ETV Bharat / state

HC: अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के बाद अध्यापक की पदावनति सही

अध्यापक की पदावनति को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण आदेश दिया है. चलिए जानते हैं इसके बारे में.

Etv bharat
अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के बाद अध्यापक की पदावनति सही हाई कोर्ट
author img

By

Published : Dec 24, 2022, 7:46 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने कहा है कि स्वयं से मांगे गए अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के बाद अध्यापक का वरिष्ठता क्रम कम करना या उसे पदावनत करने का निर्णय सही है. अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के बाद नए जिले में तैनाती के बाद अध्यापक उसी वरिष्ठता व वेतन की मांग नहीं कर सकता है जिस वरिष्ठता व वेतन पर वह पूर्व के जिले में नियुक्त था. कोर्ट ने इटावा से अंतर्जनपदीय स्थानांतरण पर फिरोजाबाद स्थानांतरित धर्मेंद्र सिंह की याचिका को खारिज करते हुए यह आदेश दिया है. याचिका पर न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव ने सुनवाई की.

याची का कहना था कि वह इटावा में हेड मास्टर के पद पर नियुक्त था तथा उसे 4600 वेतन ग्रेड मिल रहा था. स्थानांतरण के बाद फिरोजाबाद जाने पर उसे सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति दी गई तथा उसका वेतन ग्रेड 4200 कर दिया गया. याची का कहना था कि उससे इस आशय का हलफनामा लिया गया कि वह अपनी पदावनति स्वीकार करता है. याची के पास हलफनामा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं था.

याचिका का विरोध कर रहे बेसिक शिक्षा परिषद फिरोजाबाद के अधिवक्ता भूपेंद्र यादव का कहना था कि याची ने स्वयं अंडरटेकिंग देकर के पदावनति स्वीकार की है. अंतर्जनपदीय स्थानांतरण उसके स्वयं के अनुरोध पर किया गया है तथा स्थानांतरण नीति के अनुसार दूसरे जिले से स्थानांतरित अध्यापक को वरिष्ठता सूची में सबसे निचले पायदान पर रखा जाता है इसलिए याची किसी प्रकार के भेदभाव की शिकायत नहीं कर सकता है.

कोर्ट ने कहा कि याची का स्थानांतरण उसके स्वयं के अनुरोध पर किया गया है तथा उसने इस संबंध में अंडरटेकिंग भी दी थी इसलिए वह प्रोन्नत पद पर नियुक्ति की मांग नहीं कर सकता है. बेसिक शिक्षा विभाग की स्थानांतरण नीति में यह प्रावधान इसलिए भी किया गया है ताकि दूसरे जिले से स्थानांतरित होकर आने वाले अध्यापक की वजह से उस जिले के अध्यापकों की वरिष्ठता प्रभावित न हो इसलिए याची नई तैनाती में पूर्व के जिले की वरिष्ठता की मांग नहीं कर सकता है.

ये भी पढ़ें: निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण मामले की बहस पूरी, 27 दिसंबर को आएगा फैसला

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने कहा है कि स्वयं से मांगे गए अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के बाद अध्यापक का वरिष्ठता क्रम कम करना या उसे पदावनत करने का निर्णय सही है. अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के बाद नए जिले में तैनाती के बाद अध्यापक उसी वरिष्ठता व वेतन की मांग नहीं कर सकता है जिस वरिष्ठता व वेतन पर वह पूर्व के जिले में नियुक्त था. कोर्ट ने इटावा से अंतर्जनपदीय स्थानांतरण पर फिरोजाबाद स्थानांतरित धर्मेंद्र सिंह की याचिका को खारिज करते हुए यह आदेश दिया है. याचिका पर न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव ने सुनवाई की.

याची का कहना था कि वह इटावा में हेड मास्टर के पद पर नियुक्त था तथा उसे 4600 वेतन ग्रेड मिल रहा था. स्थानांतरण के बाद फिरोजाबाद जाने पर उसे सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति दी गई तथा उसका वेतन ग्रेड 4200 कर दिया गया. याची का कहना था कि उससे इस आशय का हलफनामा लिया गया कि वह अपनी पदावनति स्वीकार करता है. याची के पास हलफनामा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं था.

याचिका का विरोध कर रहे बेसिक शिक्षा परिषद फिरोजाबाद के अधिवक्ता भूपेंद्र यादव का कहना था कि याची ने स्वयं अंडरटेकिंग देकर के पदावनति स्वीकार की है. अंतर्जनपदीय स्थानांतरण उसके स्वयं के अनुरोध पर किया गया है तथा स्थानांतरण नीति के अनुसार दूसरे जिले से स्थानांतरित अध्यापक को वरिष्ठता सूची में सबसे निचले पायदान पर रखा जाता है इसलिए याची किसी प्रकार के भेदभाव की शिकायत नहीं कर सकता है.

कोर्ट ने कहा कि याची का स्थानांतरण उसके स्वयं के अनुरोध पर किया गया है तथा उसने इस संबंध में अंडरटेकिंग भी दी थी इसलिए वह प्रोन्नत पद पर नियुक्ति की मांग नहीं कर सकता है. बेसिक शिक्षा विभाग की स्थानांतरण नीति में यह प्रावधान इसलिए भी किया गया है ताकि दूसरे जिले से स्थानांतरित होकर आने वाले अध्यापक की वजह से उस जिले के अध्यापकों की वरिष्ठता प्रभावित न हो इसलिए याची नई तैनाती में पूर्व के जिले की वरिष्ठता की मांग नहीं कर सकता है.

ये भी पढ़ें: निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण मामले की बहस पूरी, 27 दिसंबर को आएगा फैसला

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.