सीतापुर: कांग्रेस सांसद राकेश राठौर पर लगे महिला के यौन शोषण के आरोप का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. सांसद पर बीती 17 जनवरी 2025 को एफआईआर दर्ज होने के बाद भी आज तक उनकी गिरफ्तारी न होने से भाजपाइयों में खासा रोष है. जिसके चलते बुधवार को भाजपा के पदाधिकारियों की ओर से एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर कांग्रेस सांसद राकेश राठौर का पुतला फूंका. साथ ही उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया गया.
बता दें कि एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही सांसद राठौर का कोई पता नहीं चल सका है. वहीं सांसद के अधिवक्ता की ओर से एंटीसिपेटरी बेल को लेकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया था. जिसकी बुधवार को सुनवाई भी होनी थी. लेकिन केस में बुधवार की सुनवाई को गुरुवार पर टाल दिया गया है. भाजपा कार्यकर्ताओं ने सांसद की जल्द गिरफ्तारी की मांग की है.
दरअसल बीते दिनों कांग्रेस सांसद राकेश राठौर पर नगर कोतवाली क्षेत्र की एक महिला ने यौन शोषण का आरोप लगाया था. महिला ने इस बाबत पुलिस में शिकायत की थी. पुलिस की ओर से मामले का संज्ञान लेते हुए प्राथमिकी दर्ज की गई थी और आरोपी सांसद को अपना पक्ष रखने के लिए अंतिम अवसर दिया गया था. लेकिन जवाब देने के बजाय आरोपी सांसद की लोकेशन तक ट्रेस नहीं हो पा रही है.
फरार चल रहे सांसद की गिरफ्तारी की मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी के क्षेत्रीय अध्यक्ष कमलेश मिश्र, जिला प्रभारी नीरज सिंह, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा, जिला अध्यक्ष राजेश शुक्ला के साथ भारी संख्या में महिला पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ प्रदर्शन किया. आरोपी सांसद राकेश राठौर की गिरफ्तारी की मांग की और पुतला फूंका.
सांसद राकेश राठौर के राजनैतिक कैरियर की बात करें तो सन 2007 में बसपा के टिकट पर सीतापुर विधनसभा से चुनाव लड़ा था. जिसमें करीब 2300 वोट से राकेश राठौर चुनाव हार गये और उसके बाद राजनीति से दूरी बना ली. फिर राकेश ने बीजेपी का दामन थमा और 2017 का चुनाव बीजेपी से लड़ा और करीब 25 हजार वोट से चुनाव जीता और विधानसभा पहुंचे. लेकिन कुछ दिन बाद बीजेपी से उनका मोह भंग हो गया और सरकार के खिलाफ बयान देने लगे. उनके कई ऑडियो भी वायरल हुए. फिर 2021 में बीजेपी को छोड़कर सपा जॉइन की. लेकिन उनको टिकट नही मिला और फिर राकेश ने 2023 में नगर पालिका सीतापुर से अपनी पत्नी को अध्यक्ष का चुनाव लड़ाया. लेकिन हार का सामना करना पड़ा. उसके बाद राकेश ने सपा का दामन छोड़ कर कांग्रेस का दामन थाम लिया और 2024 लोकसभा के चुनाव में पीडीए का फार्मूला काम कर गया और राकेश संसद पहुंच गये.
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