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कोरोना पीड़ितों के लिए खुले मैदान में बनाएं अस्पताल : हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि प्रदेश सरकार ट्रैकिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट योजना में तेजी लाए. साथ ही शहरों में खुले मैदान लेकर अस्पताल बनाकर कोरोना पीड़ितों के इलाज की व्यवस्था करे. इस मामले में याचिका पर सुनवाई 19 अप्रैल को होगी.

इलाहाबाद हाईकोर्ट.
इलाहाबाद हाईकोर्ट.
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Published : Apr 13, 2021, 7:39 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण से अधिक प्रभावित नगरों में राज्य सरकार को दो या तीन हफ्ते के लिए पूर्ण लाकडाउन लगाने पर विचार करने का निर्देश दिया है. साथ ही कहा है कि सड़क पर कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के दिखायी न दे अन्यथा कोर्ट पुलिस के खिलाफ अवमानना कार्यवाही करेगी. हाईकोर्ट ने कहा है कि सामाजिक धार्मिक आयोजनों में 50 लोगों से अधिक न इकट्ठा हों.

'जरूरत पर संविदा पर स्टॉफ भी तैनात किया जाय'

हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार ट्रैकिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट योजना में तेजी लाए. साथ ही शहरों में खुले मैदान लेकर अस्थायी अस्पताल बनाकर कोरोना पीड़ितों के इलाज की व्यवस्था करे. जरूरी हो तो संविदा पर स्टॉफ भी तैनात किया जाय. कोरोना मामले को लेकर जनहित याचिका की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने कहा है कि नाइट कर्फ्यू या कोरोना कर्फ्यू संक्रमण फैलाव रोकने के छोटे कदम हैं.

'गैर जरूरी यातायात को नियंत्रित किया जाय'

हाईकोर्ट ने कहा कि नदी में जब तूफान आता है तो बांध उसे रोक नहीं पाते. फिर भी हमें कोरोना संक्रमण को रोकने के प्रयास करने चाहिए. हाईकोर्ट ने कहा कि दिन में भी गैर जरूरी यातायात को नियंत्रित किया जाय. हाईकोर्ट ने कहा कि विकास लोगों के लिए है. जब लोग ही नहीं रहेंगे तो विकास का क्या अर्थ रह जाएगा. हाईकोर्ट ने कहा कि लाकडाउन लगाना सही नहीं है, लकिन जिस तरह से संक्रमण फैल रहा है, उसे देखते हुए सरकार को शहरों में लॉकडाउन लगाने पर विचार करना चाहिए. कोरोना से अत्यधिक प्रभावित शहर लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी और गोरखपुर हैं.

'सरकार की 11 अप्रैल की गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन हो'

हाईकोर्ट ने कहा कि संक्रमण फैलते एक साल बीत रहा है, लेकिन इलाज की सुविधाओं को बढ़ाया नहीं जा सका. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की 11 अप्रैल की गाइडलाइंस का सभी जिलों के प्रशासन को कड़ाई से अमल में लाने का निर्देश दिया है. अगली सुनवाई की तिथि 19 अप्रैल को सचिव स्तर के अधिकारी का हलफनामा मांगा है. जिलाधिकारी प्रयागराज और सीएमओ प्रयागराज को हाईकोर्ट में हाजिर रहने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने कैंटोनमेंट जोन को अपडेट करने और रैपिड फोर्स को चौकन्ना रहने का निर्देश दिया है. कहा है कि हर 48 घंटे में जोन का सैनिटाइजेशन किया जाय और यूपी बोर्ड की ऑनलाइन परीक्षा दे रहे छात्रों की जांच करने पर बल दिया जाय.

स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में आईसीयू की संख्या बढ़ाने का निर्देश

हाईकोर्ट ने एसपीजीआई लखनऊ की तरह स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में आईसीयू की संख्या बढ़ाने और सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने राज्य व केन्द्र सरकार को एंटी वायरल दवाओं के उत्पाद और आपूर्ति बढ़ाने, जमाखोरी करने या ब्लैक मार्केटिंग करने वालों पर सख्ती करने का भी निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेन्द्र नाथ सिंह के सुझाव पर हाईकोर्ट कुछ दिन के लिए बंद करने और जरूरी केस जैसे ध्वस्तीकरण, वसूली या बेदखली आदि मामलों की ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई करने पर विचार करने का हाईकोर्ट प्रशासन से अनुरोध किया है.

