अयोध्या: राम जन्मभूमि परिसर में चल रहे मंदिरों के निर्माण कार्य की समीक्षा करने के लिए अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के नेतृत्व में दो दिवसीय निर्माण समिति की बैठक प्रारंभ हुई. इसमें राम जन्मभूमि परिसर में आने वाली श्रद्धालुओं की सुविधाओं को बढ़ाए जाने पर मंथन किया गया. समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि पहले दिन प्रारंभिक निरीक्षण कर निर्माण कार्य को देखा गया है. इसमें कुछ नए प्रस्ताव भी आए हैं, विशेष रूप से निकासी मार्ग गेट नंबर 3 के पास भी जूता चप्पल रखने की व्यवस्था होनी चाहिए. यानी कि परिसर में दो स्थानों पर यह व्यवस्था बनाई जाएगी. जिससे आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा मिले.
उन्होंने बताया कि परिसर में निर्माणाधीन मंदिरों में मूर्तियों के स्थापित करने के बारे में भी विस्तार पूर्वक चर्चा की गई है और स्पष्ट रूप से तय हो गया है कि जैसे ही यह भीड़ कम होगी, तो सबसे पहले यात्री सुविधा केंद्र पर बने मंदिर में तुलसीदास जी की मूर्ति को लगा दी जाएगी, जिसकी स्वीकृति मिल गई है. उसके बाद सप्तर्षियों की मूर्तियों को भी स्थापित करने के लिए पहुंच जाएगा. अनुमान है कि परकोटा में बने शिव जी के मंदिर में शिवलिंग की भी स्थापना मार्च में कर लिया जाएगा.
उन्होंने बताया कि राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार की मूर्ति को स्थापित किए जाने पर विचार किया जा रहा है. लेकिन इसके पहले मूर्ति का अंतिम मुवायना करने के लिए वास्तुकार वासुदेव कामत और ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय 26 फरवरी को जयपुर जाएगे. जिसकी अनुमति मिलने के बाद मार्च के अंतिम सप्ताह तक अयोध्या लाया जाएगा.
उन्हेंने बताया कि राम जन्मभूमि परिसर में दो कुंड का भी निर्माण किया जा रहा है. इसमें पहले कुंड जलाशय होगा. सप्त मंदिरों के बीच बनाई जा रही है, जो कि वास्तु दृष्टि से भी इसकी आवश्यकता समझा जा रहा है, जिसकी खुदाई शुरू हो गई है, तो वहीं दूसरा हवन कुंड की कल्पना है, जो अस्थाई मंदिर में रामलला को विराजमान कराया गया था, उसे स्थान पर होगा. इसके पास एक मंदिर का भी स्वरूप दिया जाएगा, जो एक इतिहास होगा, वर्तमान में वहां पर हनुमान जी विराजमान है.
उन्होंने राम मंदिर परिसर में प्रतिदिन लाखों श्रद्धालुओं के दर्शन कराए जाने की सुविधा को लेकर बताया कि बीते 20 से 25 दिनों में एक करोड़ से अधिक राम भक्तों ने राम जन्मभूमि परिसर में दर्शन किया है. इसके लिए मंदिर परिसर में पर्याप्त व्यवस्थाएं बनाई गई है. इसमें मुख्य रूप से राम मंदिर के प्रवेश से पहले सीढ़ी और निकास द्वार पर बने सीढ़ी पर श्रद्धालुओं के चलने के दौरान विशेष सतर्कता बढ़ाने की आवश्यकता देखी गई है.
उन्होंने बताया कि वर्तमान में अप्रत्याशित भीड़ परिसर में पहुंच रही है. इसके कारण श्रद्धालु अपने सामानों के साथ दर्शन कर रहे हैं, लेकिन सुरक्षा का विशेष ख्याल रखा जा रहा है आने वाले सभी श्रद्धालुओं के आने और बाहर जाने तक के सभी स्थानों पर विशेष नजर रखी जा रही है.
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