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हाईकोर्ट ने अपर मुख्य सचिव गृह को किया तलब

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने अपर मुख्य सचिव गृह अविनाश कुमार अवस्थी, पुलिस अधीक्षक जालौन रवि कुमार पुलिस उप निरीक्षक नदी गांव केदार सिंह को 25 अगस्त हाजिर होने का आदेश दिया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Aug 24, 2021, 10:30 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने अपर मुख्य सचिव गृह अविनाश कुमार अवस्थी, पुलिस अधीक्षक जालौन रवि कुमार पुलिस उप निरीक्षक नदी गांव केदार सिंह को भ्रामक हलफनामा पेश करने के मामले में 25 अगस्त बुधवार को हाजिर होने का आदेश दिया है. कोर्ट ने पूछा है कि क्यों न इनके खिलाफ प्रतिकूल आदेश पारित किया जाय और भारी हर्जाना लगाया जाए. यह आदेश न्यायमूर्ति एस पी केसरवानी तथा न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने विशाल गुप्ता की याचिका पर दिया है.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव गृह, पुलिस अधीक्षक जालौन द्वारा दाखिल व्यक्तिगत हलफनामे को मिसलीड करने वाला बताया है. कोर्ट ने कहा कि पेश किए गए हलफनामे में यह नहीं बताया कि सामान्यतौर पर व्यावसायिक माल के आवागमन में किस प्राधिकार से हस्तक्षेप कर सकते हैं. यह नहीं बताया कि क्या कोई संज्ञेय अपराध हुआ है. यह भी नहीं बताया कि किस अधिकार से माल को लेकर अधिकारियों द्वारा एफआईआर दर्ज कराई गई है. कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव गृह से व्यापार नीति पेश करने को कहा है. याचिका की सुनवाई 25 अगस्त बुधवार को होगी.

इसे भी पढ़ें-दीमक की तरह देश को खोखला कर रही साइबर ठगी, इसकी जवाबदेही तय होनी चाहिएः हाईकोर्ट

कोर्ट ने कहा कि 13 व 18 अगस्त 21 को विस्तृत आदेश दिया गया था. इसके बावजूद अधिकारियों के असंवैधानिक, मनमाने व अवैध कार्यवाही को संरक्षण देने के रवैए में बदलाव नहीं आया है. कोर्ट ने कहा इन अधिकारियों को तलब करने के शिवाय कोर्ट के पास अन्य कोई विकल्प नहीं बचा है.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने अपर मुख्य सचिव गृह अविनाश कुमार अवस्थी, पुलिस अधीक्षक जालौन रवि कुमार पुलिस उप निरीक्षक नदी गांव केदार सिंह को भ्रामक हलफनामा पेश करने के मामले में 25 अगस्त बुधवार को हाजिर होने का आदेश दिया है. कोर्ट ने पूछा है कि क्यों न इनके खिलाफ प्रतिकूल आदेश पारित किया जाय और भारी हर्जाना लगाया जाए. यह आदेश न्यायमूर्ति एस पी केसरवानी तथा न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने विशाल गुप्ता की याचिका पर दिया है.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव गृह, पुलिस अधीक्षक जालौन द्वारा दाखिल व्यक्तिगत हलफनामे को मिसलीड करने वाला बताया है. कोर्ट ने कहा कि पेश किए गए हलफनामे में यह नहीं बताया कि सामान्यतौर पर व्यावसायिक माल के आवागमन में किस प्राधिकार से हस्तक्षेप कर सकते हैं. यह नहीं बताया कि क्या कोई संज्ञेय अपराध हुआ है. यह भी नहीं बताया कि किस अधिकार से माल को लेकर अधिकारियों द्वारा एफआईआर दर्ज कराई गई है. कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव गृह से व्यापार नीति पेश करने को कहा है. याचिका की सुनवाई 25 अगस्त बुधवार को होगी.

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कोर्ट ने कहा कि 13 व 18 अगस्त 21 को विस्तृत आदेश दिया गया था. इसके बावजूद अधिकारियों के असंवैधानिक, मनमाने व अवैध कार्यवाही को संरक्षण देने के रवैए में बदलाव नहीं आया है. कोर्ट ने कहा इन अधिकारियों को तलब करने के शिवाय कोर्ट के पास अन्य कोई विकल्प नहीं बचा है.

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