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उत्तर प्रदेश के मुख्य सूचना आयुक्त दे जानकारी या हो हाजिर: हाईकोर्ट

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Published : Feb 16, 2022, 10:50 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्य सूचना आयुक्त उप्र लखनऊ को विचाराधीन द्वितीय अपील तय करने या 22 फरवरी को हाजिर होने का निर्देश दिया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट.
इलाहाबाद हाईकोर्ट.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्य सूचना आयुक्त उप्र लखनऊ को विचाराधीन द्वितीय अपील तय करने या 22 फरवरी को हाजिर होने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने जौनपुर के चंद्र प्रताप की याचिका पर दिया है. याची का कहना है कि बाबा सुक्खू मां प्रभू देवी इंटर कॉलेज गोल्हागौर जौनपुर की प्रबंध समिति ने चारागाह व कब्रगाह की जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है. प्रबंधक आशा देवी जब ग्राम प्रधान थीं, उसी समय से सार्वजनिक जमीन पर प्राइवेट कॉलेज बना लिया है. कॉलेज मान्यता प्राप्त है. इस कॉलेज के लिए विधायक से 30 लाख रुपये भी स्वीकृत करा लिए हैं.

याची ने चारागाह भूमि पर अवैध कब्जा करने की शिकायत की. कोर्ट ने तहसीलदार को धारा 67 राजस्व संहिता के तहत कार्यवाही करने का निर्देश दिया. तहसीलदार ने बेदखली का निर्देश दिया और जिलाधिकारी ने अपील खारिज कर दी. इसके खिलाफ याचिका भी खारिज हो गई. जिसे सुप्रीम कोर्ट में एस एल पी दाखिल कर चुनौती दी गई है. सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर तथा स्थिति कायम रखने का आदेश दिया है.

इसे भी पढ़ें-फर्जी अंकपत्र से नौकरी पाने वाले आरोपी सहायक अध्यापक की जमानत मंजूर, यह है पूरा मामला

याची ने आरटीआई के जरिए जिला विद्यालय निरीक्षक जौनपुर से एस एल पी में जवाब दाखिल करने के लिए केस की जानकारी मांगी.एक माह तक जानकारी न मिलने पर अपील दाखिल की, उसे भी तय नहीं किया गया तो द्वितीय अपील दाखिल की गई है. मुख्य सूचना आयुक्त ने भी अपील तय नहीं की तो यह याचिका दायर की गई है. कोर्ट ने सरकारी वकील से जानकारी प्राप्त कर बताने को कहा है. जानकारी न मिलने पर मुख्य सूचना आयुक्त को तलब किया है

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्य सूचना आयुक्त उप्र लखनऊ को विचाराधीन द्वितीय अपील तय करने या 22 फरवरी को हाजिर होने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने जौनपुर के चंद्र प्रताप की याचिका पर दिया है. याची का कहना है कि बाबा सुक्खू मां प्रभू देवी इंटर कॉलेज गोल्हागौर जौनपुर की प्रबंध समिति ने चारागाह व कब्रगाह की जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है. प्रबंधक आशा देवी जब ग्राम प्रधान थीं, उसी समय से सार्वजनिक जमीन पर प्राइवेट कॉलेज बना लिया है. कॉलेज मान्यता प्राप्त है. इस कॉलेज के लिए विधायक से 30 लाख रुपये भी स्वीकृत करा लिए हैं.

याची ने चारागाह भूमि पर अवैध कब्जा करने की शिकायत की. कोर्ट ने तहसीलदार को धारा 67 राजस्व संहिता के तहत कार्यवाही करने का निर्देश दिया. तहसीलदार ने बेदखली का निर्देश दिया और जिलाधिकारी ने अपील खारिज कर दी. इसके खिलाफ याचिका भी खारिज हो गई. जिसे सुप्रीम कोर्ट में एस एल पी दाखिल कर चुनौती दी गई है. सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर तथा स्थिति कायम रखने का आदेश दिया है.

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याची ने आरटीआई के जरिए जिला विद्यालय निरीक्षक जौनपुर से एस एल पी में जवाब दाखिल करने के लिए केस की जानकारी मांगी.एक माह तक जानकारी न मिलने पर अपील दाखिल की, उसे भी तय नहीं किया गया तो द्वितीय अपील दाखिल की गई है. मुख्य सूचना आयुक्त ने भी अपील तय नहीं की तो यह याचिका दायर की गई है. कोर्ट ने सरकारी वकील से जानकारी प्राप्त कर बताने को कहा है. जानकारी न मिलने पर मुख्य सूचना आयुक्त को तलब किया है

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