकर याचियों की टीम स्कूलों में भी गई. किसी भी स्कूल ने धन खाते में जमा करने का डाटा नहीं दिया, जिससे भारी घपले की आशंका है. खाद्य सुरक्षा कानून के तहत 6 से 14 साल के बच्चों को मुफ्त मध्यान्ह भोजन योजना लागू की गई है, जो जीवन के मूल अधिकार में शामिल है. याचिका में योजना पर ठीक से अमल कराने व जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ जांचकर कार्रवाई करने की मांग की गई है.