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हाईकोर्ट ने गुंडा एक्ट की कार्यवाही में सावधानी बरतने के दिए निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने गुण्डा एक्ट के तहत केस दर्ज करने में अपर मुख्य सचिव के 10 सितंबर 2021 को जारी आदेश का पालन करने का आदेश दिया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Sep 21, 2021, 9:24 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने कहा है कि गुण्डा एक्ट के तहत केस दर्ज करने में अपर मुख्य सचिव के 10 सितंबर 2021 को जारी आदेश का पालन किया जाए. कोर्ट ने प्रमुख सचिव गृह व डीजीपी को निर्देश दिया है कि आदेश का पालन कराएं, ताकि कानून का दुरुपयोग न होने पाए. दहेज उत्पीड़न के घरेलू मामले में गुण्डा एक्ट की नोटिस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई थी और हलफनामा मांगा था. जिस पर यह आदेश जारी किया गया है.

अपर मुख्य सचिव ने अपने आदेश में कहा है कि गुण्डा एक्ट के प्रावधानों का सावधानी पूर्वक परीक्षण कर नोटिस जारी की जाए, ताकि कानून का दुरुपयोग न होने पाए. इस मामले में शिथिलता के लिए दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.

जिलाधिकारी सोनभद्र ने हलफनामे में बताया कि एडीएम ने नोटिस वापस ले ली है. इसपर कोर्ट ने निर्देश ने सरकारी आदेश का पालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी तथा न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने शिव प्रसाद गुप्ता की याचिका पर दिया है.

इसे भी पढ़ें-इलाहाबाद हाईकोर्ट ने क्वालीफाइंग सर्विस में वर्कचार्ज सेवा भी शामिल करने का दिया निर्देश

मालूम हो कि एडीएम सोनभद्र ने याची को पारिवारिक विवाद को लेकर गुण्डा एक्ट के तहत कारण बताओ नोटिस जारी की, जिसे चुनौती दी गई थी. कोर्ट ने कहा कि गुण्डा एक्ट के तहत नोटिस जारी करने का कोई औचित्य नहीं है. पारिवारिक विवाद पर गुण्डा एक्ट कैसे लागू हो सकता है.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने कहा है कि गुण्डा एक्ट के तहत केस दर्ज करने में अपर मुख्य सचिव के 10 सितंबर 2021 को जारी आदेश का पालन किया जाए. कोर्ट ने प्रमुख सचिव गृह व डीजीपी को निर्देश दिया है कि आदेश का पालन कराएं, ताकि कानून का दुरुपयोग न होने पाए. दहेज उत्पीड़न के घरेलू मामले में गुण्डा एक्ट की नोटिस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई थी और हलफनामा मांगा था. जिस पर यह आदेश जारी किया गया है.

अपर मुख्य सचिव ने अपने आदेश में कहा है कि गुण्डा एक्ट के प्रावधानों का सावधानी पूर्वक परीक्षण कर नोटिस जारी की जाए, ताकि कानून का दुरुपयोग न होने पाए. इस मामले में शिथिलता के लिए दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.

जिलाधिकारी सोनभद्र ने हलफनामे में बताया कि एडीएम ने नोटिस वापस ले ली है. इसपर कोर्ट ने निर्देश ने सरकारी आदेश का पालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी तथा न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने शिव प्रसाद गुप्ता की याचिका पर दिया है.

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मालूम हो कि एडीएम सोनभद्र ने याची को पारिवारिक विवाद को लेकर गुण्डा एक्ट के तहत कारण बताओ नोटिस जारी की, जिसे चुनौती दी गई थी. कोर्ट ने कहा कि गुण्डा एक्ट के तहत नोटिस जारी करने का कोई औचित्य नहीं है. पारिवारिक विवाद पर गुण्डा एक्ट कैसे लागू हो सकता है.

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