प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने माफिया अतीक अहमद के गुर्गे और 50 हजार के इनामी अपराधी असाद कालिया की जमानत अर्जी नामंजूर कर दी है. कालिया पर एक व्यक्ति के ऊपर जानलेवा हमला करने का मुकदमा दर्ज है. इसके अलावा वह चर्चित उमेश पाल हत्याकांड की साजिश में भी शामिल बताया जाता है. असाद कालिया ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी, जिस पर न्याय मूर्ति राजवीर सिंह ने सुनवाई की.
बचाव पक्ष की ओर से कहा गया कि याची को इस मुकदमे में झूठा फंसाया गया है. व्यावसायिक प्रतिद्वंद्विता के कारण शिकायतकर्ता अचल कुमार भारती ने एक भू माफिया के साथ मिलकर याची को झूठे मुकदमे में फंसाया है. जबकि शिकायतकर्ता अंचल कुमार भारती ने यह आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया है कि वह 26 जुलाई 2022 को मंदरी स्थित अपनी जमीन देखने गया था, तभी असाद कालिया अपने साथियों के साथ आया और जान से मारने की नीयत से उस पर पिस्टल से गोली चलाई. बचाव पक्ष का कहना था कि शिकायतकर्ता को कोई चोट नहीं आई है, घटना की प्राथमिक की करीब एक सप्ताह विलंब से 31 जुलाई 2022 को दर्ज कराई गई.
सरकारी वकील ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि असाद कालिया 50 हज़ार का इनामी अपराधी है. कालिया के खिलाफ 15 आपराधिक मुकदमों का रिकॉर्ड है. उमेश पाल हत्याकांड की विवेचना के दौरान यह भी प्रकाश में आया कि साजिश रचने में असद भी शामिल था. कोर्ट ने जमानत अर्जी नामंजूर करते हुए कहा है कि यदि 6 माह के भीतर इस मुकदमे के ट्रायल में कोई प्रगति नहीं होती है तो यह याची दोबारा जमानत अर्जी दाखिल कर सकता है.
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