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2009 में बहाल हुए 22 हजार सिपाहियों को सेवा संबंधी सभी लाभ देने पर सरकार ले निर्णयः हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने 2005-06 में भर्ती हुए 22 हजार पुलिस कांस्टेबलों को राहत दी है. कोर्ट ने 2006 से इनकी सेवा निरंतर मानते हुए सेवा से संबंधी सभी लाभ देने का निर्देश राज्य सरकार को दिया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 18, 2023, 8:35 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को वर्ष 2005-06 की भर्ती में नियुक्त 22 हजार पुलिस कांस्टेबलों की बर्खास्तगी समाप्त होने के बाद वर्ष 2006 से उनकी सेवा निरंतर मानते हुए उन्हें वेतन वृद्धि व पदोन्नति समेत सभी लाभ देने पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है.

हाईकोर्ट ने यह आदेश मथुरा, गौतम बुद्ध नगर, आगरा, प्रयागराज, वाराणसी आदि जिलों में तैनात हेड कांस्टेबलों और कांस्टेबलों की याचिकाओं पर वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम और सरकारी वकील को सुनकर दिया है. कांस्टेबल नीरज कुमार पांडेय, रामकुमार, दीपक सिंह पोसवाल, रेखा गौतम, प्रमोद यादव व कई अन्य ने याचिकाओं में मांग की थी कि 17 फरवरी 2022 के शासनादेश के अनुपालन में 2005 -2006 बैच के आरक्षी सिविल पुलिस, आरक्षी पीएसी एवं सहायक परिचालक रेडियो विभाग को वर्ष 2006 से सेवा में निरंतर मानते हुए पेंशन, उपादान, वार्षिक वेतन वृद्धि तथा पदोन्नति का लाभ व एसीपी का लाभ अनुमन्य कराया जाए.

कांस्टेबलों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम का कहना था कि याची कांस्टेबलों की भर्ती वर्ष 2005-06 में सपा शासनकाल में हुई थी. इसके बाद आई बसपा सरकार इन्हें नौकरी से निकाल दिया. सुप्रीम कोर्ट तक कानूनी लड़ाई के बाद इन्हें सेवा में वर्ष 2009 में बहाल किया गया. कहा गया कि सभी कांस्टेबल वर्ष 2006 से नौकरी में है. इन्हें गलत आधार पर सेवा से निकाल दिया गया था. इस कारण सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वर्ष 2009 में इन्हें बहाल किया गया.

इसे भी पढ़ें-इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी, अंतर्जनपदीय स्थानांतरण का आवेदन रद्द नहीं कर सकता बेसिक शिक्षा परिषद

सीनियर एडवोकेट विजय गौतम का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट ने दीपक कुमार के केस में यह आदेश किया है कि वर्ष 2005-06 के आरक्षियों की नियुक्तियां उनकी नियुक्ति की तिथि से सेवा में निरंतर मानी जाएंगी और सभी कांस्टेबल सभी प्रकार के सेवा लाभ पाने के अनुमन्य होंगे. ऐसे में नियुक्ति की तिथि से सभी कांस्टेबल 16 वर्ष की सेवा पूर्ण कर द्वितीय प्रमोशनल पे स्केल यानी दरोगा के पद का वेतनमान प्रशिक्षण की अवधि को जोड़ते हुए पाने के हकदार हैं. लेकिन इन्हें अब तक इसका कोई लाभ नहीं दिया जा रहा है. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि कांस्टेबलों की याचिका पर अपर पुलिस महानिदेशक भवन व कल्याण व डीजीपी हेड क्वार्टर, दीपक कुमार केस में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के क्रम में जारी 17 फरवरी 2022 के शासनादेश के अनुपालन में याची कांस्टेबलों की सेवा को निरंतर मानते हुए उनके पेंशन, उपादान, वार्षिक वृद्धि, पदोन्नति व एसीपी का लाभ प्रदान करने के संबंध में दो माह के अंदर उचित आदेश करें.

इसे भी पढ़ें-आगरा में राधा स्वामी सत्संग भवन ध्वस्तीकरण पर इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला सुरक्षित

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को वर्ष 2005-06 की भर्ती में नियुक्त 22 हजार पुलिस कांस्टेबलों की बर्खास्तगी समाप्त होने के बाद वर्ष 2006 से उनकी सेवा निरंतर मानते हुए उन्हें वेतन वृद्धि व पदोन्नति समेत सभी लाभ देने पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है.

हाईकोर्ट ने यह आदेश मथुरा, गौतम बुद्ध नगर, आगरा, प्रयागराज, वाराणसी आदि जिलों में तैनात हेड कांस्टेबलों और कांस्टेबलों की याचिकाओं पर वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम और सरकारी वकील को सुनकर दिया है. कांस्टेबल नीरज कुमार पांडेय, रामकुमार, दीपक सिंह पोसवाल, रेखा गौतम, प्रमोद यादव व कई अन्य ने याचिकाओं में मांग की थी कि 17 फरवरी 2022 के शासनादेश के अनुपालन में 2005 -2006 बैच के आरक्षी सिविल पुलिस, आरक्षी पीएसी एवं सहायक परिचालक रेडियो विभाग को वर्ष 2006 से सेवा में निरंतर मानते हुए पेंशन, उपादान, वार्षिक वेतन वृद्धि तथा पदोन्नति का लाभ व एसीपी का लाभ अनुमन्य कराया जाए.

कांस्टेबलों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम का कहना था कि याची कांस्टेबलों की भर्ती वर्ष 2005-06 में सपा शासनकाल में हुई थी. इसके बाद आई बसपा सरकार इन्हें नौकरी से निकाल दिया. सुप्रीम कोर्ट तक कानूनी लड़ाई के बाद इन्हें सेवा में वर्ष 2009 में बहाल किया गया. कहा गया कि सभी कांस्टेबल वर्ष 2006 से नौकरी में है. इन्हें गलत आधार पर सेवा से निकाल दिया गया था. इस कारण सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वर्ष 2009 में इन्हें बहाल किया गया.

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सीनियर एडवोकेट विजय गौतम का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट ने दीपक कुमार के केस में यह आदेश किया है कि वर्ष 2005-06 के आरक्षियों की नियुक्तियां उनकी नियुक्ति की तिथि से सेवा में निरंतर मानी जाएंगी और सभी कांस्टेबल सभी प्रकार के सेवा लाभ पाने के अनुमन्य होंगे. ऐसे में नियुक्ति की तिथि से सभी कांस्टेबल 16 वर्ष की सेवा पूर्ण कर द्वितीय प्रमोशनल पे स्केल यानी दरोगा के पद का वेतनमान प्रशिक्षण की अवधि को जोड़ते हुए पाने के हकदार हैं. लेकिन इन्हें अब तक इसका कोई लाभ नहीं दिया जा रहा है. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि कांस्टेबलों की याचिका पर अपर पुलिस महानिदेशक भवन व कल्याण व डीजीपी हेड क्वार्टर, दीपक कुमार केस में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के क्रम में जारी 17 फरवरी 2022 के शासनादेश के अनुपालन में याची कांस्टेबलों की सेवा को निरंतर मानते हुए उनके पेंशन, उपादान, वार्षिक वृद्धि, पदोन्नति व एसीपी का लाभ प्रदान करने के संबंध में दो माह के अंदर उचित आदेश करें.

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