प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के जिला एवं सत्र अदालतों को निर्देश दिया है कि आपराधिक केस में प्राइवेट गवाहों की गवाही व परीक्षण यथासंभव उसी दिन पूरी कर ली जाए. हाईकोर्ट ने सभी विचारण अदालतों को भी निर्देश दिया है कि पहले प्राइवेट चश्मदीद गवाहों की गवाही व प्रति परीक्षा कराये, उसके बाद सरकारी गवाहों जैसे पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टरों, विवेचना अधिकारी आदि की गवाही कराई जाए. कोर्ट ने कहा कि आपराधिक केस का सही व निष्पक्ष ट्रायल कराने केलिए ऐसा किया जाना जरूरी है. क्योंकि बार-बार गवाही के लिए आने के कारण गवाह पक्षद्रोही हो जाते हैं.
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यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति वी के श्रीवास्तव की खंडपीठ ने हत्या के आरोप में उम्र कैद की सजा के खिलाफ राम चंद्र की अपील की सुनवाई करते हुए दिया है. जिसमें 1998 में सत्र अदालत द्वारा सुनाई गई सजा को चुनौती दी गई है. अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष अदालत शाहजहांपुर ने लरैती की हत्या का दोषी करार देते हुए आरोपी को उम्र कैद व जुर्माने की सजा सुनाई है. परिवारों में सिविल विवाद को लेकर तनाव था. जिसपर हत्या करने का आरोप है.