पढ़ें: सीएम योगी ने खुद को किया आइसोलेट, ऑफिस के अधिकारी मिले कोरोना पॉजिटिव

हाईकोर्ट को बताया गया कि कोरोना मरीजों को अस्पताल भर्ती करने से इनकार कर रहे हैं. अस्पतालों में जगह नहीं है, कोरोना मरीजों से भरे हैं. हाईकोर्ट ने कहा कि संक्रमण के चलते जनजीवन पंगु हो गया है. लोग गाइडलाइंस का पालन करने में सहयोग नहीं दे रहे हैं. इलाज की व्यवस्था फेल है. मरीजों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण से अधिक प्रभावित नगरों में राज्य सरकार को दो या तीन हफ्ते के लिए पूर्ण लाकडाउन लगाने पर विचार करने का निर्देश दिया है. साथ ही कहा है कि सड़क पर कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के दिखायी न दे अन्यथा कोर्ट पुलिस के खिलाफ अवमानना कार्यवाही करेगी. हाईकोर्ट ने कहा है कि सामाजिक धार्मिक आयोजनों में 50 लोगों से अधिक न इकट्ठा हों.

'जरूरत पर संविदा पर स्टॉफ भी तैनात किया जाय'

हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार ट्रैकिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट योजना में तेजी लाए. साथ ही शहरों में खुले मैदान लेकर अस्थायी अस्पताल बनाकर कोरोना पीड़ितों के इलाज की व्यवस्था करे. जरूरी हो तो संविदा पर स्टॉफ भी तैनात किया जाय. कोरोना मामले को लेकर जनहित याचिका की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने कहा है कि नाइट कर्फ्यू या कोरोना कर्फ्यू संक्रमण फैलाव रोकने के छोटे कदम हैं.

'गैर जरूरी यातायात को नियंत्रित किया जाय'

हाईकोर्ट ने कहा कि नदी में जब तूफान आता है तो बांध उसे रोक नहीं पाते. फिर भी हमें कोरोना संक्रमण को रोकने के प्रयास करने चाहिए. हाईकोर्ट ने कहा कि दिन में भी गैर जरूरी यातायात को नियंत्रित किया जाय. हाईकोर्ट ने कहा कि विकास लोगों के लिए है. जब लोग ही नहीं रहेंगे तो विकास का क्या अर्थ रह जाएगा. हाईकोर्ट ने कहा कि लाकडाउन लगाना सही नहीं है, लकिन जिस तरह से संक्रमण फैल रहा है, उसे देखते हुए सरकार को शहरों में लॉकडाउन लगाने पर विचार करना चाहिए. कोरोना से अत्यधिक प्रभावित शहर लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी और गोरखपुर हैं.

'सरकार की 11 अप्रैल की गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन हो'

हाईकोर्ट ने कहा कि संक्रमण फैलते एक साल बीत रहा है, लेकिन इलाज की सुविधाओं को बढ़ाया नहीं जा सका. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की 11 अप्रैल की गाइडलाइंस का सभी जिलों के प्रशासन को कड़ाई से अमल में लाने का निर्देश दिया है. अगली सुनवाई की तिथि 19 अप्रैल को सचिव स्तर के अधिकारी का हलफनामा मांगा है. जिलाधिकारी प्रयागराज और सीएमओ प्रयागराज को हाईकोर्ट में हाजिर रहने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने कैंटोनमेंट जोन को अपडेट करने और रैपिड फोर्स को चौकन्ना रहने का निर्देश दिया है. कहा है कि हर 48 घंटे में जोन का सैनिटाइजेशन किया जाय और यूपी बोर्ड की ऑनलाइन परीक्षा दे रहे छात्रों की जांच करने पर बल दिया जाय.

स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में आईसीयू की संख्या बढ़ाने का निर्देश

हाईकोर्ट ने एसपीजीआई लखनऊ की तरह स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में आईसीयू की संख्या बढ़ाने और सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने राज्य व केन्द्र सरकार को एंटी वायरल दवाओं के उत्पाद और आपूर्ति बढ़ाने, जमाखोरी करने या ब्लैक मार्केटिंग करने वालों पर सख्ती करने का भी निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेन्द्र नाथ सिंह के सुझाव पर हाईकोर्ट कुछ दिन के लिए बंद करने और जरूरी केस जैसे ध्वस्तीकरण, वसूली या बेदखली आदि मामलों की ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई करने पर विचार करने का हाईकोर्ट प्रशासन से अनुरोध किया है.

पढ़ें: सीएम योगी ने खुद को किया आइसोलेट, ऑफिस के अधिकारी मिले कोरोना पॉजिटिव

हाईकोर्ट को बताया गया कि कोरोना मरीजों को अस्पताल भर्ती करने से इनकार कर रहे हैं. अस्पतालों में जगह नहीं है, कोरोना मरीजों से भरे हैं. हाईकोर्ट ने कहा कि संक्रमण के चलते जनजीवन पंगु हो गया है. लोग गाइडलाइंस का पालन करने में सहयोग नहीं दे रहे हैं. इलाज की व्यवस्था फेल है. मरीजों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है.

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