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अध्यापकों को चुनाव ड्यूटी पर तैनात करना कानून के खिलाफ नहीं: हाईकोर्ट - हाईकोर्ट समाचार

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने अध्यापकों की चुनावी ड्यूटी को सही करार दिया है. साथ ही कोर्ट ने कहा कि अध्यापकों को चुनाव ड्यूटी पर तैनात करना कानून के खिलाफ नहीं है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Nov 13, 2021, 8:44 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने अध्यापकों की ड्यूटी चुनाव के काम में लगाने को सही करार दिया है. एकल पीठ के आदेश के खिलाफ खंडपीठ में विशेष अपील दाखिल कर चुनौती दी गई थी. एकल पीठ ने बीएसए कौशांबी (BSA Kaushambi) के उस आदेश को सही करार दिया था, जिससे अध्यापकों को चुनाव ड्यूटी (Election Duty) में तैनात किया गया था.

यह आदेश न्यायमूर्ति एम एन भंडारी व न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने बेसिक शिक्षा परिषद (Basic Education Council) द्वारा संचालित प्राइमरी स्कूल के टीचर, शिव सिंह, दरियाव का पूरा, नेवादा, जिला कौशांबी की विशेष अपील को निस्तारित करते हुए दिया है.


याची का कहना था कि वह प्राइमरी स्कूल में टीचर है. उसे और उसके साथ के अन्य टीचरों को बीएलओ के रूप में चुनाव ड्यूटी पर लगाया जा रहा है, जो गलत है. कहा गया था कि अध्यापक का काम पढ़ाने का है, चुनाव ड्यूटी करने का नहीं. पढ़ाई के अलावा दूसरे काम लेने से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होगी.

इसे भी पढ़ें-क्लर्क का इस्तीफा अस्वीकार करने वाले जिला जज पर 21 हजार रुपए हाई कोर्ट ने लगाया जुर्माना

कोर्ट ने कहा कि अनिवार्य शिक्षा अधिकार नियमावली-2011 के नियम 27 टीचरों को चुनाव ड्यूटी लगाने की अनुमति देता है. कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया (Election Commission of India) बनाम सेन्ट मेरी स्कूल केस (St. Mary School Case) में यह फैसला दे चुका है कि टीचरों को चुनाव ड्यूटी में लगाया जा सकता है. इसके बाद एकल जज ने याचिका खारिज कर दी. खंडपीठ ने आदेश में किसी भी प्रकार हस्तक्षेप से इन्कार कर दिया.

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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने अध्यापकों की ड्यूटी चुनाव के काम में लगाने को सही करार दिया है. एकल पीठ के आदेश के खिलाफ खंडपीठ में विशेष अपील दाखिल कर चुनौती दी गई थी. एकल पीठ ने बीएसए कौशांबी (BSA Kaushambi) के उस आदेश को सही करार दिया था, जिससे अध्यापकों को चुनाव ड्यूटी (Election Duty) में तैनात किया गया था.

यह आदेश न्यायमूर्ति एम एन भंडारी व न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने बेसिक शिक्षा परिषद (Basic Education Council) द्वारा संचालित प्राइमरी स्कूल के टीचर, शिव सिंह, दरियाव का पूरा, नेवादा, जिला कौशांबी की विशेष अपील को निस्तारित करते हुए दिया है.


याची का कहना था कि वह प्राइमरी स्कूल में टीचर है. उसे और उसके साथ के अन्य टीचरों को बीएलओ के रूप में चुनाव ड्यूटी पर लगाया जा रहा है, जो गलत है. कहा गया था कि अध्यापक का काम पढ़ाने का है, चुनाव ड्यूटी करने का नहीं. पढ़ाई के अलावा दूसरे काम लेने से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होगी.

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कोर्ट ने कहा कि अनिवार्य शिक्षा अधिकार नियमावली-2011 के नियम 27 टीचरों को चुनाव ड्यूटी लगाने की अनुमति देता है. कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया (Election Commission of India) बनाम सेन्ट मेरी स्कूल केस (St. Mary School Case) में यह फैसला दे चुका है कि टीचरों को चुनाव ड्यूटी में लगाया जा सकता है. इसके बाद एकल जज ने याचिका खारिज कर दी. खंडपीठ ने आदेश में किसी भी प्रकार हस्तक्षेप से इन्कार कर दिया.

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